NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
ऐतिहासिक धरोहरों को निजी हाथों में सौपने का सिलसिला जारी
भारत सरकार की ’एडॉप्ट ए हेरीटेज’ योजना के तहत लगातार निजी हाथों में सौंपी जा रही हैं राष्ट्रीय धरोहर।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Jul 2018
लाल किला

भारत सरकार की  ’एडॉप्ट ए हेरीटेज’योजना के तहत अब तक दिल्ली स्थित लाल किले समेत पाँच एतिहासिक धरोहरों के लिए ’स्मारक मित्र’ नियुक्त किए जा चुके हैं।

गौरतलब है कि विश्व पर्यटन दिवस (27 सितम्बर, 2017) पर राष्ट्रपतिरामनाथ कोविंद ने पर्यटन मंत्रालय की’एडॉप्ट ए हेरीटेज’ योजनाकी शुरुआत की थी। इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने निजी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और कॉर्पोरेट जगत के व्यक्तियों को स्मारक स्थलों को ‘गोद लेने’ और ‘संरक्षण तथा रखरखाव’ के लिए आमंत्रित किया था।

सूचना  के अधिकार (आर.टी.आई) के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से मिली जानकारी के अनुसार ’एडॉप्ट ए हेरीटेज योजना’ के तहत लालकिला और गंडीकोटा किले को शामिल किया गया है। लखनऊ स्थित आर.टी.आई कार्यकर्त्ता ऐश्वर्या पराशर ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इस योजना में हुई प्रगति की जानकारी माँगी थी। जानकारी के अनुसार लालकिले को रखराव के लिए डालमिया भारत को सौंपे जाने के बाद अब दिल्ली में 4 और धरोहरों को निजी कम्पनीयों को रखरखाव के लिय सौंप दिया गया है।

जानकारी के अनुसार महरौली-गुरुग्राम रोड स्थित अजीम खान का मकबरा, नई दिल्ली स्थित राजों की बावली,नई दिल्ली स्थित मोठ की मस्जिद और महरौली पुरातात्विक पार्क ट्रेल ’जमाली कमाली’ के लिए ’स्मारक मित्र’ नियुक्त किए है। इसके लिए भारत सरकार ने 11 जून को केपर ट्रेवल कंपनी (प्राइवेट) के साथ करार किया है। यह करार 5 सालों के लिए किया गया है, इस दौरान स्मारकों की देख-रेख निजी कंपनी करेगी।

इससे पहले भी इस योजना के तहत सितंबर से अक्टूबर 2017 के बीच देश की प्रमुख एतिहासिक धरोहरों को निजी कम्पनीयों को सौंपा  गया,जिनके नाम इस प्रकार हैं-

  1. दिल्‍ली स्थित जंतर-मंतर को गोद लेने के लिए एसबीआई फाउंडेशन को सौंप दिया गया।
  2. कोणार्क का सूर्य मंदिर, भुवनेश्‍वर का राजा रानी मंदिर, जयपुर और ओडिशा के रत्‍नागिरी स्‍मारक को गोद लेने के लिए टी के इंटरनेशनल लिमिटेड को सौंप दिया गया।
  3. कर्नाटक के हम्‍पी, जम्‍मू-कश्‍मीर का लेह पेलेस, दिल्‍ली का कुतुब मीनार, महाराष्‍ट्र की अजंता गुफा को यात्रा ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया  गया।
  4. कोच्चि के मत्‍तानचेरी पेलेस संग्रहालय और दिल्‍ली का सफदरजंग मकबरा ट्रेवल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को सौंप दिया गया।
  5. गंगोत्री मंदिर क्षेत्र और गोमुख तक के मार्ग और जम्‍मू कश्‍मीर के माउंट स्टोककांगरी, लद्दाख को एडवेन्‍चर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया को सौंप दिया गया।
  6. दिल्‍ली की अग्रसेन की बावली को स्‍पेशल होलीडेज ट्रेवल प्राइवेट लिमिटेड और दिल्‍ली के रोटरी क्‍लब को सौंप दिया गया है ।
  7. दिल्‍ली के पुराने किले को गोद लेने के लिए राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम(एनबीसीसी)को सौंप दिया गया है।

ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि बात-बात पर राष्ट्रवादका प्रमाण पत्र बाँटने वाली मौजूदा भाजपा सरकार कैसे देश के ऐतिहासिक धरोहरों को निजी हाथों में सौंपती चली जा रही है?

लाल किला
राष्ट्रीय धरोहर
ऐतिहासिक इमारतें
मोदी सरकार
पर्यटन मंत्रालय

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

सत्ता का मन्त्र: बाँटो और नफ़रत फैलाओ!

जी.डी.पी. बढ़ोतरी दर: एक काँटों का ताज

5 सितम्बर मज़दूर-किसान रैली: सबको काम दो!

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

लातेहार लिंचिंगः राजनीतिक संबंध, पुलिसिया लापरवाही और तथ्य छिपाने की एक दुखद दास्तां

माब लिंचिंगः पूरे समाज को अमानवीय और बर्बर बनाती है

अविश्वास प्रस्ताव: दो बड़े सवालों पर फँसी सरकार!

क्यों बिफरी मोदी सरकार राफेल सौदे के नाम पर?

अविश्वास प्रस्ताव: विपक्षी दलों ने उजागर कीं बीजेपी की असफलताएँ


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License