NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अर्जेंटीना सीनेट गर्भपात सम्बन्धी विधेयक नामंज़ूर, कार्यकर्त्ता रखेंगे लड़ाई जारी
कांग्रेस के बाहर 15 लाख लोग इकट्ठा हो “लीगल एबॉर्शन नाउ!” (कानूनी गर्भपात तुरंत लागू हो!) के नारे लगा रहे थे, फिर भी नतीजा यह रहाI
ज़ोइ पीसी
10 Aug 2018
legal abortion struggle in Argentina

गुरुवार को अर्जेंटीना की सीनेट ने वोलंटरी इंटरप्शन ऑफ़ प्रेगनेंसी (सहमति से गर्भपात) विधेयक को नामंज़ूर कर दियाI कांग्रेस के बाहर हज़ारों की तादात में लोग इस विधेयक का समर्थन कर रहे थे ताकि गर्भपात को क़ानूनी बनाया जा सकेI तमाम पोल से इस विधेयक के लिए लोगों का समर्थन दिख रहा थे लेकिन 15 घंटे चली लम्बी बहस के बाद इसे महज़ 38-31 के अंतर से नामंज़ूर कर दिया गयाI 14 जून को 22 घंटे चली बेहेस के बाद इस विधेयक को हाउस ऑफ़ रिप्रेसेंटेटिवस में पास हुआ थाI    

इस वोट से पहले, नेशनल कैंपेन फॉर द राईट ऑफ़ लीगल, सेफ और फ्री एबॉर्शन मुहीम से जुड़े महिला और सामाजिक संगठनों ने यह कहा कि इस कानून के बनने या या न बनने से देश में गर्भपात बंद नहीं होंगेI मौजूदा समय में ही हर साल अर्जेंटीना में 500,000 गर्भपात होते हैंI लेकिन इस कानून से महिलाओं, ट्रांसजेंडर लोगों और वे लोग जो किसी जेंडर को नहीं मानते, उनके लिए सुरक्षित गर्भपात के उपाय मुहैया करवाए जा सकते थेI

इस भयावह स्थिति की तरफ ध्यान तब गया जब अर्जेंटीना के सेंटिआगो दे एस्तेरो प्रान्त में 22 वर्षीय लिलिआना हेर्रेरो की असुरक्षित गर्भपात के दौरान मौत हो गयीI गर्भवती महिलाओं की मौत के प्रमुख कारणों में से एक है गैरकानूनी गर्भपातI सामाजिक कार्यकर्त्ताओं के मुताबिक असुरक्षित गर्भपात के दौरान मौत केवल महिलाओं से जुड़ा मुद्दा नहीं है बल्कि वर्ग से जुड़ा मुद्दा भी है, क्योंकि ऐसे गर्भपातों में अधिकतर ग़रीब महिलाओं की ही मौत होती हैI इसलिए कानूनी, सुरक्षित और मुफ्त गर्भपात की लड़ाई दरअसल ग़रीब वर्ग की महिलाओं, ट्रांसजेंडर और वे जो किसी जेंडर को नहीं मानते, उनके जीने के अधिकार, स्वास्थ्य और गरिमापूर्ण जीवन की लड़ाई हैI

इस वोट से पहले लोगों की लाम्बदी सिर्फ अर्जेंटीना तक ही सीमित नहीं थीI महिलावादी कार्यकर्त्ताओं और संगठनों ने दुनिया भर में इस विधेयक के समर्थन में एकजुटता दिखाईI कई देशों में कानूनी गर्भपात की लड़ाई भी इसी लामबंदी के बाद शुरू हो गयी हैI खासतौर से लातिन अमेरिका में जहाँ कैथोलिक चर्च के प्रभाव की वजह से गर्भपात संबधी कानून बहुत सख्त हैंI उदहारण के तौर पर होंडूरस और एल साल्वाडोर में गर्भपात करावाने पर पूरी तरह से पाबन्दी है और कई महिलाओं को ऐसा करवाने पर जेल भी जाना पड़ा हैI

ब्राज़ील, मेक्सिको, कोलंबिया, एल साल्वाडोर, होन्डूरस, ग्वाटतेमाला, पेरू, एकुआडोर, कोस्टा रीका, चिले, उरुग्वे, पैराग्वे, बोलीविया, जापान, आयरलैंड, यूनाइटेड स्टेट्स, फ्रांस, ब्रस्सेल्स, स्पेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, इटली, न्यूज़ीलैण्ड, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड में लामबंदी और कार्यक्रम हुएI

हालांकि, विधेयक को मंज़ूरी नहीं मिल पाया फिर भी कार्यकर्त्ता अडिग हैंI कईयों ने इस बात कि ओर इशारा किया कि भले ही यह विधेयक नामंज़ूर हो गया हो लेकिन इसके समर्थन में 10 लाख लोग सड़कों पर उतर आये, यह अपने आप में एक बड़ी जीत हैI

legal abortion
Argentina
women's rights
abortion

Related Stories

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाओं को भी है गुज़ारा भत्ता पाने का अधिकार 

दलित और आदिवासी महिलाओं के सम्मान से जुड़े सवाल

महिला दिवस विशेष : लड़ना होगा महिला अधिकारों और विश्व शांति के लिए

ईरान के नए जनसंख्या क़ानून पर क्यों हो रहा है विवाद, कैसे महिला अधिकारों को करेगा प्रभावित?

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

मुस्लिम महिलाओं की नीलामीः सिर्फ क़ानून से नहीं निकलेगा हल, बडे़ राजनीतिक संघर्ष की ज़रूरत हैं

बुल्ली बाई और साइबर हिंसा : शक्ति असंतुलन का एक उदाहरण

तेलंगाना हाईकोर्ट का 26वें हफ़्ते में गर्भपात का फ़ैसला ज़रूरी क्यों लगता है?

"लव जिहाद" क़ानून : भारत लड़ रहा है संविधान को बचाने की लड़ाई


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत
    14 May 2022
    देश में आज चौथे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। आईआईटी कानपूर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल कहा है कि फिलहाल देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
  • afghanistan
    पीपल्स डिस्पैच
    भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी
    14 May 2022
    आईपीसी की पड़ताल में कहा गया है, "लक्ष्य है कि मानवीय खाद्य सहायता 38% आबादी तक पहुंचाई जाये, लेकिन अब भी तक़रीबन दो करोड़ लोग उच्च स्तर की ज़बरदस्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह संख्या देश…
  • mundka
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?
    14 May 2022
    मुंडका स्थित इमारत में लगी आग तो बुझ गई है। लेकिन सवाल बरकरार है कि इन बढ़ती घटनाओं की ज़िम्मेदारी कब तय होगी? दिल्ली में बीते दिनों कई फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों में आग लग रही है, जिसमें कई मज़दूरों ने…
  • राज कुमार
    ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी से कैसे बचें?
    14 May 2022
    कंपनियां आपको लालच देती हैं और फंसाने की कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर कहेंगी कि आपके लिए ऑफर है, आपको कैशबैक मिलेगा, रेट बहुत कम बताए जाएंगे और आपको बार-बार फोन करके प्रेरित किया जाएगा और दबाव…
  • India ki Baat
    बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून
    13 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए प्रोग्राम इंडिया की बात के पहले एपिसोड में अभिसार शर्मा, भाषा सिंह और उर्मिलेश चर्चा कर रहे हैं बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून की। आखिर क्यों सरकार अड़ी हुई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License