NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उर्दू लेखक मुज्तबा हुसैन ने पद्म श्री लौटाने का फ़ैसला किया
‘‘गांधीजी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद और डॉ. भीमराम आंबेडकर ने जो लोकतांत्रिक तानाबाना बुना था, उसे तोड़ा जा रहा है।’’
भाषा
18 Dec 2019
urdu writer
फोटो साभार : City Today

हैदराबाद : नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच उर्दू लेखक मुज्तबा हुसैन ने अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है और कहा कि वह देश के मौजूदा हालात से खुश नहीं हैं।

हुसैन ने आरोप लगाया कि आपराधिक गतिविधियां दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं और लोकतंत्र खतरे में है।

उन्होंने बुधवार को पीटीआई से कहा, ‘‘गांधीजी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ भीमराम आंबेडकर ने जो लोकतांत्रिक तानाबाना बुना था, उसे तोड़ा जा रहा है।’’

हुसैन ने कहा कि कई लोगों की आवाज दबाई जा रही है, कई को मारा जा रहा है और गरीब लोग हंसने की स्थिति में नहीं हैं।

हुसैन को 2007 में उर्दू साहित्य में योगदान के लिए पद्म श्री से नवाजा गया था।

हालांकि, उन्होंने कहा कि वह देश के इन हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार नहीं ठहराएंगे। राजनीति में स्तर ही गिर गया है।

87 वर्षीय लेखक ने कहा, ‘‘पहले नेता राजनेता होते थे। अब ऐसा नहीं है।’’

पुरस्कार लौटाने की वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज के हालात से खुश नहीं हूं।’’

उन्होंने कहा, “नागरिक के तौर पर मैं देश में खुश नहीं हूं। भीड़ लोगों की हत्या कर रही है, बलात्कार हो रहे हैं, आपराधिक गतिविधियां हर रोज बढ़ रही हैं।’’ 

Muztaba Hussain decided to return Padma Shri
Protest against CAA
NRC
India

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध

वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी

लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार

वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ

प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License