NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अडानी समूह की रिपोर्ट तैयार करने पर ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने धमकाया !
अडानी समूह पर रिपोर्ट तैयार करने गुजरात आए ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों से पुलिस द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया है।
सबरंग इंडिया
04 Oct 2017
अदानी

अडानी समूह पर रिपोर्ट तैयार करने गुजरात आए ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों से पुलिस द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार वहां सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजना पर काम कर रहे अडानी ग्रुप के पर्यावरण तथा अन्य ट्रैक रिकॉर्ड की जाँच करने गुजरात आए थे। यहां उनसे पुलिस ने बेहद सख्ती से पूछताछ की और उन्हें धमकाया।

ये पत्रकार ऑस्ट्रेलिया के ‘4 कार्नर्स ’ चैनल के थे। फिलहाल यह टीम अपना काम पूरा करके वापस चली गई है। 4 कॉर्नर रिपोर्टर स्टीफ़न लॉँग के मुताबिक वे गुजरात मे मुंद्रा पहुंचकर अपना काम कर रहे थे, लेकिन अगले ही दिन पुलिस उनके होटल पहुंच गई। वे भारत में किए गए तमाम इंटरव्यू और फुटेज को बचाने की कोशिश करने लगे।

स्टीफ़न ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर बताया कि, “ हमसे क़रीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस दौरान बार-बार मोबाइल पर बात करने के लिए कमरे से बाहर जाता था और लौटने पर उसका रुख़ और सख़्त हो जाता था। वे लोग अच्छी तरह जानते थे कि हम वहां क्यों आए हैं, लेकिन कोई भी ए (अडानी) शब्द मुंह से नहीं निकाल रहा था।

पुलिस ने हमसे कहा कि अगर हम लोग वापस नहीं गए तो तीन ख़ुफ़िया एजेंसियों के लोग अगले दिन पूछाताछ करने आएंगे और हम लोग जहां भी जाएंगे, क्राइम स्कावड के जासूस और स्थानीय पुलिस साथ होगी।” अपने इस कड़वे अनुभव के साथ 4 कॉर्नर्स की टीम ऑस्ट्रेलिया लौट गई, लेकिन इस दौरान वह अपनी रिपोर्ट पूरी करने में क़ामयाब रही।

Courtesy: सबरंग इंडिया,
Original published date:
03 Oct 2017
अदानी
भारत सरकार
ऑस्ट्रेलिया
बीजेपी
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

कोयला आयात घोटाला : अदानी समूह ने राहत पाने के लिए बॉम्बे हाइ कोर्ट का रुख किया

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

असमः नागरिकता छीन जाने के डर लोग कर रहे आत्महत्या, एनआरसी की सूची 30 जुलाई तक होगी जारी

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला

सहभागिता का लोकतंत्र


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License