NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अलिबाबा भारतीय खुदरा बाज़ार में एकाधिकार हासिल करने में जुटी
रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलिबाबा भारत में सबसे बड़ा खुदरा उपक्रम स्थापित करने के लिए रिलायंस रीटेल से बात कर रही है। वहीं अमेज़न आदित्य बिड़ला की सुपरमार्केट श्रृंखला में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ख़रीदने की कोशिश में है।
प्रणेता झा
23 Aug 2018
E commerce

घरेलू खुदरा व्यापार ख़ास तौर पर छोटे व्यापारियों और निर्माताओं का कारोबार समाप्त हो जाएगा इसको लेकर भारतीय व्यापारियों द्वारा वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के ख़िलाफ़ विरोध करने के बावजूद अब ये बात सामने आई है कि चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलिबाबा मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल लिमिटेड के साथ "एक बड़ा भारतीय खुदरा संयुक्त उद्यम" बनाने के लिए बातचीत कर रही है।
 
यह भी पढ़ें -
Why Is Foreign Capital Dominating Indian Startups In e-Commerce and Tech?

मिंट के अनुसार, अलिबाबा अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों अमेज़न और वॉलमार्ट का मुकाबला करने और "डिजिटल बाजार में विशाल कंपनी" स्थापित करने के साथ-साथ भारत में अलिबाबा के खुदरा कारोबार "अधिमानतः 50%" का विस्तार करने के लिए कम से कम 5 बिलियन डॉलर निवेश करना चाहता है।

अलिबाबा की योजना एक विशाल ओमनी-चैनल खुदरा इकाई बनाने की है। ओमनी-चैनल खुदरा कारोबार का मतलब बिक्री के लिए दुकानदारों को प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों में एक एकीकृत अनुभव प्रदान करना है। उदाहरण के लिए इसे पूरक बनाने के लिए भौतिक खुदरा आधारभूत संरचना के साथ ऑनलाइन मंच को जोड़ना है। अलिबाबा अपने 'ऑनलाइन-से-ऑफ़लाइन' मॉडल के माध्यम से पहले से ही चीन में इस कार्य में सफल रहा है।

मिंट ने यह भी रिपोर्ट किया कि अलिबाबा समूह के सह-संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष जैक मा ने जुलाई के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी से मुलाकात की थी। आरआईएल प्रवक्ता द्वारा इस बैठक से इनकार करने के साथ-साथ ऐसी किसी भी योजना के मामले में एक स्पष्टीकरण को इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

हालांकि द टाइम्स ऑफ इंडिया में एक अन्य रिपोर्ट ने अलिबाबा और आरआईएल के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच ऐसी चर्चा की बात की। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि अलीबाबा न सिर्फ रिलायंस के साथ बातचीत की बल्कि टाटा समूह और किशोर बियानी के फ्यूचर रिटेल के साथ भी इसी उद्देश्य के लिए बातचीत की।

यह भी पढ़ें -
Walmart-Flipkart Deal: Traders To Challenge Competition Commission's Approval

अलिबाबा पहले से ही कई भारतीय कंपनियों में भारी निवेश कर रखा है विशेष रूप से पीटीएम (इसमें 49%), ज़ोमैटो, बिगबास्केट, टिकटन्यू इनमें शामिल है।

दरअसल भारत में इसका सबसे नया प्रयास अमेज़न और वॉलमार्ट का मुकाबला करना है। संयुक्त राज्य अमेरिका की विश्व की सबसे बड़ी (ऑफ़लाइन) खुदरा विक्रेता वॉलमार्ट ने हाल ही में भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77% हिस्सेदारी हासिल की है। हालांकि बड़ी संख्या में विदेशी हिस्सेदारी पहले से ही है।

यह भी पढ़ें -
Traders Across India Protest Against Walmart-Flipkart Deal, Impending Doom For Indian Retailers

इस बीच रिपोर्ट सामने आई है कि आदित्य बिड़ला रिटेल लिमिटेड की सुपरमार्केट श्रृंखला में 42-49% हासिल करने के लिए अमेज़न बातचीत कर रहा है क्योंकि वह अपने ऑनलाइन किराने का खुदरा व्यापार का विस्तार करना चाहता है।

भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नियम मल्टी ब्रांड रिटेल में 51% विदेशी निवेश की अनुमति देता है, जबकि सिंगल ब्रांड रिटेल में 100% एफडीआई की अनुमति देता है।

यदि अलिबाबा रिलायंस के साथ क़रार करती है तो यह अलिबाबा को अमेज़न और वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट पर एडवांटेज देगा क्योंकि एफडीआई नियम ई-कॉमर्स में काम करने वाली विदेशी कंपनियों को विस्तृत सूची रखने के लिए अनुमति नहीं देता है। लेकिन ई-कॉमर्स के 'बाजार' मॉडल में 100% विदेशी निवेश की अनुमति है जिससे कोई कंपनी केवल ख़रीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक मंच प्रदान कर रही है। इसलिए कोई ई-कॉमर्स कंपनी बाज़ारों के प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं को सामानों की अपनी सूची नहीं रख सकती है और न ही बेच सकती है।

हालांकि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां इन नियमों की बेशर्मी से उल्लंघन कर रही हैं, आम तौर पर प्रॉक्सी 'नियंत्रित विक्रेताओं' के माध्यम से बहुत सस्ती दरों पर उत्पादों को बेच कर और कई कंपनियों का निर्माण कर जिसके ज़रिए वे निर्माताओं से थोक (छूट पर) में ब्रांडेड सामान खरीदते हैं। वास्तव में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 जुलाई को ग़ैर सरकारी संगठन टेलीकॉम वॉचडॉग की याचिका पर सुनवाई करते हुए ई-कॉमर्स के लिए एफडीआई मानदंडों के इन उल्लंघनों पर अमेज़न, फ्लिपकार्ट और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।

इस बीच भारत में व्यापारी वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के ख़िलाफ़ विरोध करते रहे हैं क्योंकि वे इसे जानते हैं कि जिस तरह वॉलमार्ट को भारत के मल्टी ब्रांड रिटेल में पिछले दरवाजा से प्रवेश है ठीक इसी तरह अमेज़न और फ्लिपकार्ट अब तक करते रहे थे। सिवाय इसके कि वॉलमार्ट दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी है, यह वैश्विक स्तर पर सबसे सस्ती सामग्री के स्रोत तैयार कर सकती है और फ्लिपकार्ट के मंच पर अपनी खुद की सूची से बेच सकती है।

यह भी पढ़ें -
https://www.newsclick.in/so-called-consumers-interest

2 जुलाई को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रैडर्स (सीएआईटी) के बैनर तले लगभग 10 लाख दुकानदारों और व्यापारियों ने देश भर के सैकड़ों स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि मोदी सरकार 9 मई को घोषित 16 बिलियन डॉलर के वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को रद्द करे।

अब सीएआईटी ने फिर से 'भारत बंद' का ऐलान किया है। ये बंद 28 सितंबर को वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के विरोध में करने के ऐलान किया गया है।

आरआईएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल राजस्व के मामले में देश की सबसे बड़ी खुदरा विक्रेता है। और अलिबाबा तुलनात्मक रूप से दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है जो बाजार मूल्य के मामले में अमेरिकी विशालकाय अमेज़न से दूसरे स्थान पर है।

अलिबाबा अमेज़न के साथ निर्विवाद वैश्विक ई-कॉमर्स अग्रणी बनने के लिए निरंतर प्रतिस्पर्धा कर रहा है। हालांकि इसकी ऑनलाइन बिक्री और मुनाफे ने अमेज़न और यहां तक कि वॉलमार्ट को भी पार कर लिया है।

भारतीय रिटेल पर क़ब्ज़ा करने और लाखों छोटे खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों और निर्माताओं की आजीविका के ख़तरे को लेकर इन विदेशी कंपनियों के ख़िलाफ़ भारतीय व्यापारी विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं।

विक्रेताओं का चयन करने के लिए ज़्यादा छूट, मूल्य निर्धारण और श्रेष्ठ व्यवहार जैसे प्रतिस्पर्धा में फ्लिपकार्ट के शामिल होने को लेकर व्यापारियों के संगठनों द्वारा किए गए विरोध और शिकायतों के बावजूद भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 8 अगस्त के आदेश में वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को मंज़ूरी दे दी।

ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी में भारतीय स्टार्ट-अप कंपनियों पर विदेशी पूंजी का प्रभुत्व हैे। और अब यह स्पष्ट है कि दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स और खुदरा कंपनियां अमेज़ॅन, अलिबाबा और वॉलमार्ट न केवल भारत के खुदरा क्षेत्र पर हावी होने के लिए लड़ाई लड़ रही है बल्कि इस लड़ाई में वे भारत में बड़ी कंपनियों के साथ गठबंधन कर रहे हैं। रिलायंस रिटेल देश का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता है जबकि फ्लिपकार्ट सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है।

इस तरह हम देख सकते हैं कि कैसे विदेशी पूंजी और भारतीय पूंजी भारत में खुदरा क्षेत्र में एकाधिकार के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ निश्चित एफडीआई नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसका सामना करने के लिए भारतीय घरेलू खुदरा विक्रेता पूरी तरह से असुरक्षित हैं साथ ही तैयार भी नहीं हैं। और इसी बीच, सीसीआई जिसे 'निष्पक्ष व्यापार' के लिए नियामक माना जाता है एफडीआई नियमों में उल्लंघन से इनकार करती है।

e commerce
Walmart
Flipkart
alibaba

Related Stories

जारी रहेगी पारंपरिक खुदरा की कीमत पर ई-कॉमर्स की विस्फोटक वृद्धि

पश्चिम बंगाल: डिलीवरी बॉयज का शोषण करती ऐप कंपनियां, सरकारी हस्तक्षेप की ज़रूरत 

गिग वर्कर्स के क़ानूनी सशक्तिकरण का वक़्त आ गया है

संकट की घड़ी में ऑनलाइन व्यापार करने वाली कई कंपनियों ने अपने हाथ खड़े किए

ई-फ़ार्मेसी पर रोक : बिना नियम-कायदे के दवा की बिक्री ख़तरनाक़

ऑनलाइन की छूट कहीं देश को ही न लूट ले!

भारत भर में व्यापारियों का वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील के खिलाफ विरोध

वालमार्ट द्वारा फ्लिप्कार्ट का अधिग्रहण और भारत के लिए इसके मायने


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License