NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कटाक्ष: मास्टर स्ट्रोक ही मास्टर स्ट्रोक
फिर भी यह न तो भगदड़ का मामला है और न तोड़-फोड़ के ग्लोबल षडयंत्र का। यह तो योगी जी के मास्टर स्ट्रोक का मामला है। हमें पता है कि भक्तों को आसानी से यह हजम नहीं होगा कि योगी भी मास्टरस्ट्रोक लगा सकते हैं। उन्हें तो लगता है कि मास्टर स्ट्रोक वही, जो मोदी जी लगा के दिखाएं।
राजेंद्र शर्मा
15 Jan 2022
yogi ji
चुनाव की महिमा: चुनाव आते ही दलितों के घर भोजन भी शुरू हो गया है। जय हो...। फोटो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्विटर हैंडल से साभार। 

जिसे योगी जी की पार्टी में भगदड़ कहा जा रहा है, वह असल में भगदड़ नहीं, योगी जी का मास्टर स्ट्रोक है, मास्टर स्ट्रोक! माना कि लोग, मोदी जी-योगी जी की डबल इंजन सरकार और पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं। माना कि विधायक तो विधायक, मंत्री भी जा रहे हैं। एक-दो नहीं, दर्जनों में जा रहे हैं। एक दिन नहीं, लगातार जा रहे हैं। आज एक गया, कल दूसरा गया का तांता लगा हुआ है। पर इसका मतलब यह तो नहीं कि इसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता की, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी में, भगदड़ मचना कहा जाएगा।

जाने वाले जा रहे हैं। जाने वाले वैसे ही जा रहे हैं, जैसे पहले कभी आ रहे थे। पहले आ रहे थे, अब जा रहे हैं। पार्टियों में आना-जाना तो लगा ही रहता है। आवाजाही तक तो फिर भी ठीक है, पर इसे भगदड़ तो किसी भी तरह नहीं कह सकते। क्या हुआ कि तांता लगा हुआ, जाने वाले हड़बड़ी में नहीं, खूब सोच-समझकर जा रहे हैं। भगदड़ माने जाने के लिए हड़बड़ी जरूरी है। हड़बड़ी नहीं, तो भगदड़ भी नहीं। फिर जो भी जा रहे हैं, एक खास दिशा में जा रहे हैं; यह समझकर जा रहे हैं कि वे किधर जा रहे हैं। यह तो भगदड़ का लक्षण नहीं है। भगदड़ वही जब मुंह उठाकर जिसे जो सूझे उधर ही दौड़ जाए। यूं सोच-समझकर जाने को तो भगदड़ नहीं कहते।

सच पूछिए तो भगदड़ से ज्यादा तो यह षडयंत्र का मामला लगता है। राजनीतिक षडयंत्र का।  और लोकल या राज्य स्तर के षडयंत्र का नहीं, देसी षडयंत्र का भी नहीं, अंतर्राष्ट्रीय यानी ग्लोबल षडयंत्र का। इस मामले में लोकल के लिए वोकल होने से काम नहीं चलेगा। ग्लोबल के खिलाफ वोकल होने की जरूरत है। मोदी जी का नया इंडिया जितनी तेजी से तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा है, वह दुनिया में बहुतों को हजम नहीं हो रहा है।

अमरीका-इस्राइल टाइप एकाध को छोडक़र, सारी दुनिया नये इंडिया की तरक्की से जलती है। और जो दुनिया जलती है, वह मोदी जी के राज में हमारी तरक्की को रोकने के लिए आए दिन षडयंत्र रचती है, वह तो हम सब जानते ही हैं। सीएए के खिलाफ शाहीनबाग कराने से लेकर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तक। और कोविड में दिन-रात जलती चिताओं की तस्वीरों से लेकर, गंगा के शववाहिनी बनने की तस्वीरों तक। और अब इसके दावों तक कि भारत में कोविड से जान गंवाने वालों की असली संख्या, सरकारी आंकड़े से पूरी दस गुना ज्यादा है। इतने सारे ग्लोबल षडयंत्रों के बीच, डबल इंजन पार्टी में तोड़-फोड़ कराने का षडयंत्र क्यों नहीं हो सकता?

यह भी सोचने वाली बात है कि अगर इसके पीछे ग्लोबल षडयंत्र नहीं है, तो इसके लिए पैसे कहां से आ रहे हैं? चार-चार करोड़ का रेट तो डबल इंजन पार्टी ने खुद अपने हाथों से दिया था, वह भी गरीब हिंदी पट्टी में। दक्षिण में रेट और ज्यादा था। जब अंबानी, अडानी से लेकर टाटा वगैरह तक, सारी तिजोरियां मोदी जी की जेब हैं, तो इस तोड़-फोड़ के लिए पैसा आ कहां से रहा है? भगवाइयों को अच्छी तरह से पता है कि बिना पैसे के नेताओं की तोड़-फोड़ नहीं होती। बेशक, अखिलेश को पैसा दे सकने वाले इत्र वाले जैन के घर आईडी बैठाने के चक्कर में तो डबल इंजन वालों ने गलती से अपने जैन के घर पर ही आईडी का छापा मरवा दिया था। पर बाद में समाजवादी पार्टी वाले जैन के घर पर छापा मार कर, आईडी ने अपनी मिस्टेक दुरुस्त भी तो कर ली थी। यानी ग्लोबल षडयंत्र से कम में तो डबल इंजन पार्टी में टूट-फूट भी नहीं हो सकती थी।

फिर भी यह न तो भगदड़ का मामला है और न तोड़-फोड़ के ग्लोबल षडयंत्र का। यह तो योगी जी के मास्टर स्ट्रोक का मामला है। हमें पता है कि भक्तों को आसानी से यह हजम नहीं होगा कि योगी भी मास्टरस्ट्रोक लगा सकते हैं। उन्हें तो लगता है कि मास्टर स्ट्रोक वही, जो मोदी जी लगा के दिखाएं। लेकिन, यह सच नहीं है। योगी जी भी मास्टर स्ट्रोक खेलना जानते हैं। लप्पे में लग जाने वाला मास्टरस्ट्रोक नहीं, कहकर लगाने वाला मास्टर स्ट्रोक। खैर! भक्त चाहें तो इसे डबल इंजन वालों का साझा मास्टर स्ट्रोक भी मान सकते हैं, पर है यह मास्टर स्ट्रोक ही। मास्टर स्ट्रोक यह कि जब पब्लिक नाराज है और मोदी जी-योगी जी मान नहीं सकते कि पब्लिक उनसे नाराज है, तो क्यों न चुनाव में विधायक ही बदल डालें; पब्लिक भी खुश कि बदल गया और मोदी जी-योगी जी भी खुश कि डबल इंजन बना रहा। पर विधानसभा के उम्मीदवार खुद बदलने के बजाए, योगी जी ने ओबीसी वालों से बगावत करा दी। दर्जन भर से ज्यादा उम्मीदवार, योगी जी के कुछ बिना खुद ही बदल गए। सुना है कि यह तो झांकी है, अभी और भी बाकी है। योगी जी ने किसी का टिकट कटवाया भी नहीं और पार्टी के उम्मीदवारों में बदलाव भी हो गया। यह मास्टरस्ट्रोक नहीं तो और क्या है!

और योगी जी के तरकश में एक यही मास्टरस्ट्रोक थोड़े ही है। 20 फीसद बनाम 80 फीसद का मुकाबला, क्या किसी मास्टरस्ट्रोक से कम है? और जब प्रजापति एंड कंपनी ने अस्सी फीसद से पांच फीसद फालतू पर दावा तो किया ही, पंद्रह फीसद में से भी एक हिस्से पर दावा कर दिया, तो योगी जी भगवा पार्टी के दलित कार्यकर्ता के घर संक्रांति पर खिचड़ी छकने पहुंच गए। पिछड़ों-दलितों की सत्ता में हिस्सेदारी की मांग के सामने, दलित के घर पर खाकर उनको सम्मान देने को अड़ा दिया। अगर यह भी मास्टरस्ट्रोक नहीं है तो मास्टरस्ट्रोक और किसे कहेंगे? प्लीज अब यह मत कहिएगा कि यह मास्टरस्ट्रोक भी ऑरीजनली मोदी जी का है बल्कि उनका जाना-पहचाना मास्टर स्ट्रोक है। दलितों को दबाओ, आंबेडकर, आंबेडकर करो; सिखों को बदनाम करो, सिख गुरुओं की तस्वीर पर माला चढ़ाओ। खैर! योगी का कहो तो, मोदी का कहो तो, मास्टर स्ट्रोक तो मास्टर स्ट्रोक ही रहेगा। उसे डबल इंजन वालों के यहां भगदड़ कहकर बदनाम क्यों किया जा रहा है?

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक वरिष्ठ पत्रकार और लोकलहर के संपादक हैं।)

sarcasm
UP election 2022
Satire
Political satire
UP Assembly Elections 2022
Yogi Adityanath
Dalit Politics
Dalits

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License