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आंतरिक/द्विपक्षीय से अंतरराष्ट्रीय हुआ कश्मीर का मुद्दा? ट्रंप ने फिर की मध्यस्थता की पेशकश
चाहते-न चाहते अब दुनिया के तमाम बड़े देश कश्मीर के मुद्दे में दिलचस्पी लेने लगे हैं। अमेरिका तो पहले से ही इसमें दख़ल देना चाहता है, अब ख़बर है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी मोदी के साथ कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन से भी इस बारे में बात हुई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Aug 2019
कश्मीर
Image Courtesy: Social media

अमेरिका कश्मीर को लेकर हर मिनट बात बदल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब कश्मीर की स्थिति को विस्फोटक कहते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की है। इससे पहले वे पहले भी मध्यस्थता की इच्छा जता चुके हैं और फिर उससे इनकार भी कर चुके हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से मुलाकात के दौरान तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि मोदी ने खुद उनसे मध्यस्तता की पेशकश की है। हालांकि भारत ने इससे साफ इनकार किया था। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कोई बयान नहीं दिया, जबकि ट्रंप उनके हवाले से ही ये दावा कर रहे थे।

अब एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच पंच बनने की इच्छा जता दी है। ट्रंप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष सप्ताहांत में यह मुद्दा उठायेंगे। उन्होंने मोदी से कश्मीर में तनाव कम करने के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया था।

भारतीय समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ ने अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से जारी ख़बर में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कश्मीर बेहद जटिल जगह है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मध्यस्थता के लिये जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा।’’

इससे पहले ख़बर आई थी कि डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में एहतियात बरतने को कहा है। ट्रम्प ने दोनों देशों से संयम बरतने और क्षेत्र में ‘मुश्किल हालात’ बनाने से परहेज करने को कहा है।

ख़बर थी कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से अलग-अलग बातचीत की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर करीब 30 मिनट बात करने के बाद ट्रंप ने खान से बात की।

मोदी और खान से बातचीत के बाद ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘अपने दो अच्छे दोस्तों, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और सबसे अधिक महत्वपूर्ण भारत और पाकिस्तान के कश्मीर में तनाव कम करने को लेकर बात की।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘ मुश्किल स्थिति, लेकिन अच्छी बातचीत..।’’

व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रम्प ने खान से जम्मू-कश्मीर मामले पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में संयम बरतने और तनाव कम करने को लेकर चर्चा की।

कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए इमरान खान ने रविवार को भारत सरकार को ‘फासीवादी’ और ‘श्रेष्ठतावादी’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि यह पाकिस्तान और भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है।

उन्होंने यह भी कहा था कि दुनिया को भारत के परमाणु आयुध की सुरक्षा पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि यह न केवल इस क्षेत्र बल्कि विश्व पर असर डालेगा।

व्हाइट हाउस ने कहा, खान के साथ बातचीत के दौरान, ट्रम्प ने दोनों पक्षों को तनाव बढ़ाने से बचने और संयम बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया।

कहा गया कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-पाकिस्तान आर्थिक एवं व्यापार सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर भी सहमति जतायी।

व्हाइट हाउस के प्रधान उप प्रेस सचिव होगन गिडले ने कहा कि ट्रंप ने मोदी के साथ क्षेत्रीय प्रगति और अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी पर चर्चा की।

आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार किया था और कहा था कि जम्मू कश्मीर पर भारत सरकार ने हाल में जो फैसला लिया है वह उसका आंतरिक मामला है।

अमेरिका के विदेश विभाग के एक राजनयिक ने जिक्र किया कि पाकिस्तान के लिये कश्मीर हमेशा से एक अहम और भावनात्मक मुद्दा रहा है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में पाकिस्तान के लिये यह दिखाने का सही समय है तथा इसके अपने कारण भी हैं कि पाकिस्तान अपनी कार्ययोजना के मुताबिक छद्म ताकतों को अपनी जमीन से कार्रवाई करते रहने की इजाजत देने का कोई फायदा नहीं है। उसके लिये अपनी छवि को निर्धारित करने और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिये निवेश को आकर्षित करने की क्षमता दिखाने का भी यह सही समय है।

भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेना उसका आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को भी इस हकीकत को स्वीकार की सलाह दी है।

अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘हम मानते हैं कि यह (कश्मीर पर भारत का फैसला) उनका आंतरिक मामला है। लेकिन जाहिर है इसके भारत की सीमा के बाहर भी प्रभाव होंगे। हम लंबे समय से दशकों के इस मुद्दे को सुलझाने के लिये भारत और पाकिस्तान को सीधी बातचीत की सलाह दे रहे हैं।’’

उधर, इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रपति ट्रंप को कश्मीर के मौजूदा हालात का समाधान करने में अहम भूमिका निभाने का अनुरोध किया।

यूएनओ में मोदी के सामने उठाएंगे मुद्दा : इमरान

इस्लामाबाद से भी ख़बर है कि इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान के लिये कश्मीर सुरक्षा की पहली पंक्ति है। उनकी कैबिनेट ने यह फैसला किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने जब संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे तब उस दौरान पाकिस्तान कश्मीर में स्थति को रेखांकित करेगा।

खान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सूचना मामलों की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि मोदी 27 सितंबर को खान से पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे।

पाकिस्तान आईसीजे भी जाएगा

इसके अलावा पाकिस्तान ने यह भी कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) का रूख करेगा। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘सैद्धांतिक रूप से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में ले जाने का फैसला किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि सभी कानूनी पहलुओं पर विचार किए जाने के बाद यह फैसला किया गया है।

प्रधानमंत्री की विशेष सहायक(सूचना) फिरदौस आशिक अवान ने संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने सैद्धांतिक रूप से कश्मीर मुद्दे को आईसीजे में ले जाने को मंजूरी प्रदान कर दी । उन्होंने कहा कि कश्मीर में मानवाधिकार के कथित उल्लंघन के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा।

पाक ने भारत के राजनयिक को तलब किया

इस्लामाबाद से यह भी ख़बर है कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना द्वारा संघर्ष विराम के कथित उल्लंघनों के लिये मंगलवार को एक सप्ताह के भीतर पांचवी बार भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलुवालिया को तलब किया।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि महानिदेशक (दक्षिण एशिया एवं सार्क) मोहम्मद फैसल ने अहलुवालिया को तलब किया और 18 अगस्त को नियंत्रण रेखा के हॉट स्प्रिंग और चिरिकोट सेक्टरों में भारतीय बलों द्वारा संघर्ष विराम के अकारण उल्लंघन की निंदा की।

पाकिस्तान का दावा है कि गोलीबारी में सात वर्ष का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।

फैसल ने कहा, ‘‘भारत द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और इससे रणनीतिक गलतियां हो सकती हैं।

एक सप्ताह में पांचवीं बार है जब पाकिस्तान ने अहलुवालिया को तलब किया। इससे पहले, 14, 15, 16 और 19 अगस्त को संघर्ष विराम के कथित उल्लंघन को लेकर विदेश कार्यालय ने उन्हें तलब किया था।

मोदी के साथ कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे मैक्रों

पेरिस से एएफपी ने रिपोर्ट किया है कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कश्मीर में तनाव को लेकर चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं की इस सप्ताह पेरिस में मुलाकात होने वाली है।

फ्रांस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दोनों नेता फ्रांस में इस सप्ताह होने वाले जी7शिखर सम्मेलन से पहले बृहस्पतिवार को पेरिस के बाहर स्थित चैतियू दे चैंतीली में आयोजित रात्रिभोज के दौरान मिलेंगे। जी7 शिखर सम्मेलन के लिये मोदी को आमंत्रित किया गया है।

फ्रांसीसी राजनयिक ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘जी हां यह (कश्मीर) एजेंडा में शामिल होगा।’’

मोदी जॉनसन बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से फोन पर बात की। इस दौरान मोदी ने गुरुवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने स्वतंत्रता दिवस मना रहे भारतीयों पर हुए हमले का मुद्दा उठाया। वहीं जॉनसन ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार मोदी ने जॉनसन का ध्यान निहित स्वार्थों के लिए प्रायोजित एजेंडा चला रहे लोगों के प्रति आकर्षित कराया, जो इसके लिए हिंसा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री जॉनसन ने घटना के लिए खेद जताया और भरोसा दिया कि भारतीय उच्चायोग, उसके कर्मचारियों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।

गौरतलब है कि अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के खिलाफ पाकिस्तानी समूह, सिख और कश्मीरी अलगाववादी समूहों ने गत गुरुवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने भारत विरोधी प्रदर्शन का आयोजन किया था।

इसके विरोध में अलग से इंडिया हाउस (भारतीय उच्चायोग की इमारत) के बाहर भारत के समर्थन में प्रदर्शन आयोजित किया गया। आरोप है कि इस दौरान भारत समर्थकों पर हमले किए गए।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउन स्ट्रीट की प्रवक्ता ने बताया यह फोन कॉल पदग्रहण करने के बाद विश्व नेताओं से इसी तरह की गई बातचीत की कड़ी थी। मोदी के साथ बातचीत के दौरान कश्मीर के हालात सहित ब्रिटेन-भारत साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

प्रवक्ता के मुताबिक प्रधानमंत्री जॉनसन ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन का मानना है कि कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान ही द्विपक्षीय आधार पर कर सकते हैं। उन्होंने विवाद सुलझाने के लिए बातचीत के महत्व को रेखांकित किया।

दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि विश्व की दो अहम लोकतांत्रिक देश दुनिया की अहम समस्याओं का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। दोनों नेताओं ने फ्रांस में होने जा रही जी-7 की बैठक में भी मिलने की बात कही।    

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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