NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का मामला : पूर्व भाजपा सांसद, छह अन्य को उम्रकैद
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने साल 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के लिए भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी और छह अन्य को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। 
भाषा
11 Jul 2019
AMIT JETHAVA

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने साल 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के लिए भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी और छह अन्य को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। 
गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों का पर्दाफाश करने की कोशिश करने पर जेठवा की हत्या कर दी गई।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश के एम दवे ने सोलंकी और उसके भतीजे पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उसका भतीजा भी मामले में आरोपी है।
अदालत ने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए सोलंकी और उसके भतीजे शिवा सोलंकी को हत्या तथा साजिश रचने का दोषी ठहराया। सोलंकी 2009 से 2014 तक जूनागढ़ के सांसद रहे।
मामले के अन्य दोषियों में शैलेश पांड्या, बहादुरसिंह वढेर, पंचन जी देसाई, संजय चौहान और उदाजी ठाकोर शामिल हैं।
अदालत ने गत शनिवार का सभी सातों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया था।
पेशे से वकील जेठवा की गिर वन्यजीव अभयारण्य और उसके आसपास अवैध खनन का आरटीआई आवेदनों के जरिए खुलासा करने को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन खनन गतिविधियों में सोलंकी शामिल था।
साल 2010 में जेठवा ने गिर अभयारण्य में और उसके आसपास अवैध खनन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी।
सोलंकी और उसके भतीजे को इस मामले में प्रतिवादी बनाया गया और जेठवा ने अवैध खनन में उनकी संलिप्तता को दिखाने वाले कई दस्तावेज पेश किए थे।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ही जेठवा की 20 जुलाई 2010 को गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
शुरुआत में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने मामले की जांच की और दीनू सोलंकी को क्लीन चिट दे दी थी।
जांच पर असंतोष जताते हुए उच्च न्यायालय ने साल 2013 में मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया।
सीबीआई ने नवंबर 2013 में सोलंकी और छह अन्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
मई 2016 में उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक षडयंत्र के आरोप तय किए गए।
इसके बाद कार्यकर्ता के पिता भिखाभाई जेठवा फिर से मामला चलाने के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे। अदालत ने 2017 में नए सिरे से मामला चलाने के आदेश दिए।
मृतक आरटीआई कार्यकर्ता के पिता भिखाभाई जेठवा ने अदालत के फैसले के बाद कहा, ‘‘हमारी न्यायपालिका समय लेती है लेकिन उसने आखिरकार हमारे परिवार को न्याय प्रदान किया... यहां तक कि सोलंकी जैसे अपराधी से भी न्याय किया।’’
भाषा
गोला पवनेश
पवनेश

Amit Jethwa Murder Case
Dinu Bogha Solanki
BJP Leaders in Gujarat
BJP
Gujarat High Court
RTI Activists Murder
Attack on RTI Activists

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल

तमिलनाडु : किशोरी की मौत के बाद फिर उठी धर्मांतरण विरोधी क़ानून की आवाज़


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License