NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आम आदमी के हक़ के लिए थाणे और पालघर में आंदोलन शुरू
सीपीएम का यह विरोध प्रदर्शन मुख्य तौर पर बुलेट ट्रेन परियोजना, मुंबई से वड़ोदरा हाईवे, नदी जोड़ने की योजना के खिलाफ है। इन मुद्दों के आलावा पार्टी इलाके में वन अधिकार अधिनियम के लागू किये जाने की माँग कर रही है I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Oct 2018
cpim protest

10 अक्टूबर से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी) ने महाराष्ट्र के थाणे और पालघर ज़िले के 7 तहसीलों पर धरना प्रदर्शन शुरू किया। पार्टी का यह विरोध प्रदर्शन मुख्य तौर पर बुलेट ट्रेन परियोजना, मुंबई - वड़ोदरा हाईवे और नदी जोड़ने की योजना के खिलाफ है। इन मुद्दों के आलावा पार्टी इलाके में वन अधिकार अधिनियम के लागू किये जाने की माँग कर रही है। साथ ही स्वास्थ्य ,शिक्षा, रोज़गार के बाकी स्थानीय मुद्दों को भी पार्टी उठा रही है। दहानू , तलसारी, जवहार, विक्रमगढ़, पालघर और सहापुर से रैलियाँ निकलीं और इलाके की सात तहसीलों का घेराव किया। 

 इस आंदोलन में अखिल भारतीय किसान सभा, सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन, भारत की जनवादी नौजवान सभा, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और अखिल भारतीय जनवादी महिला संघ भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इस पूरे आंदोलन में करीब 30000 लोग शामिल हैं। सीपीएम का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक स्थानीय लोगों की माँगे नहीं मानी जाती। 

 इस विरोध प्रदर्शन पर न्यूज़क्लिक ने सीपीएम के केंद्रीय कमेटी के सदस्य और अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने बात की। अशोक धावले ने बताया कि 10 अक्टूबर की तारीख इसीलिए चुनी गयी क्योंकि इसे शहीद दिवस की तरह मनाया जाता है। 10 अक्टूबर 1945 में पहले किसान शहीद हुए थे और यह महान किसान नेता गोदावरी परुलेकर की भी पुण्यतिथि होती है। अशोक धावले ने बताया कि तब से अब जब तक इस इलाके में पुलिस दमन में 61 किसानों की मौत हुई है। यही वजह है कि इस दिन को शहीद दिवस की तरह से मनाया जाता है। 

 मुद्दे को समझाते हुए उन्होंने कहा कि हाईवे और बुलेट ट्रेन के लिए सरकार किसानों की हज़ारों एकड़ ज़मीन ज़बरदस्ती हड़पने के प्रयास में है। इस इलाके की तीन तहसीलों से ज़मीने लेने की कोशिशें जारी है। इसी वजह से किसान विरोध कर रहे हैं और गुजरात के किसान तो बुलेट ट्रेन के खिलाफ कोर्ट में भी गए हैं। यही वजह है कि जापान की कंपनी जिसके साथ बुलेट ट्रेन की डील की गयी थी अब अपने हाथ पीछे खींच रही है। 

दूसरा मुद्दा है वन अधिकार अधिनियम को लागू किये जाने का। किसान नेताओं ने बताया कि इस साल मार्च में जब किसानों ने नासिक से मुंबई का लॉन्ग मार्च किया था तब वन अधिनियम को लागू करने की माँग को सरकार ने माना था। लेकिन अब तक लागू नहीं किया गया। दरअसल सालों से जंगल की ज़मीन पर आदिवासी खेती कर रहे हैं। वन अधिनियम 2006 के हिसाब से उन्हें इस ज़मीन के आधिकारिक पट्टे मिलने चाहिए लेकिन यह ज़मीन अब भी वन विभाग की है। इस वजह से आदिवासी शोषण झेलते हैं। माँग है कि उन्हें इस ज़मीन के पट्टे मिलें। 

तीसरा मुद्दा है कि इलाके में नदी को जोड़ने की स्कीम की वजह से 20 से 25 गाँव डूबने के आसार हैं। यह सभी अधिवासी गाँव हैं और यहाँ करीब 500000 लोग रहते हैं। इस वजह से घर, ज़मीन और सारी संपत्ति खत्म हो जायेगा। जिस तरह पुर्नवास पर सरकार का रवैया रहा है उसे देखते हुए गाँववालों में अविश्वास है। इसी वजह से आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही इलाके में सप्तम्बर में बारिश नहीं हुई है और इलाके में आकाल है। इससे धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है। पार्टी माँग कर रही है कि इसका मुआवज़ा किसानों को मिले।  

इन मुद्दों के आलावा शिक्षा, नरेगा में रोज़गार का न मिलना , स्वस्थ्य सेवाओं की कमी, बिजली, सड़क राशन कार्ड के स्थानीय मुद्दे भी उठाये जा रहे हैं। अशोक धावले का कहना है कि 7 तहसीलों से यह 30000 लोग तब तक नहीं हटेंगे जब तक स्थानीय माँगे नहीं मानी जाती। किसानों की दृढ़ता देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में क्या होता है।  

 

CPI(M)
Maharastra
farmers protest
palghar district
bullet train

Related Stories

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

कभी सिख गुरुओं के लिए औज़ार बनाने वाला सिकलीगर समाज आज अपराधियों का जीवन जीने को मजबूर है

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर

जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License