NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उत्तर प्रदेश: मौसम ठंडा, राजनीति गर्म, भाजपा-सपा ने पूर्वांचल पर लगाया ज़ोर
403 सीटों वाली प्रदेश की विधानसभा में क़रीब 164 सीटें पूर्वांचल के 28 ज़िलों में हैं। माना जाता है जिसका पूर्वांचल पर क़ब्ज़ा होता है, वही प्रदेश पर राज करता है।
असद रिज़वी
10 Nov 2021
उत्तर प्रदेश: मौसम ठंडा, राजनीति गर्म, भाजपा-सपा ने पूर्वांचल पर लगाया ज़ोर
image courtesy : patrika

मौसम का मिज़ाज ठंडा हो रहा है तो सियासत में गर्मी आ रही है। उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी एक साथ पूर्वांचल में चुनावी बिगुल बजायेंगे।

भाजपा के क़द्दावर नेता और गृहमंत्री अमित शाह, सपा के गढ़ आज़मगढ़ में एक यूनिवर्सिटी की शिलान्यास कर पूर्वांचल से चुनाव प्रचार शुरू करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दुर्ग गोरखपुर अपना विजय रथ लेकर पहुँचेंगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।

शाह और यादव दोनों के कार्यक्रमों को राजनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। क्यूँकि 403 सीटों वाली प्रदेश की विधानसभा में क़रीब 164 सीटें पूर्वांचल के 28 ज़िलों में हैं। माना जाता है जिसका पूर्वांचल पर क़ब्ज़ा होता है, वही प्रदेश पर राज करता है।

पूर्वांचल को 2017 से पहले सपा का गढ़ माना जाता था। विधानसभा चुनाव में 2012 में सपा को 102 सीटें पूर्वांचल से मिली थी, और अखिलेश मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 115 सीटें जीत कर एक नया इतिहास बनाया था और प्रदेश में भाजपा सरकार स्थापित हुई।

उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल के चुनाव में पिछड़ों और अतिपिछड़ों की अहम भूमिका रहती है। पिछले चुनाव में भाजपा का गठबंधन ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से था। लेकिन इस बार राजभर ने सपा से हाथ मिलाया है, जो भाजपा के लिये चुनौती है। हालाँकि इस चुनौती से निपटने के लिए भाजपा से संजय निषाद की निषाद पार्टी से समझौता किया है।

अब गृहमंत्री अमित शाह 13 नवंबर को आजमगढ़ आ रहे हैं। वह यहां पर यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करेंगे और अकबेलपुर में उनकी एक जनसभा भी होगी। बता दें कि 2017 में जब भाजपा सत्ता में आई थी उस समय उसने आज़मगढ़ में यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही थी। लेकिन अभी तक इस काम को अंजाम नहीं दिया गया। लेकिन अब 2022 चुनावों को क़रीब आता देख, यूनिवर्सिटी के बहाने भाजपा पूर्वांचल में सियासती आधार मज़बूत करने की कोशिश करेगी।

नरेंद्र मोदी के केंद्र की राजनीति में आने के बाद 2014 से लगातार हर चुनाव में पूर्वांचल में लगातार बढ़त वाली भाजपा को आज़मगढ़ में सिर्फ़ निराशा ही हुई है। लोकसभा चुनाव 2014 में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और 2019 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहाँ से जीत हासिल की थी। 

विधानसभा चुनाव 2017 में आजमगढ़ की 10 में से केवल एक सीट ही भाजपा जीत सकी थी। सपा ने 5 सीटों पर और बसपा ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी।

सपा की ओर से चरणबद्ध तरीके से “समाजवादी विजय यात्रा” पूरे प्रदेश में निकली जा रही है। इसका तीसरा चरण पूर्वांचल में होगा,जहाँ अखिलेश यादव 13 नवंबर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से रथयात्रा निकालेंगे। सपा की रथयात्रा गोरखपुर से कुशीनगर जाएगी। इसके जरिए सपा प्रमुख पूर्वांचल में अपनी पार्टी के लिए ज़मीन तैयार करेंगे।

बता दें कि गोरखपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दुर्ग कहा जाता है। वह गोरखपुर से लगातार 1998-2014 तक 5 बार सांसद हुए। लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफ़ा दे दिया। जिसके बाद 2018 का उप-चुनाव, सपा ने छोटी पार्टियों के साथ मिल कर लड़ा था। जिसमें सपा के परवीन निषाद ने भाजपा के उपेन्द्र दत्त शुक्ला को हरा दिया। हालाँकि भाजपा के रवि किशन ने 2019 में इस सीट पर दोबारा क़ब्ज़ा कर लिया।

बता दें कि कांग्रेस की नज़र भी पूर्वी उत्तर प्रदेश पर है। भाजपा और सपा के अलावा, प्रियंका गाँधी वाड्रा भी 31 अक्टूबर को गोरखपुर पहुँची थीं। जहाँ उन्होंने अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया था जिसमें गृहमंत्री ने लखनऊ में कहा था कि अब दूरबीन लेकर भी ढूँढने से प्रदेश में अपराधी नहीं मिलते हैं। प्रियंका ने कहा था कि दूरबीन छोड़िये और चश्मा लगाइये। आप के मंच पर अजय मिश्रा “टेनी” (लखीमपुर कांड के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा के पिता) बैठे थे।

कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि नदी पर किसी का अधिकार है तो वो निषादों का है। प्रदेश में किसान प्रताड़ित हैं, त्रस्त हैं, भाजपा सरकार में उनकी बिल्कुल नहीं सुनी जा रही है। कहा जा रहा है कि प्रियंका गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों को एक साथ साध रही थीं।

राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रदेश में राजनीतिक परिवर्तन के संकेत हैं, ऐसे में पश्चिम के साथ पूर्व पर भी बराबर का ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी कहते हैं, हो सकता है की पश्चिम से ज़्यादा चौंकाने वाले नतीजे पूर्व से देखने को मिलें। लेकिन ऐसा केवल तब होगा जब यह साफ़ हो जाये कि भाजपा से सीधे मुक़ाबले में कौन है? इसी लिये भाजपा के अलावा कांग्रेस और सपा दोनो स्वयं को सत्तारूढ़ दल मज़बूत प्रतिद्वंद्वी दिखाना चाहते हैं।

राजनीतिक समीक्षक रामदत्त त्रिपाठी मानते हैं की पूर्वांचल में घनी आबादी है और वहाँ के वोटर का स्वभाव हमेशा से सत्ता विरोधी रहा है। इसी लिये भाजपा अपने मौजूदा समीकरण को बिगड़ने से बचाने में लगी है। लेकिन सत्ता विरोधी स्वभाव का फ़ायदा विपक्ष को तभी मिलेगा जब वह जनता को अपनी मज़बूत मौजूदगी का एहसास करा सके, इसी लिए अखिलेश भी पूर्वांचल पर नज़रें लगाये हुए हैं। 

अब देखना यह होगा कि पूर्वांचल में यूनिवर्सिटी के शिलान्यास से चुनाव प्रचार करने वाली भाजपा, विकास पर बात करती है या हिंदुत्व के एजेंडा आगे बढ़ती है। सपा की सामने बड़ी चुनौती यह है कि वह सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में कैसे लाती है।

SP
BJP
UP
UttarPradesh
AKHILESH YADAV
Yogi Adityanath

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License