NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
क़रीब दिख रही किसानों को अपनी जीत, जारी है 28 नवंबर को महाराष्ट्र महापंचायत की तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 अपूर्ण मांगों के साथ अपना प्रदर्शन जारी रखने का फ़ैसला किया है। तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा के बाद, आने वाली मुंबई महापंचायत से आंदोलन को गति मिलेगी।
अमेय तिरोदकर
24 Nov 2021
Victory in Sight, Farmers Gear Up For Mumbai Mahapanchayat on Nov 28

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बावजूद, किसानों अपना प्रदर्शन जारी रखने के लिए दृढ़ निश्चय कर चुके हैं। शाहपुर के दत्तात्रेय शंकर महात्रे कहते हैं, "विधेयक संसद में पारित हुए थे। वहीं उन्हें वापस लिए जाने चाहिए। उन्हें एमएसपी पर भी एक विधेयक पारित करने दीजिए। तभी हम उनका विश्वास करेंगे।" जब सोमवार को न्यूज़क्लिक ने दत्तात्रेय से बात की, तब वे किसानों से मिलकर उन्हें आने वाली मुंबई महापंचायत के बारे में सूचित कर रहे थे। 

दत्तात्रेय महात्रे कहते हैं, "दिल्ली में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन अब भी जारी है। लेकिन कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं। इसलिए मैं अपने इलाके के गांवों में जाकर किसानों को मुंबई में होने वाले अगले प्रदर्शन के बारे में बता रहा हूं।"

100 से ज़्यादा किसान संगठनों के साझा मंच शेतकारी कामगार मोर्चा ने मुंबई में 29 नवंबर को एक महापंचायत की घोषणा की है। पहले यह 18 नवंबर को की जानी थी, लेकिन शहीद अस्थि कलश यात्रा कार्यक्रम के चलते इसे 10 दिन आगे बढ़ा दिया गया। इस यात्रा में लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों की अस्थियों को महाराष्ट्र की कई तहसीलों में ले जाया जा रहा है।

ऑल इंडिया किसान सभा के प्रदेश प्रमुख किसान गुर्जर कहते हैं, "किसानों में लखीमपुर खीरी में हुई हत्याओं के खिलाफ़ गुस्सा है। महाराष्ट्र केवल अकेला ऐसा राज्य था, जहां इसके विरोध में पूर्ण हड़ताल रही थी। अस्थि कलश यात्रा ने किसानों को बड़ी लड़ाई के लिए प्रेरित किया है। अगर केंद्र सरकार को लगता है कि यह प्रदर्शन सिर्फ़ कानूनों की वापसी की घोषणा के साथ वापस हो जाएगा, तो उन्हें मैदानी स्थिति की जानकारी नहीं है।"

पूरे महाराष्ट्र होकर आई यह यात्रा 27 नवंबर को मुंबई पहुंचेगी। जहां शहीदों की राख को चैत्यभूमि (डॉ आंबेडकर का अंतिम संस्कार हुआ था), दादर की शिवाजी मूर्ति, बाबू गेनू मेमोरियल और आखिर में नरीमन प्वाइंट पर गांधी मूर्ति तक ले जा जाएगा। अगले दिन मुंबई के आजाद मैदान में महापंचायत होगी, जिसमें हजारों किसानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मज़दूरों के शामिल होने की संभावना है।

एआईकेएस की महाराष्ट्र यूनिट के महासचिव डॉ अजित नवाले कहते हैं, "हमारी मांग सिर्फ़ कानूनों को वापस लेने की नहीं है। एमएसपी विधेयक, विद्युत शुल्क में बदलाव वाले विधेयक, प्रदर्शन के दौरान हज़ारों किसानों पर दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने और ऐसी ही दूसरी मांगे भी हम कर रहे हैं। मोदी सरकार इस प्रदर्शन को देश विरोधी बताने की कोशिश कर रही है। लेकिन किसानों ने उन्हें उनकी जगह दिखा दी है और अब हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हमारी पूरी मांगें नहीं मान ली जाती हैं।"

महापंचायत में जन आंदोलनांची संघर्ष समिति, नेशनल अलायंस फॉर पीपल्स मूवमेंट (एनएपीएम), शेतकारी संगठन, आदिवासी शेतकारी मोर्चा औऱ कई दूसरे संगठन भी शामिल होंगे। अब तक किसी भी मुख्यधारा की पार्टी ने महापंचायत में हिस्सा लेने या उसे समर्थन देने की घोषणा नहीं की है। लेकिन ऐसी आशा है कि यह पार्टियां 26 नवंबर तक मामले में अपनी स्थिति साफ़ कर देंगी। 

महाराष्ट्र में सतारा के एआईकेएस के कार्यकर्ता गोविंद काजाले कहते हैं, "कानूनों की वापसी की घोषणा कर मोदी सरकार ने कुछ असामान्य नहीं किया है। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो वे पंजाब और उत्तर प्रदेश के गांवों में नहीं घुस पाते, जहां दो महीने में चुनाव होने वाले हैं। किसान मूर्ख नहीं हैं। बीजेपी सिर्फ़ चुनाव की भाषा ही समझती है।"

बीजेपी द्वारा यह प्रचारित करना की पीएम ने कानून वापसी की घोषणा राष्ट्रहित में की है, वह भी ज़मीन पर किसानों को पसंद नहीं आई है। सीपीएम के नेता और पूर्व विधायक जे पी गवित कहते हैं, "वे कह रहे थे कि कृषि कानून राष्ट्रहित में थे। अब वे कह रहे हैं कि इन कानूनों को राष्ट्रहित में वापस लिया जा रहा है। बीजेपी को यह समझने की जरूरत है कि उनके द्वारा की जाने वाली हर चीज राष्ट्रहित में नहीं होती।"

मुंबई महापंचायत से महाराष्ट्र सरकार पर भी उनके द्वारा राज्य विधानसभा में रखे गए कृषि विधेयक को वापस लेने का दबाव बनेगा। राज्य सरकार ने अपने हिसाब से कृषि विधेयक बनाया था और अभी इसे जनता से टिप्पणियों के लिए रखा गया है। लेकिन यह विधेयक भी महाराष्ट्र के शेतकारी कामगार मोर्चा को मंजूर नहीं हैं। इसलिए महापंचायत में इन विधेयकों को भी वापस लिए जाने की मांग रखी जाएगी। 

एआईकेएस के प्रेसिडेंट डॉ अशोक धवाले कहते हैं, "पहले दिन से हमारी मांग रही है कि केंद्र के कानून के आधार पर कोई विधेयक बनाने की जरूरत नहीं है। हमने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को भी यह बता दिया था। अब हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। संसद द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद संभावना है कि राज्य भी इन विधेयकों को वापस ले लेगा।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 

Victory in Sight, Farmers Gear Up For Mumbai Mahapanchayat on Nov 28 

Farm Laws
farm laws repeal
Mumbai Mahapanchayat
AIKS
Shetkari Kamgar Morcha
MVA Government
Asthi Kalash Yatra
MSP
Lakhimpur Kheri

Related Stories

क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?

28-29 मार्च को आम हड़ताल क्यों करने जा रहा है पूरा भारत ?

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

1982 की गौरवशाली संयुक्त हड़ताल के 40 वर्ष: वर्तमान में मेहनतकश वर्ग की एकता का महत्व

एसकेएम की केंद्र को चेतावनी : 31 जनवरी तक वादें पूरे नहीं हुए तो 1 फरवरी से ‘मिशन उत्तर प्रदेश’

पंजाब में राजनीतिक दलदल में जाने से पहले किसानों को सावधानी बरतनी चाहिए


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License