२७ दिसंबर, २०१३ को मुज़फ्फरनगर के लोई राहत शिविर में दंगा पीड़ितों को एक बार फिर उ.प्र. सरकार की संवेदनहीनता और क्रूरता का सामना करना पड़ा। सर्दियों की चरम पर सरकार शरणार्थियों को शिविरों से हटाने पर अमादा है। २७ दिसंबर की सुबह को सरकार द्वारा १० झुग्गियों को बलपूर्वक तोड़ दिया गया। दुर्भागयवश, अधिकतर लोगों को मुआवज़ा दिए बिना ही वहाँ से खदेड़ा जा रहा है। इस के साथ इसमें अन्य राहत शिवरों में पीड़ितों के भय को भी दिखाया जा रहा है।