NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यमन के लोगों ने सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया, युद्ध के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया
सऊदी अरब और यूएई को अमेरिकी एजेंडा को लागू करने के लिए "व्हाइट हाउस का उपकरण" बताते हुए इन प्रदर्शनकारियों ने यमन में युद्ध और पीड़ा के लिए अमेरिका को ज़िम्मेदार पूरी तरह से ठहराया।
पीपल्स डिस्पैच
10 Aug 2021
यमन के लोगों ने सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया, युद्ध के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया

सऊदी के नेतृत्व वाले खाड़ी गठबंधन द्वारा इस युद्धग्रस्त देश की वर्षों से चली आ रही नाकेबंदी के खिलाफ हजारों यमनी नागरिकों ने राजधानी सना में विरोध प्रदर्शन किया। इस नाकेबंदी के चलते यमनियों को व्यापक आर्थिक नुकसान हुआ है और कठिनाई पैद कर दी है। प्रदर्शनकारियों ने इस गठबंधन की मदद करने के लिए अमेरिका की भी निंदा की। अपने बड़े पैमाने पर सैन्य अभियानों के माध्यम से इसने हजारों नागरिकों को मार डाला है और जानबूझकर नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है।

प्रदर्शनकारियों ने यमन द्वारा शिपिंग के माध्यम से आयात किए जाने वाले सामानों के लिए सीमा शुल्क की कीमतों में 100% की वृद्धि करने के अमेरिकी फैसले की भी निंदा की और साथ ही यमनी रियाल के मूल्य को कम करने के लिए अमेरिकी डॉलर को हथियार बनाने की निंदा की।

प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए हाथों में पोस्टर लिए हुए अमेरिका और सऊदी अरब के खिलाफ नारे लगाए और उन पर लागू किए गए अमानवीय निर्णयों की निंदा की। उन्होंने मांग की कि सना हवाईअड्डा और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होदेदाह बंदरगाह को खोला जाए। उन्होंने हवाई और समुद्री नाकेबंदी के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में रुकावट को समाप्त करने की भी मांग की। उसे "गैर-चर्चा योग्य" अधिकार बताते हुए उन्होंने कहा कि जारी नाकाबंदी केवल बहुआयामी युद्ध का विरोध करने और यमन को विदेशी हस्तक्षेप से मुक्त करने के लिए संघर्ष करने के उनके संकल्प को मजबूत करेगी।

देश के अधिकांश उत्तरी हिस्से और सना से सऊदी और यूएस समर्थित यमनी सरकार के राष्ट्रपति अब्दरबूह मंसूर हादी को हौथी द्वारा बाहर करने महीनों बाद सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने 2015 में यमन में एक अवैध सैन्य हस्तक्षेप शुरू किया। सऊदी गठबंधन के हमलों के कारण 233,000 से अधिक यमनियों की मौत हो चुकी है। चौंका देने वाली बात ये है कि 30 मिलियन की कुल आबादी का लगभग आधा यानी 14 मिलियन यमनी आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं।

हौथियों के नियंत्रण में यमन के कुछ हिस्सों में युद्ध और नाकाबंदी भी बड़े पैमाने पर परेशानी का कारण बना। व्यापक अकाल और बीमारी के प्रकोप के बढ़ते जोखिम ने यमनियों की जिंदगी को भी भोजन और चिकित्सा की भारी कमी के कारण खतरे में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि देश की 80% से अधिक आबादी को पहले से ही अपने दैनिक आवश्यकताओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता की आवश्यकता है और इसने इस मानवीय संकट को दुनिया में सबसे गंभीर करार दिया है।

yemen
Saudi Arab

Related Stories

क्या यमन में युद्ध खत्म होने वाला है?

यमन में ईरान समर्थित हूती विजेता

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

पड़ताल दुनिया भर कीः यमन का ड्रोन हमला हो या यूक्रेन पर तनाव, कब्ज़ा और लालच है असल मकसद

यमन में एक बच्चा होना बुरे सपने जैसा है

फ़ारस की खाड़ी में बाइडेन की नीति

इज़रायल के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन की मदद करने पर सऊदी अदालत ने 69 लोगों को सज़ा सुनाई

दक्षिण अफ़्रीकी अदालत ने सऊदी अरब और यूएई को हथियारों के निर्यात के परमिट की न्यायिक समीक्षा का आदेश दिया

हाउथी और सरकार समर्थक सैनिकों के बीच यमन के मारिब में लड़ाई तेज़

यमन की नाकाबंदी को समाप्त करने की मांग को लेकर अमेरिकी कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License