NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अब दयाल सिंह कॉलेज को बर्बाद करने की साज़िश?
दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज के चेयरमैन ने कॉलेज पर किया एक दिन का कब्ज़ा, प्रिंसिपल को किया निलंबित।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
25 Sep 2018
दयाल सिंह कॉलेज

दिल्ली के बड़े शिक्षा संस्थान दयाल सिंह कॉलेज में स्थिति नाज़ुक बनी हुई है। सोमवार को पूरा दिन कॉलेज का गेट बंद रहा और सैकड़ों छात्र, शिक्षक और खुद प्रिंसिपल को बाहर रहना पड़ा। आरोप है कि गेट पर चेयरमैन के बाउंसर और एबीवीपी के छात्रों ने शिक्षकों और छात्रों के साथ बदसलूकी और मारपीट की और पुलिस वहां तमाशा देखती रही।

यह पूरा मामला तब गरमाया जब कॉलेज के चेयरमैन अमिताभ सिन्हा ने सोमवार को जीबीएम (जनरल बॉडी मीटिंग) बुलाई और मनमानी से कॉलेज को बंद करा दिया। छात्रों का कहना है कि उन्हें कॉलेज बंद किये जाने की जानकारी नहीं थी, इसीलिए वहां सैकड़ों की संख्या में छात्र बाहर इकठ्ठा हो गये। छात्रों का आरोप है कि चेयरमैन इस मीटिंग के ज़रिये अध्यक्ष पद से हटाए गए एबीवीपी के छात्र को फिर से बहाल करने का प्रयास कर रहे थे। 

दरअसल कॉलेज में 12 सितम्बर को ही चुनाव हुए हैं और इसमें एबीवीपी के उम्मीदवार रोहन अवाना जीते थे। लेकिन उन पर नियमों के उल्लंघन करने के आरोप सिद्ध हुए। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने बिना अनुमति के एक बड़ी रैली निकाली और आचार संहिता और दूसरे नियमों के उल्लंघन किया। इस वजह से दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल आई इस बक्शी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी के नोटिस के बाद चेयरमैन ने भी एक नोटिस जारी किया जिसमें इस मामले को बेहतर तरीके से सुलझाने की बात कही गयी। यही वजह है कि यह जीबीएम बुलाई गयी थी। कॉलेज के चेयरमैन अमिताभ सिन्हा संघ से जुड़े हुए हैं और बीजेपी के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। इसीलिए इस मामले में पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। 

दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार हर कॉलेज में कॉलेज के प्रिंसिपल ही इलेक्शन अफसर नियुक्त किये गए थे। किसी भी कॉलेज के चेयरमैन की कॉलेज के चुनावों में कोई भूमिका नहीं होती। यही वजह है कि प्रिंसिपल आईके बक्शी ने इस जीबीएम को गैर कानूनी घोषित किया और इसका बहिष्कार किया। 

छात्रों के अनुसार सोमवार सुबह 8 बजे जब वह कॉलेज पहुँचे तो अजीब नज़ारा देखा। गेट पर एबीवीपी के छात्र और बाउंसर थे। उन्होंने छात्रों और शिक्षको के  साथ बदसलूकी और मारपीट की। प्रिंसिपल जब वहाँ पहुंचे तो उन्होंने पुलिस से इस मामले में दखल देने को कहा। लेकिन पुलिस का कहना था कि यह उनका अन्दरूनी मामला है और पुलिस इसमें कुछ नहीं कर सकती। जबकि छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में भी देखा जा सकता है कि छात्रों और शिक्षकों के साथ लगातार मारपीट और बदसलूकी हो रही थी। दयाल सिंह कॉलेज में फिज़िक्स के शिक्षक नवीन गौड़ के हाथों को बाउंसरों ने इतनी ज़ोर से मोड़ा कि वह काफी चोटिल हो गये । इस मामले के खिलाफ लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज़ की गयी है।

बाहर करीब 300 छात्र मौजूद थे और 50 शिक्षक। छात्रों ने चेयरमैन के खिलाफ नारे लगाए और कुछ शिक्षकों ने छात्रों को सम्बोधित किया। शाम तक सब वापस चले गए। बताया जा रहा है कि जीबीएम में प्रिंसिपल को हटाने और शाम के बैच के प्रिंसिपल को सुबह भी नियुक्त किये जाने का फरमान जारी किया गया है। यह छात्रों और शिक्षकों को मंज़ूर नहीं है और सूचना मिलने तक शिक्षक आगे के संघर्ष के लिए योजना बना रहे थे। 

दयाल सिंह कॉलेज के हिंदी के शिक्षक राजीव कुंवर ने कहा "कॉलेज के लोकतंत्र को पूरी तरीके से  ख़त्म किया जा रहा है। लोकतान्त्रिक ढाँचे की जगह तानाशाही को लाया जा रहा है। अगर प्रशासन इसके खिलाफ कुछ नहीं करता तो कॉलेज पूरी तरह बर्बाद हो सकता है।"

लेकिन यह पहली बार नहीं है जब दयाल सिंह कॉलेज में माहौल इस तरह गरमाया हो। इस साल जनवरी में कॉलेज के छात्र कॉलेज के विभाजन के खिलाफ एक सभा कर रहे थे, तब एबीवीपी के कुछ छात्रों ने वहाँ आकर मारपीट की। हालांकि उन्हें वहाँ से खदेड़ दिया गया लेकिन छात्रों का कहना था कि इन्हें चेयरमैन द्वारा ही शह मिली हुई थी। छात्रों के विरोध के चलते फिलहाल कॉलेज का बँटवारा नहीं हुआ है। इस मामले को लेकर भी कॉलेज के शिक्षक कोर्ट गए थे।

इसके साथ ही कोशिश यह भी की गयी थी कि कॉलेज का नाम दयाल सिंह कॉलेज से बदलकर वंदे मातरम कॉलेज कर दिया जाए। जो भी इसका विरोध करता उसे 'देशद्रोही' कह देने का दौर भी चला। लेकिन आख़िरकार विरोध के चलते इस फैसले से पीछे हटना पड़ा।

फिलहाल छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि वह चेयरमैन के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के आसार हैं। छात्र -शिक्षक यह माँग कर रहे हैं कि अमिताभ सिन्हा को चेयरमैन के पद से हटाया जाए। 

dyal singh college
Delhi
Delhi University
students
College Teacher
ABVP

Related Stories

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License