यमन में अलगाववादी साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) ने बुधवार 27 अगस्त को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी की सरकार के साथ सऊदी प्रायोजित शांति और शक्ति-बंटवारे की वार्ता में शामिल होने की अपनी भागीदारी को रोक रहा है। एसटीसी ने कहा है कि वह रियाद समझौते के प्रति "पक्षों के पक्षपातपूर्ण व्यवहार" के चलते विरोध में वार्ता से हट रहा है। रियाद समझौते का नामाकरण दो यमनी गुटों के बीच सत्ता-बंटवारे के समझौते को लेकर किया गया।
एसटीसी के बयान में कहा गया है कि इसने सऊदी अधिकारियों को एक पत्र भेजा था जिसमें कहा गया था कि "इस समझौते को लागू करने के लिए जारी परामर्श में अपनी भागीदारी से हट रहा है"। इसने इस समझौते से बाहर होने के लिए अपने कई कारणों का हवाला दिया जिसमें दक्षिणी यमन में सार्वजनिक सेवाओं की लगातार गिरावट शामिल है साथ ही अबियान प्रांत में हादी के नेतृत्व वाले सैनिकों की संख्या में हालिया वृद्धि भी शामिल है।
इसने रियाद समझौते में एसटीसी के विश्वास की कमी के कारण के रुप में मतभेद से पूर्व दक्षिणी क्षेत्र में सरकारी सैनिकों के हाल में इकट्ठा होने की ओर भी इशारा किया। इस समझौते के नागरिक पहलुओं पर, दक्षिणी क्षेत्रों में लोक सेवकों के वेतन का भुगतान करने में हादी सरकार की विफलता, वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती क़ीमतों के साथ साथ मुद्रा के मूल्य में क्रमिक गिरावट, साथ ही साथ दक्षिणी गवर्नरों को वित्तीय सहायता में कमी भी एसटीसी द्वारा इसके हटने कारणों में बताया गया था।
बुधवार को की गई घोषणा हादी सरकार और एसटीसी के बीच मतभेदों और संघर्ष को समाप्त करने की सऊदी की उम्मीदों के लिए एक बड़ा झटका है। इससे हाउथिस के ख़िलाफ़ इसके युद्ध में दोनों पक्षों को एकजुट करने में मुश्किल होगी।
इस साल जुलाई महीने में दोनों पक्षों के बीच हुए रियाद समझौते में दोनों पक्षों ने 30 दिनों के भीतर नए प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त यमनी सरकार के गठन के लिए सहमति व्यक्त की थी। इसने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर अदन के लिए एक नए गवर्नर और सुरक्षा निदेशक की नियुक्ति का भी वादा किया था। एसटीसी स्वतंत्र और स्वायत्त दक्षिणी यमन में स्व-शासन स्थापित करने के अपने इरादे को छोड़ने के लिए सहमत हो गया था।
दोनों पक्षों के बीच बढ़ते मतभेद और शत्रुता के कारण एसटीसी ने इस साल अप्रैल महीने में अस्थायी मुख्यालय से सऊदी समर्थित यमनी सरकार को हटाते हुए अदन सहित दक्षिणी यमन के अधिकांश हिस्सों में स्व-शासन की घोषणा की थी।
यमन अरब दुनिया में सबसे ग़रीब देश हैं जो पहले से ही हाउथिस और हादी सरकार के बीच लड़ाई, सऊदी-गठबंधन के हवाई हमलों और ड्रोन हमलों, साथ ही कोरोनावायरस महामारी से निपटने की कोशिश कर रहा है। यह हाल ही में भारी बारिश और ख़तरनाक बाढ़ से भी पीड़ित रहा है जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हज़ारों लोग बेघर हुए हैं।