NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी : सरकारी गऊशाला में भूख और ठंड से नौ गायों की मौत!
प्रशासन का कहना है कि गायों की उम्र बहुत ज्यादा थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई, मगर गऊशाला में गायों का इलाज करने पहुंचे चिकित्सक का कहना है कि गायों की मौत भूख और ठंड से हुई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Dec 2019
cow deaths
प्रतीकात्मक तस्वीर

बांदा (उत्तर प्रदेश): गाय के नाम पर रोज़ नए दावे और राजनीति करने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में भी गायों की दशा कुछ ठीक नहीं है।

ख़बर है कि बांदा जिले की अतर्रा तहसील स्थित एक सरकारी गऊशाला में कथित रूप से भूख और ठंड से कम से कम नौ गायों की मौत हो गयी। इस मामले में गऊशाला के दो कर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है।

प्रशासन का कहना है कि गायों की उम्र बहुत ज्यादा थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई, मगर गऊशाला में गायों का इलाज करने पहुंचे चिकित्सक का कहना है कि गायों की मौत भूख और ठण्ड से हुई है।

इसे पढ़ें : उत्तर प्रदेश: गाय ले जाने के लिए मिलेगा प्रमाणपत्र

अतर्रा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौरभ शुक्ला ने शुक्रवार को बताया कि अतर्रा में नगर पालिका द्वारा संचालित कान्हा पशु आश्रम केन्द्र में मरे गोवंशीय पशु बहुत बूढ़े थे और परिसर में खासी गंदगी थी, इसी वजह से नौ गायों की मौत हो गयी। इस मामले में गऊशाला के सफाई नायक और प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है।

ठंड के कारण गायों की मौत से इनकार करते हुए शुक्ला ने कहा कि अन्ना गायें तो वैसे भी बहुत वृद्ध होती हैं, जिन्हें उनके मालिक सड़क पर छोड़ देते हैं। वे अपने घर पर होती तो भी मरतीं। अब वे गऊशाला में मरी हैं। यह बात दूसरी है कि एक दिन में ज्यादा संख्या में गायें मर गयी हैं। एक—एक करके मरती तो कोई मुद्दा नहीं होता।

उधर, बीमार गौवंशीय पशुओं का इलाज कर रहे पशु चिकित्सक डॉक्टर योगेंद्र कुमार ने कहा कि ज्यादातर गायों की मौत भूख और ठंड से हुई है।

उन्होंने कहा कि चारा रखने के बर्तन की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण बड़ी और स्वस्थ गायें तो चारा खा लेती हैं, लेकिन छोटे और कमजोर गौवंशीय पशु भूखे रह जाते हैं। यहां कोई टिनशेड न होने के कारण भी ज्यादातर गायें ठंड लगने से बीमार हो गयी हैं।

कुमार ने बताया कि करीब एक दर्जन गायों की मौत हो चुकी हैं और दो दर्जन से ज्यादा बीमार हैं। किसी भी मृत गाय का पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया। नगर पालिका के कर्मचारियों ने उनके शव यूं ही फेंक दिए हैं।

इस बीच, कुछ गायों के शव ट्रैक्टर-ट्रॉली में लादकर फेंकने लिए जा रहे गऊशाला के प्रबंधक सन्तोष कुमार ने स्वीकार किया कि मृत गायों के शव बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही फेंके गए हैं।

गऊशाला में तैनात कर्मचारी रज्जी ने बताया कि यहां करीब 400 गौवंशीय पशु हैं, लेकिन कर्मचारियों की कमी और चारे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण जानवर मर रहे हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी पढ़ें :ख़ास रिपोर्ट : छुट्टा गायों की परेशानी और नेताओं की देशी-विदेशी गाय की राजनीति

UttarPradesh
Yogi Adityanath
yogi sarkar
Cow's death

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?

उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है


बाकी खबरें

  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति भारत को मध्य युग में ले जाएगी : मनोज झा
    23 Apr 2022
    राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को उस प्राचीन युग में वापस ले जाएगी जब केवल एक विशेष वर्ग वर्चस्व वाले समाज में एकलव्य को दूर में ही खड़ा होकर…
  • राज वाल्मीकि
    फ़ासीवादी व्यवस्था से टक्कर लेतीं  अजय सिंह की कविताएं
    23 Apr 2022
    अजय सिंह हमारे समय के एक बेबाक और बेख़ौफ़ कवि हैं। शायद यही वजह है कि उनकी कविताएं इतनी सीधे सीधे और साफ़ साफ़ बोलती हैं। इन्हीं कविताओं का नया संग्रह आया है—“यह स्मृति को बचाने का वक़्त है”, जिसका…
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजनीति की बर्बरता, मेवाणी 'अंदर', फ़ैज़ कविता बाहर
    23 Apr 2022
    देश के अलग-थलग हिस्सो मे अचानक बर्बरता का नंगा नाच क्यो होने लगा ? धर्म और राजनीति का ये कैसा चैहरा है ? इसके अलावा #HafteKiBaat मे मेवाणी की गिरफ्तारी और फ़ैज़ अहमद फैज की कविता को पाठ्यक्रम से…
  • जोए एलेक्जेंड्रा
    वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 
    23 Apr 2022
    सामाजिक आंदोलनों का यह महाद्वीपीय मंच मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने और अगले दौर को लेकर रणनीतियों को तय करने के लिए अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अपनी तीसरी महाद्वीपीय सभा का आयोजन करने जा रहा है।
  • रूबी सरकार
    अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे
    23 Apr 2022
    भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर मेगा इवेंट किया गया। भोपाल एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय और जम्बूरी मैदान तक सुरक्षा, सजावट और स्वागत पर करीब 15 करोड़ खर्च किए गए। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License