भारत के कई पूंजीपति परिवार प्राइवेट जेट विमानों में बैठकर विदेश भाग निकले। इनमें से ज़्यादातर पूंजीपति कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए और ब्रिटेन द्वारा जारी नई ट्रैवल गाइड्लाइंस के कारण लंदन जा पहुँचे।
एक तरफ देश के सत्तारूढ़ पार्टी के ऊंचे कद के नेता अभी भी "सब चंगा सी" का राग आलाप रहे हैं तो उनके कुछ उत्तराधिकारी नेता उनके राज में "न के बराबर कोरोना" का दावा कर रहे हैं। लेकिन एक बात जो समझ से परे है वो यह है कि फिर उनके पूंजीपति अनुचर प्राइवेट जेट में देश छोड़ कर क्यों भाग रहे हैं। अब नेताओं के दावों का यकीन करें कि उनके पूंजीपति दोस्तों के भय का?
खैर, कोरोना के संक्रमण से ज्यादा डर इन भगौड़े पूँजीपतियों के सोशल मीडिया पर आने वाले "Don't panic, stay positive" वाले ज्ञान भरे पोस्टों का है। कोरोना का कच्चा-पक्का इलाज तो हमने ढूंढ ही लिया है, लेकिन इस भौंडेपने का इलाज ढूँढने में अब तक समूची मानवजाति विफल रही है।