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फ़ैक्ट चेक : चीन से जारी तनाव के बीच भारत के समर्थन में दुनियाभर के नेताओं के बयानों वाले पोस्ट फ़र्ज़ी
पिछले कुछ हफ़्तों में सीमा पर टकराव के बीच भारत और चीन के बारे में ग़लत जानकारी की बाढ़ सी आ गई है।
अर्चित मेहता
04 Jun 2020
fact check

मई के महीने में आख़िर के तीन हफ़्तों से लद्दाख के पू्र्वी हिस्से में भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है। इसी पृष्ठभूमि में पोस्टकार्ड न्यूज़ के महेश विक्रम हेगड़े ने सोशल मीडिया पर एक जुक्सटापोज़ पोस्ट किया। इस जुक्सटापोज़ में इज़रायल, रूस, अमेरिका और जापान जैसे देशों के नेताओं के हवाले से भारत को समर्थन की बात कही गई थी। जुक्सटापो़ज़ में कई तस्वीरों को एक साथ मिलाया जाता है।

संबंधित जुक्सटापोज़ में अलग-अलग नेताओं के हवाले से यह बातें कही गई थीं:

1) जो लोग भारत पर हमला करने की सोच रहे हैं, उन्हें हमारा भी सामना करना होगा: इज़रायल (बेंजामिन नेतन्याहू)

2) हम हमेशा भारत के साथ हैं- रूस (व्लादिमीर पुतिन)

3) भारत हमारा मित्र है और हम हमेशा उसके साथ हैं- अमेरिका (डोनाल्ड ट्रंप)

4) अगर चीन भारत पर हमला करता है, तो हम चीन का खात्मा कर देंगे- जापान (शिंजो आबे)

30 मई को फेकन्यूज़ वेबसाइट पोस्टकॉर्ड न्यूज़ ने यह तस्वीर फ़ेसबुक पर शेयर की थी, जिसे 850 बार शेयर किया गया था (आर्काइव लिंक)।

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इस संबंध में ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट को तथ्यों की जांच करने के लिए उनके व्हॉट्सएप कुछ अपील आईं।

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दावे की जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल इमेज में दर्शाए गए सभी वक्तव्यों की खोज करने की कोशिश की। लेकिन उन्हें जरूरी वक्तव्य कहीं नहीं मिले। बल्कि अमेरिका और रूस ने तो भारत और चीन के बीच जारी तनातनी पर पूरी तरह विरोधाभासी बयान दिए हैं। सोशल मीडिया पर इन दो देशों के जो बयान शेयर किए जा रहे हैं, वह इनकी मामले पर स्थिति से पूरी तरह अलग हैं।

27 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच मध्यस्थता की बात कही।

अगले दिन डोनल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने पीएम मोदी से बात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि वह भारत और चीन के बीच जारी ''बड़े विवाद'' के चलते ''अच्छे मूड़'' में नहीं हैं।

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लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के दावे को ख़ारिज कर दिया और साफ़ किया कि प्रधानमंत्री मोदी और डोनल्ड ट्रंप के बीच चीन से सीमा विवाद पर कोई बात नहीं हुई।

एक जून को रूस के राजदूत रोमन बाबुशकी ने इंडिया टुडे से बातचीत में सीमा विवाद पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ''...दोनों देशों ने विशेष तंत्र और उपकरण विकसित किए हैं, इनमें हॉटलाइन, विशेष प्रतिनिधि बातचीत और अनौपचारिक सम्मेलन जैसी कवायद शामिल हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हमारे दोस्त भारत और चीन आपसी संतोष को ध्यान में रखते हुए कोई रास्ता निकालने में सक्षम हैं। हम उन्हें इस दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।''

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जापान और इज़रायल ने मामले पर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। यहां चीन और इज़रायल के बीच व्यापार को लेकर एक गौर करने वाली बात है। जैसा निक्केई एशियल रिव्यू ने बताया, पिछले कुछ सालों में, 2004 के बाद से हर साल चीन ने इज़रायल के साथ व्यापार काफ़ी बढ़ा दिया है। यूनिवर्सिटी ऑफ हैफ़ा में मैरीटाइम पॉलिसी और स्ट्रैट्जिक रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर शौल कौरेव ने निक्केई एशियल रिव्यू के साथ इंटरव्यू में बताया कि इज़रायल चीनी निवेश से ''काफ़ी खुश'' है और उसे सिर्फ़ ''अमेरिका की मर्ज़ी के हिसाब से काम'' करने की ज़रूरत नहीं है।

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इसलिए वायरल तस्वीर में चीन से विवाद पर जिन देशों का भारत को समर्थन का जिक्र किया गया है, वे झूठे हैं। पिछले कुछ हफ़्तों में भारत और चीन के बारे में काफ़ी गलत जानकारी फैलाई जा रही है। 29 मई को ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि टाइम्स नॉऊ ने पुराने वीडियो को मौजूदा तनाव से जोड़कर चलाया। 21 मई और 2 जून को हमने बताया था कि कैसे पुराने वीडियो को सोशल मीडिया पर ऐसे ही दावों के साथ चलाया जा रहा है।

साभार: ऑल्ट न्यूज़

अंग्रेज़ी में लिखा मूल आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Viral: Fake quotes by world leaders offering support to India over tensions with China

India
China
Donald Trump
fake news

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