दिल्ली के दंगों में ज़्यादातर दंगाई 20-30 साल उम्र के पुरुष हैं। इसी एज-ग्रुप के महिलाओं को जोड़ लें, तो देश की राजधानी में 10 लाख युवा बेरोज़गार हैं। यही हैं दंगा करवाने वाले नेताओं के प्यादे, जो सड़क पर मारने उतरते हैं, और मरते भी हैं। और उनको भड़काने वाले नेता अपने आलीशान बंगलों में चैन की नींद सोते हैं।