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भारत
राजनीति
लड़कियों के कपड़े नहीं, अपनी सोच बदलिए सीएम साहब!
कुछ ही दिन पहले सत्ता की कमान संभालने वाले उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत पर सत्ता का नशा अभी से सिर चढ़कर बोल रहा है। वैसे महिलाओँ को लेकर विवादित टिप्पणी का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और आरएसएस के कई बड़े नेता महिलाओँ को लेकर ऐसी कई अभद्र टिप्पणियां कर चुके हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Mar 2021
 Tirath Singh Rawa

ट्वीटर पर हैशटैग रिप्ड जींस ट्रेंड कर रहा है। वजह उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की महिलाओँ को लेकर की गई विवादित टिप्पणी है। कार्यभार संभालने के महज़ हफ्ते भर में ही बाल अधिकारों पर हो रही एक वर्कशॉप में मुख्यमंत्री ने अजीबोगरीब बयान दे दिया। अब सीएम साहब के इस बयान पर महिला नेताओं के साथ-साथ आम लड़कियों का भी गुस्सा फूट रहा है, तो वहीं चौतरफा घिरे सीएम साहब को अब कोई जवाब नहीं सूझ रहा है। इस ख़बर को लिखे जाने तक अपने बयान और इन आपत्तियों पर तीरथ सिंह रावत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

क्या है पूरा मामला?

बाल अधिकारों पर हो रहे एक कार्यक्रम में बुधवार, 17 मार्च को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ‘रिप्ड जींस’ (कुछ जगहों से फटी हुई जींस) के फैशन को लेकर नापसंदगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी जींस पहनने वाली महिलाएं कैसे संस्कार देंगी।

मुख्यमंत्री रावत के अनुसार संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं। और ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं। आजकल के बच्चे बाजार में घुटनों पर फटी जींस खरीदने जाते हैं और अगर फटी न मिले तो उसे कैंची से काट लेते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, “अब हम अपने बच्चों को ‘कैंची से संस्कार’ दे रहे हैं, घुटने दिखाना, रिप्ड जींस पहनना अमीर बच्चों की तरह दिखना है। ये सब कहां से आ रहा है, ये घर से नहीं आ रहा है? इसमें शिक्षकों या स्कूलों की क्या गलती है? मैं अपने बेटे को घुटनों से फटी जींस में कहा ले जा रहा हूं? अपने घुटने दिखाने में लड़कियां भी कम नहीं हैं, क्या ये सही है? हम ये सब पश्चिमीकरण की पागल दौड़ में कर रहै हैं। जबकि पश्चिमी दुनिया हमारा अनुसरण कर रही है, अपना शरीर ढककर योग कर रही है।“

रावत ने आगे कहा, ''एक बार जहाज में जब बैठा तो मेरे बगल में एक बहनजी बैठी हुईं थीं। मैंने उनको देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे हुए थे। हाथ देखे तो कई कड़े थे।''

रावत ने कहा, ''जब घुटने देखे और दो बच्चे साथ में दिखे तो मेरे पूछने पर पता चला कि पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं और वो खुद कोई एनजीओ चलाती हैं। जो एनजीओ चलाती हैं, उनके घुटने दिखते हैं। समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं। क्या संस्कार दोगी?”

मंत्री गणेश जोशी ने भी दिया विवादित बयान

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक  इस कार्यक्रम में अजीबोगरीब टिप्पणी करने वाले केवल मुख्यमंत्री रावत नहीं थे। यहां मौजूद मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महिलाओं को अपने बच्चों की परवरिश को प्राथमिकता देनी चाहिए। महिलाएं उन सभी चीजों पर बात करती हैं, जो वो जीवन में करना चाहती हैं, लेकिन उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि वो अपने परिवार और बच्चों की देखरेख करें।

आपको बता दें तीरथ सिंह रावत ने कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है। लेकिन सत्ता का नशा अभी से उनके सिर चढ़कर बोल रहा है। वैसे ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और आरएसएस के कई बड़े नेता महिलाओँ को लेकर ऐसी कई अभद्र टिप्पणियां कर चुके हैं।

महिला नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया  

मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी को लेकर विपक्ष और महिला कार्यकर्ताओं ने कड़ी आलोचना की है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, ऐपवा की कविता कृष्णनन कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी समेत कई महिला नेत्रियों ने तीरथ सिंह रावत पर निशाना साधा है तो वहीं अभी भी कई लोग महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी की महिला सांसदों से आपत्ति की मांग कर रहे हैं।

महुआ मोइत्रा ने ट्विटर पर लिखा, "उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कहते हैं कि जब नीचे देखा तो गम बूट थे और ऊपर देखा तो... एनजीओ चलाती हो और घुटने फटे दिखते हैं? CM साहब, जब आपको देखा तो ऊपर नीचे आगे पीछे हमें सिर्फ बेशर्म बेहूदा आदमी दिखता है। राज्य चलाते हो और दिमाग फटे दिखते हो।"

Uttarakhand CM :
“Jabh nichey dekha toh gumboot the.. aur upar dekha toh .... NGO chalati ho aur ghutney phatey dikte hai?”

CM saab- jabh apko dekha toh upar neeche aagey peechey humein sirf besharm behuda aadmi dikhta hai

State chalatey ho aur dimaag phatey dikte hai?

— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2021

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी तीरथ सिंह रावत के इस बयान की निंदा करते हुए कहा, "देश की संस्कृति और संस्कार पर उन पुरुषों से फर्क पड़ता है, जो महिलाओं और उनके कपड़ों को जज करते हैं।"

प्रियंका ने आगे कहा, 'सोच बदलो मुख्यमंत्री जी, तभी देश बदलेगा।'

Ripped Jeans aur Kitab.
The country’s ‘sanskriti’ & ‘sanskaar’ are impacted by men who sit and judge women and their choices. Soch badlo Mukhyamantri Rawat ji, tabhi desh badlega. #RippedJeansTwitter pic.twitter.com/qYXcN88fY6

— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 18, 2021

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिलावादी संगठन ऐपवा की सचिव और सीपीआई (एमएल) का पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णनन ने लिखा, “ तीरथ सिंह रावत आप क्या संस्कार दे रहे हैं? कि महिला से मिलें तो उनके काम, विचार से नहीं पहचाने, बल्कि उनके घुटने आदि ढके हैं या नहीं, इस पर नजर चलाएं! "She isn't dressed like a slut, you're thinking like a rapist" - महिला के कपड़े बाजारू नहीं, आपकी सोच बलात्कारी है।”

. @TIRATHSRAWAT आप क्या संस्कार दे रहे हैं? कि महिला से मिलें तो उनके काम, विचार से नहीं पहचाने, बल्कि उनके घुटने आदि ढके हैं या नहीं, इस पर नजर चलाएं! "She isn't dressed like a slut, you're thinking like a rapist" - महिला के कपड़े बाजारू नहीं, आपकी सोच बलात्कारी है. https://t.co/uo7Ol5rcVZ

— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) March 17, 2021

कांग्रेस नेता और अभिनेत्री सदफ जफ़र ने लिखा, जो महिलाओँ को शिक्षा, सुरक्षा, चिकित्सा नहीं दे पाते, वो जीन्स और स्कर्ट की लंबाई में ही उलझकर अपना कार्यकाल समाप्त कर देते हैं।

जो महिलाओं को शिक्षा, रोज़गार, सुरक्षा, चिकित्सा नहीं दे पाते वो जीन्स और स्कर्ट की लंबाई में ही उलझकर अपना कार्यकाल समाप्त कर देते हैं।#जीन्स_नहीं_अपना_काम_देखो

— Sadaf Jafar (@sadafjafar) March 17, 2021

वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी रावत की टिप्पणी पर तंज करते हुए कहा कि शायद उनका चयन ऐसी सोच देखकर ही किया गया है।

इस पद के लिए इनका सिलेक्शन इनकी ऐसी सोच देखकर ही हुआ है शायद ! https://t.co/w6nWfsNGtO

— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) March 17, 2021

स्वाति ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उत्तराखंड के सीएम को लड़कियों के जींस पहनने से दिक्कत है। मुख्यमंत्री तो बन गए पर दिमाग अभी भी सड़कछाप है। वो दिन दूर नहीं जब जींस पहनने पर ये यूएपीए लगा देंगे!

फिल्म अभिनेत्री गुल पनाग ने बिना तीरथ सिंह रावत का नाम लिए महिलाओं से रिप्ड जींस पहनने के लिए कहा और एक अपनी बेटी के साथ तस्वीर शेयर की। उन्होंने दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में बेटी की साथ सेल्फी शेयर की है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, "रिप्ड जींस लेकर आओ।"

<

#RippedJeansTwitter pic.twitter.com/zwitZiIE9k

— Gul Panag (@GulPanag) March 17, 2021

अमिताभ बच्चन की नातिन और एनजीओ से जुड़ीं नव्या नवेली नंदा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “हमारे कपड़े बदलने से पहले अपनी मानसिकता बदलें, क्योंकि यहां चौंकाने वाली एक ही बात है, जो संदेश इस तरह के बयान समाज को भेजते हैं।”

विपक्ष हमलावर, कहा- ‘लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर’

मुख्यमंत्री के बयान पर विपक्षी कांग्रेस तथा आप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे कद के व्यक्ति को किसी के पहनावे पर अशिष्ट टिप्पणी बिल्कुल शोभा नहीं देती। उन्होंने मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों से बचने की भी सलाह दी और कहा कि ऐसे बयानों से जन भावनाएं आहत होती हैं।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक अमर्यादित और ओछी टिप्पणी की है कि आजकल के बच्चे फटी जींस पहनकर अपने आप को बड़े बाप का बेटा समझते हैं। मुख्यमंत्री होने से आपको यह प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता कि आप किसी के व्यक्तिगत पहनावे पर टिप्पणी करें।”

वहीं आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री के इस बयान को ‘भद्दा’ बताते हुए कहा कि लड़कियों के जींस पहनने से मुख्यमंत्री को आपत्ति है।

उत्तराखंड आप ने सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक पेज पर लिखा है, “ये देखो बेटियों, यह हैं आपके मुख्यमंत्री जिन्हें आपके कपड़ों पर तंज कसना है, लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर।”

गौरतलब है कि कि दूसरे दलों के कई नेताओं ने भी बीते सालों में महिलाओं के प्रति ऐसी ही बेहूदा बयानबाज़ी की है। दरअसल यही पितृसत्तात्मक और मनुवादी सोच है। बहुत बीजेपी नेता और संघ कार्यकर्ता तो सीधे तौर पर मनुवादी सोच पर गर्व करते देखे गए हैं। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इस तरह की विचारधारा को सार्वजनिक तौर से बढ़ावा देते दिखाई देते हैं। 2009 में अपने एक लेख में, उन्होंने मनुस्मृति को विधानसभा और संसद में महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ आधार बनाकर ये कोट किया था कि ‘महिलाओं को हमेशा पुरुषों के नियंत्रण में रखा जाना चाहिए’। अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर बीजेपी नेता महिलाओं को समझते क्या हैं? क्या आज भी वो मनुवाद के आधार पर महिलाओँ को हमेशा पुरुषों के अधीन देखते हैं या संविधान के अनुसार बराबरी का अधिकार देना चाहते हैं।

Uttrakhand
Tirath Singh Rawat
patriarchal society
gender discrimination
BJP

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