NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लैटिन अमेरिका
‘अलविदा मैक्री’: अर्जेंटीना से दक्षिणपंथी मैक्री शासन की विदाई
जैसा कि प्राथमिक चुनाव परिणामों से संकेत प्राप्त हुए थे, फ़्रेंते दे तोडोस गठबंधन के अल्बेर्तो फ़र्नांडीज़ ने पहले दौर के चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री को पराजित कर दिया है।
पीपुल्स डिस्पैच
30 Oct 2019
अलविदा मैक्री
मैक्री के ख़िलाफ़ जीत का जश्न मनाने हज़ारों की संख्या में लोग फ़्रेंते दे तोडोस अभियान के बंकर के बाहर इकट्ठा हुए। फ़ोटो: राफ़ेल स्टेडाइल

द फ़्रेंते दे टोडोस (द फ्रंट फॉर ऑल) गठबंधन के मध्यमार्गी-वामपंथी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अल्बर्टो फ़र्नांडीज़ और उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार क्रिस्टिना फ़र्नांडीज दे किर्चनेर ने 27 अक्टूबर को अर्जेंटीना में हुए आम चुनावों में नवउदारवादी राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री को परास्त कर दिया है। 97% मतों की गिनती के बाद, फ़र्नांडीज़ को जहाँ 48.1% वोट मिले, वहीँ मैक्री को 40.4% मत प्राप्त हुए हैं, जिसके चलते प्रगतिशील नेतृत्व को वह ज़रूरी बढ़त मिल गई है जिससे उसे दूसरे दौर की चुनावी औपचारिकताओं में जाने की ज़रूरत ही नहीं है।

अर्जेंटीनी संविधान के अनुसार, स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए, किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 45% वोट हासिल होने चाहिए या अगर उसे 40% से अधिक मत प्राप्त हुए हैं तो यह बढ़त दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिद्वंदी से कम से कम 10% के अंतर से या उससे अधिक होनी आवश्यक है।

नए राष्ट्रपति ने आमजन को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है और एक बेहतर अर्जेंटीना बनाने का वादा किया है। अपने ट्वीट में फ़र्नांडीज़ ने कहा है “उन सभी लोगों का एक बार फिर से धन्यवाद, जो इन महीनों के दौरान हमारे साथ रहे और हमारे समर्थन में खड़े रहे। अब, यह वह समय आ गया है जब हम सबको एक साथ मिलकर उस अर्जेंटीना का निर्माण करना है जिसका हम सभी सपना देखते हैं। एक ऐसा अर्जेंटीना जो सबका है। एक ऐसा अर्जेंटीना जो अपने पांवों पर खड़ा है।”

सत्तारूढ़ राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री ने चुनाव परिणामों को स्वीकार कर लिया है और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी और देश के नए राष्ट्रपति को इस सन्दर्भ में बधाई दी है। फ़र्नांडीज़ 10 दिसंबर से चार साल के कार्यकाल के लिए अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालेंगे।

अर्जेंटीना के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को इन आम चुनावों में मिली जीत के लिए बोलीविया, वेनेज़ुएला, क्यूबा और मैक्सिको सहित कई लैटिन अमेरिकी देशों के नेताओं की ओर से बधाई सन्देश मिल रहे हैं जिसमें इस जीत को अर्जेंटीना की नव-उदारवादी, दक्षिणपंथी नीतियों की हार के प्रतीकात्मक महत्त्व पर ज़ोर दिया गया है।

मैक्रिस्मो की एक और महत्वपूर्ण हार ब्यूनस आयर्स के प्रांतीय चुनावों में भी हुई है जहाँ फ़्रेंते दे तोडोस के एक्सेल किसिल्लोफ़ ने सत्तारूढ़ जुन्तोस पोर एल काम्बियो गठबंधन की मारिया यूगेनिया विदाल को पराजित कर दिया है।

क़रीब 3 करोड़ 38 लाख से अधिक अर्जेंटीनी जनता को इन आम चुनावों में राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, 24 सीनेटरों और 130 प्रतिनिधियों को चैंबर ऑफ़ डेप्युटी के रूप में निर्वाचित करने का अवसर मिला।

हज़ारों लोगों की भीड़ ने मैक्री की हार का जश्न मनाया और रविवार रात फ़र्नांडीज़ के चुनावी अभियान वाले बंकर पर पहुँच गए, जहां उन्हें नए राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और ब्यूनस आयर्स प्रांत के नए गवर्नर ने संबोधित किया।

अल्बर्टो फ़र्नांडीज़ ने अपने भाषण में कहा "मैं लोकतंत्र के लिए इस ऐतिहासिक दिवस पर सभी अर्जेंटीनी नागरिकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ। केवल एक चीज़ जो मायने रखती है वह यह है कि किस प्रकार अर्जेंटीनी नागरिकों के दुखों का हमेशा-हमेशा के लिए ख़ात्मा हो।"

क्रिस्टीना किर्नेर ने बंकर में उपस्थित लोगों के बीच अपने भाषण में कहा "मैं उन लाखों गुमनाम नागरिकों को धन्यवाद देना चाहती हूँ जिन्होंने इस प्रतिरोध को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जिसके चलते आज, अल्बर्टो सभी अर्जेंटीना निवासियों के राष्ट्रपति हैं।"

गवर्नर किसिल्लोफ़ ने कहा, "मैक्री और विडाल की सरकार के बाद हमारे आस पास जो परिदृश्य मौजूद है वह एक झुलसी हुई धरती के समान है।" उन्होंने घोषणा की कि "प्रांत के पुनर्निर्माण का एक चरण आ रहा है" और वादा किया कि "हम सभी के साथ और सभी के लिए काम करेंगे।"

फ़र्नांडीज़ की यह विजय प्रगतिशील, जनसमर्थक, नवउदारतावाद विरोधी, और साम्राज्यवाद-विरोधी प्रवत्ति का अर्जेंटीना में मैक्री के द्वारा प्रस्तुत नवउदारवादी, सैन्यवादी, नस्लवादी, उग्र राष्ट्रवाद, अमेरिकी साम्राज्यवाद समर्थक और वेनेज़ुएला विरोधी प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ है, जिसका प्रतिनिधित्व ब्राज़ील में बोल्सोनारो, चिली में पिनेरा, इक्वाडोर में मोरेनो और कोलम्बिया में ड्यूक कर रहे हैं।

फ़र्नांडीज़ एक ऐसे समय में सरकार में आये हैं जब राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर बेहद कठिन चुनौतियाँ सामने खड़ी हैं। मैक्रिज़्म को लोकतांत्रिक तरीक़े से सत्ताच्युत तो कर दिया गया है, लेकिन उन्होंने देश को एक गंभीर आर्थिक संकट में छोड़ दिया है। आज अर्जेंटीना की 40% से अधिक आबादी ग़रीबी की रेखा से नीचे निवास करती है, बेरोज़गारी की दर 10% से अधिक बढ़ चुकी है, और जबसे मैक्री ने दिसम्बर 2015 से पदभार ग्रहण किया था तब से अर्जेंटीना की मुद्रा पेसो में 566% तक का अवमूल्यन हो चुका है, और देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के क़र्ज़ की काली छाया के नीचे घिरा है। आईएमएफ़ के आदेशों का पालन करते हुए ख़र्चों में कटौती करने के लिए अर्जेंटीना के सार्वजनिक संस्थानों के साथ-साथ सरकार के मंत्रालयों और कई विभागों को या तो हटा दिया गया है या उनका विघटन कर दिया गया है। इस प्रकार, नई सरकार के पास देश में एक स्थिरता लाने और संरचनात्मक रूप से सुधार करने की एक कठिन चुनौती सामने खड़ी है जो खुद एक गहरे संस्थागत, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संकट में है।

चुनाव की रात ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना की सड़कों से। फ़ोटो: राफ़ेल स्टेडाइल

Buenos-aires-rafa1.jpg

Courtesy: Peoples Dispatch
Argentina
Argentina Presidential Elections
Mauricio Macri
Alberto Fernández
right-wing
Cambiemos
Cambiemos alliance
Cristina Fernández de Kirchner
Frente de Todos
Neoliberalism

Related Stories

कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है

भारत में धर्म और नवउदारवादी व्यक्तिवाद का संयुक्त प्रभाव

पश्चिम बंगाल: डिलीवरी बॉयज का शोषण करती ऐप कंपनियां, सरकारी हस्तक्षेप की ज़रूरत 

यूक्रेन के संकट का आईएमएफ कनेक्शन

एलिज़ाबेथ होम्स फ़ैसला: अमरीका में ग्राहकों से ठगी जायज़, पर निवेशकों से झूठ नहीं चलेगा

सभी के लिए घर : एक बुनियादी जरूरत, लेकिन ग्रामीण भारत में ज़्यादातर लोगों के लिए दूर की कौड़ी

नवउपनिवेशवाद को हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका की याद सता रही है 

2.2 करोड़ अफ़ग़ानियों को भीषण भुखमरी में धकेला अमेरिका ने, चिले में वाम की ऐतिहासिक जीत

अमेरिकी मुद्रास्फीति: भारत के लिए और अधिक आर्थिक संकट

साम्राज्यवाद पर किसानों की जीत


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License