NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना संकट में फ़ेक न्यूज़ का शिकार बनते सब्जी और फल बेचनेवाले
'अब से पहले हमसे कोई नाम भी नहीं पूछता था लेकिन अब हर दूसरी गली में आई कार्ड मांगा जाता है।'
मुकुंद झा
14 Apr 2020
कोरोना संकट

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से देश भर में लोग परेशान हैं लेकिन इसमें सबसे अधिक परेशानी सब्जी बेचने वाले और छोटे दुकानदारों को हो रही है। बीते कुछ दिनों में सब्जी, फल बेचने वाले खासतौर पर मुसलिम समाज के लोगों के आर्थिक बहिष्कार करने और उन्हें प्रताड़ित करने की घटनाएं सामने आई हैं।

दरअसल लॉकडाउन के बाद और निजामुद्दीन की मरकज वाली घटना के बाद से सोशल मीडिया पर तमाम तरह के नफरत फैलाने वाले वीडियो वायरल हुए। इसका असर अब जमीन पर दिखने लगा है।

पिछले कई सालों से सब्जी बेचने वाले सिकंदर बताते हैं, 'अब से पहले कोई हमारा नाम नहीं पूछता था। अब हर दूसरी गली में कोई आकर आई कार्ड मांग लेता है। इसलिए अब मैं आधार कार्ड लेकर चलता हूँ। जब भी कोई पूछता है, तुरंत दिखा देते हूँ। वो भी देखते है मैं हिंदू हूँ छोड़ देते हैं। लेकिन अगर कोई मुसलमान होता है तो उसे भगा देते हैं।'

गौरतलब है कि सिकंदर मुसलमान नहीं है लेकिन वो जो बता रहे हैं वो दिखा रहा है कि हमारे समाज में सांप्रदायिकता का जहर किस तरह से घोला जा चुका है।

मुसलमान सब्जी वालों के साथ क्या हो रहा है। यह अजीम बताते हैं। अजीम दिल्ली के दयालपुर इलाके में आलू और प्याज बेचते हैं। वो बताते हैं, 'पिछले दो दिन से घर पर बैठा हुआ हूं। शनिवार को हमारे जानने वाले फेरी पर निकले थे। उनके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की और समान का नुकसान किया। उन लोगों ने कहा कि हम कोरोना फैला रहे हैं। बहुत सारे लोगों ने सब्जी खरीदना भी बंद कर दिया है।'

यह सिर्फ अजीम और सिकंदर की कहानी नहीं हैं। दिल्ली के किसी भी इलाके में चले जाइए, हर सब्जी और रेहड़ी वाला आपको यह बता देगा कि उसकी धार्मिक पहचान जानने की कोशिश की जा रही है। यहाँ ऐसा नहीं है कि हर व्यक्ति इस तरह से कर रहा है लेकिन एक वर्ग है जो बड़ी आक्रमकता से इस तरह का काम कर रहा है।

ऐसे ही एक व्यक्ति हमें करावल नगर की चौहान पट्टी पर मिला जो लगातार लोगों के बीच यह बोल रहा था कि आप लोग केवल हिंदू रेहड़ी वालों से सामान लीजिए और मुसलमानों को अपनी गली मोहल्लों से दूर रखिए। ये आपकी और हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है।

जब उससे हमने बात करने की कोशिश की तो उसने अपना नाम और परिचय नहीं दिया और उसने कहा 'आप ही बताओ क्या हम गलत कर रहे हैं? आपने भी देखा होगा ये (मुस्लिम)लोग कैसे थूक लगाकर फल बेचते हैं। आप बताएं ये जानबूझकर कोरोना फैल रहे है या नहीं?'

जब हमने उससे कहा कि वो वीडियो पुराना है। उस वीडियो का इस बीमारी से कोई लेना देना नहीं है, तो वह और भी कई ऐसे वीडियो दिखने लगा जिसमे मुस्लिम लोग कहीं थूक रहे हैं तो कहीं झूठे बर्तन में खाना परोस रहे हैं। लगभग सभी वीडियो पुराने और फर्जी थे लेकिन वो व्यक्ति उन सभी को सच मान रहा था और उसी के आधार पर वो मुसलमानों के खिलाफ प्रचार भी कर रहा था।

आपको बता दें 30 मार्च को दिल्ली के तब्लीगी जमात में शामिल लोगों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण फैलने की ख़बर के बाद से फेक न्यूज और अफवाहों का दौर चल पड़ा है।  

यह सच है कि मरकज में हिस्सा लेने वाले लोग बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आए थे लेकिन दुखद यह है कि इस आधार पर देश के करोड़ो मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है।

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कह चुका है कि कोरोना वायरस को किसी धर्म या नस्ल से नहीं जोड़ना चाहिए। इसी तरह भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी इस बात को बार बार दोहराया जा रहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को किसी धर्म या क्षेत्र से ना जोड़ा जाए। इसके बावजूद ऐसी कई घटनाएं घट रही हैं जिसमें लोगों की धार्मिक पहचान को कोरोना वायरस से जोड़ा जा रहा  है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

ऐसा नहीं है कि पुलिस इन घटनाओं पर कार्रवाई नहीं कर रही। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई ऐसे लोगों को गिरफ़्तार किया जो इस तरह की अफवाह फैला रहे थे। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने भी एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया जिसने सब्जी विक्रेता के साथ डंडे से मारपीट और गाली गलौज किया था। यह घटना ताजपुर रोड इलाके में घटित हुई थी।  

इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया, जिसके बाद पुलिस को उसके साइबर सेल से एक संदेश मिला। वीडियो में, बदरपुर एक्सटेंशन निवासी प्रवीण बब्बर सब्जी विक्रेता से अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहता है, लेकिन वह नहीं दिखा सका। वह आदमी फिर गुस्से से उसका नाम और पता पूछता है। जब सब्जी विक्रेता खुद को मोहम्मद सलीम बताता है, तो आदमी उसे गाली देता है और उसकी पिटाई करता है। वह उसे इस  इलाके में नहीं आने की धमकी भी देता है।

सब्जी विक्रेता ने पुलिस को बताया कि 10 अप्रैल को दोपहर करीब 1.30 बजे जब वह ताजपुर रोड पर था, तो बब्बर ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और पिटाई की। डीसीपी ने कहा, "हमने प्रवीण बब्बर को गिरफ्तार कर लिया है। ऐसी घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।"
 
बीबीसी हिंदी की एक खबर के अनुसार फ़ैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के संस्थापक प्रतीक सिन्हा मानते हैं कि 30 मार्च के बाद से कम्युनल नेचर वाले फ़ेक वीडियो और मैसेज तेज़ी से सामने आए।

उन्होंने यह भी कहा, 'अचानक अपने आप कोई पुराना मैसज वायरल नहीं होता है बल्कि उसे ढूंढ कर लाया जाता। इसे फैलाने के लिए पूरा एक नेटवर्क काम करता है। आम आदमी को जब एक ही तरह के मैसेज मिलते हैं तो उसके लिए भी इन पर यक़ीन करना आसान हो जाता है। दरसअल हम सब अपनी विचारधारा से मेल खाते वीडियो पर यक़ीन जल्दी कर लेते हैं।'

Coronavirus
COVID-19
Lockdown
Epidemic corona Virus
Muslim
Vegetable and fruit sellers
Discrimination
Religion Politics
Politics of Hate
Mainstream Media
Indian media
Religious discrimination

Related Stories

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

लखनऊ: देशभर में मुस्लिमों पर बढ़ती हिंसा के ख़िलाफ़ नागरिक समाज का प्रदर्शन

हम भारत के लोग: समृद्धि ने बांटा मगर संकट ने किया एक

लखनऊ: साढ़ामऊ अस्पताल को बना दिया कोविड अस्पताल, इलाज के लिए भटकते सामान्य मरीज़

सावधान: देश में 6 महीने बाद कोरोना के 50 हज़ार से ज्यादा नए मामले सामने आए

कोरोना अपडेट: देश के 14 राज्यों में ओमिक्रॉन फैला, अब तक 220 लोग संक्रमित

अल्पसंख्यकों पर हमलों के ख़िलाफ़ 1 दिसंबर को माकपा का देशव्यापी प्रदर्शन

अपना बुटीक खोलने और अपनी ज़िंदगी खुलकर जीने के लिए हासिल की ट्रांस महिला की पहचान

सीएए : एक और केंद्रीय अधिसूचना द्वारा संविधान का फिर से उल्लंघन


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License