NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आई टी सेल के सरदार की नाइट क्लास और भूसे का गणित
आई टी सेल वालों की ट्रेनिंग चल रही है। कैसे 90 रुपया लीटर पेट्रोल को सस्ता बताना है।
रवीश कुमार
11 Sep 2018
BJP Petrol Hike

आई टी सेल वालों की ट्रेनिंग चल रही है। कैसे 90 रुपया लीटर पेट्रोल को सस्ता बताना है। सरदार कहता है कि दाम हमारे हाथ में नहीं है। हम सबके हाथ में की-बोर्ड है। हम की-बोर्ड चलाते हैं। कार या बाइक नहीं। इस की-बोर्ड से हमने लोगों को मूर्ख बनाया है। डराया है। धमकाया है। लेकिन अब समझायेंगे। हम समझाएँगे कि पेट्रोल के दाम हमारे हाथ में नहीं है। तभी एक नादान सवाल करता है। तो हमारे हाथ में क्या है? सरदार चुप हो जाता है। कहता है सुनो तुम सब ध्यान से सुनो। तुम्हारे हाथ में की- बोर्ड है। तुम लिखो कि हम तो 200 रुपए लीटर पेट्रोल ख़रीदने के लिए राज़ी हैं। अभी तो 90 ही पहुँचा है। पेट्रोल 110 रुपया सस्ता है। हमारा बजट तो 200 रुपए लीटर का है। वाह मोदी जी वाह।

सरदार कहता है कि जिस तरह से हमने तुम्हारे दिमाग़ में भूसा भरा है तभी एक नादान कहता है कि सर आप राष्ट्रवाद को भूसा कैसे बोल सकते हैं। सरदार चुप हो जाता है। कहता है सुनो जब तुम भूसे को राष्ट्रवाद समझने लगो तब जान लो कि तुम देश के लिए क़ुर्बानी दोगे। तुम्हारी बुद्धि इसी काम के लिए ख़त्म की गई है ताकि तुम 90 रुपये लीटर को सस्ता बता सको। सभी हिन्दुओं को एक रहना है। सबको 90 रुपया वाला सस्ता पेट्रोल ख़रीदना है। ख़रीदो वर्ना शेर अकेला पड़ जाएगा। शेर को अकेले रहने की आदत नहीं है। उसे शिमला घूमने की बीमारी है जहाँ वो शिकागो समझ कर पहुँच जाता है। तभी एक नादान आई टी सेलर बोलता है। सर वो बाबा ठीक कहता था। रात की कक्षा में गणित ख़ूब समझ आता है। तेल के दाम वाक़ई नहीं बढ़े हैं। सरदार कहता है जाओ। व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी में अपना वाला भूसा ठेल दो।

लेकिन सरदार जनता फिर भी नहीं समझी तो? तो कहना कि ये मैथ्स है। गणित। सबको नहीं आता। तभी तो हम समझा रहे हैं।

रवीश कुमार की फेसबुक वॉल से साभारI

Petrol-Diesel Price Hike
BJP Govt
modi sarkar
oil companies
BJP IT cell

Related Stories

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

लीजिए विकास फिर से शुरू हो गया है, अब ख़ुश!

ग्राउंड रिपोर्ट: महंगाई-बेरोजगारी पर भारी पड़ी ‘नमक पॉलिटिक्स’

हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन, घेराव और हड़ताल पर लगाई रोक, विपक्ष ने बताया तानाशाही फ़ैसला

मतदाता पहचान कार्ड, सूची को आधार से जोड़ने सहित चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

लखीमपुर खीरी कांड: गृह राज्य मंत्री टेनी दिल्ली तलब

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?

सरकारी नाकामी के चलते COVID से मारे गए लोगों को याद करता एक गीत

अबकी बार, मोदी जी के लिए ताली-थाली बजा मेरे यार!


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License