NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव नज़दीक आया, जय श्री राम को साथ लाया!
चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 45 साल के रिक्शा चालक से जबरन 'जय श्री राम' कहलवाने और पिटाई करने का मामला सामने आया है। हमलावर हिंदुवादी संगठन बजरंग दल के हैं।
सत्यम् तिवारी
13 Aug 2021
चुनाव नज़दीक आया, जय श्री राम को साथ लाया!
Image courtesy : NDTV

उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन राज्य में साम्प्रदायिक घटनाओं में अभी से तेज़ी आ गई है। मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर का है जहां दो पड़ोसियों की लड़ाई यहां तक पहुंच गई कि हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के हमलावरों ने गुरुवार को एक मुस्लिम रिक्शा चालक को जबरन 'जय श्री राम' कहने पर मजबूर किया और उसे पीटा। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि भगवा गमछा पहने हमलावरों से पिट रहे 45 वर्षीय युवक की बेटी गुहार लगाती कह रही है कि मेरे पिता को छोड़ दो।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला शुरू हुआ था दो पड़ोसी कुरेशा और रानी के बीच मोटरसाईकिल खड़ी करने की जगह को ले कर। जिसके बाद कुरेशा ने रानी पर मारपीट की एफ़आईआर दर्ज की थी, जबकि रानी ने कुरेशा के बेटों पर छेड़खानी का आरोप लगा कर एफ़आईआर की थी।

बात तब बढ़ गई जब इसमें बजरंग दल कूद पड़ा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गुरुवार को बजरंग दल के लोग कुरेशा के घर उनके बेटों को ढूंढने गए थे, मगर बेटे नहीं मिले तो सड़क पर रिक्शा चालक और कुरेशा के भाई अफ़्तार को पकड़ कर 'जय श्री राम' के नारे लगवाए और उन्हें पीटा गया। वीडियो में अफ़्तार की बेटी हमलावरों से अपने पिता को छोड़ने की गुहार लगाती रही।

बजरंग दल ने इस मामले से पहले इलाके में एक बैठक भी की थी और दावा किया कि मुस्लिम शख़्स इलाक़े की एक हिन्दू लड़की का ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा रहा था।

बजरंग दल के हमलावरों ने क़ानून को अपने हाथों में लेते हुए व्यक्ति को पुलिस हिरासत में भी पीटा। पुलिस ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर 10 नामज़द और अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया है।

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से देश के लगभग हर चुनाव से पहले हिंदूवादी संगठनों ने हर क्षेत्र में साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की है। मुज़फ़्फ़रनगर 2013, यूपी 2017 में तो वह काफ़ी हद सफल भी हुए थे। भारतीय जनता पार्टी के इन सहायक संगठनों ने उसे ऐसी घटनाओं, हमलों, दंगों के ज़रिए उसे कई चुनाव जीतने में मदद की है।

कानपुर में अफ़्तार के साथ जो हुआ वह कोई अकेली घटना नहीं है, जो हाल के दिनों में हुई हो। बीती 8 अगस्त को इसी दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए एक तथाकथित विरोध प्रदर्शन में जिस तरह से मुस्लिम वर्ग को काटने के नारे लगाए गए थे, उसे कोई आम घटना नहीं मानना चाहिये। इसी दिन नेशनल दस्तक के पत्रकार अनमोल प्रीतम को भी सैंकड़ों लोगों की उग्र भीड़ ने घेर कर 'जय श्री राम' कहने को मजबूर किया मगर उस बहादुर पत्रकार ने यह नारा लगाने से साफ़ इनकार कर दिया।

भारतीय जनता पार्टी अगले साल चुनावों में उतरेगी तो उसके सामने यह सवाल ज़रूर रहेगा कि देश के असल मुद्दों के बारे में उसने क्या किया है। महंगाई, ग़रीबी, किसानों-दलितों, महिलाओं-अल्पसंख्यकों, बेरोज़गारों के मुद्दों पर उसने क्या किया है। और बीजेपी के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। ऐसे में कुछेक हिंदूवादी संगठनों द्वारा इस तरह की छोटी-छोटी घटनाओं के ज़रिए हिंसा फैलाने का काम अभी बस शुरू ही हुआ है। जैसे-जैसे चुनाव पास आता जाएगा, ऐसे संगठन सिर्फ सिर्फ़ राम ही नहीं, बाक़ी भगवानों की शरण में भी जाएंगे। मुद्दों से भटकाव के लिए इन धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए किया जाएगा और इस नफ़रत की आंधी को और हवा दी जाएगी।

UttarPradesh
UP ELections 2022
Religion Politics
hindu-muslim
jai shree ram
Yogi Adityanath
BJP
RSS

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • working women
    सोनिया यादव
    ग़रीब कामगार महिलाएं जलवायु परिवर्तन के चलते और हो रही हैं ग़रीब
    03 Feb 2022
    सीमित संसाधनों में रहने वाली गरीब महिलाओं का जीवन जलवायु परिवर्तन से हर तरीके से प्रभावित हुआ है। उनके स्वास्थ्य पर बुरा होने के साथ ही उनकी सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है, इससे भविष्य में…
  • RTI
    अनुषा आर॰
    गुजरात में भय-त्रास और अवैधता से त्रस्त सूचना का अधिकार
    03 Feb 2022
    हाल ही में प्रदेश में एक आरटीआई आवेदक पर अवैध रूप से जुर्माना लगाया गया था। यह मामला आरटीआई अधिनियम से जुड़ी प्रक्रियात्मक बाधाओं को परिलक्षित करता है। यह भी दिखाता है कि इस कानून को नागरिकों के…
  • cartoon
    आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: ये दुःख ख़त्म काहे नहीं होता बे?
    03 Feb 2022
    तीन-तीन साल बीत जाने पर भी पेपर देने की तारीख़ नहीं आती। तारीख़ आ जाए तो रिज़ल्ट नहीं आता, रिज़ल्ट आ जाए तो नियुक्ति नहीं होती। कभी पेपर लीक हो जाता है तो कभी कोर्ट में चला जाता है। ऐसे लगता है जैसे…
  • Akhilesh Yadav
    भाषा
    लोकतंत्र को बचाने के लिए समाजवादियों के साथ आएं अंबेडकरवादी : अखिलेश
    03 Feb 2022
    सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि, "मैं फिर अपील करता हूं कि हम सब बहुरंगी लोग हैं। लाल रंग हमारे साथ है। हरा, सफेद, नीला… हम चाहते हैं कि अंबेडकरवादी भी साथ आएं और इस लड़ाई को मजबूत करें।"
  • Rahul Gandhi
    भाषा
    मोदी सरकार ने अपनी नीतियों से देश को बड़े ख़तरे में डाला: राहुल गांधी
    03 Feb 2022
    कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि एक किंग हैं, शहंशाह हैं, शासकों के शासक हैं। राहुल गांधी ने दो उद्योगपतियों का उल्लेख करते हुए सदन में कहा कि कोरोना के समय कई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License