NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
अर्थव्यवस्था
आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये आरबीआई ने रेपो दर चौथाई प्रतिशत घटायी
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने आरटीजीएस और नेफ्ट के जरिये पैसा ट्रांसफर करने पर लगने वाले शुल्क को भी समाप्त करने की घोषणा की।
भाषा
06 Jun 2019
RBI
फोटो साभार: khaskhabar

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये गुरुवार को अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। साथ ही आगे के लिए नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ से ‘नरम’ कर दिया। 

डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने आरटीजीएस और नेफ्ट के जरिये पैसा ट्रांसफर करने पर लगने वाले शुल्क को भी समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा है।

नीतिगत रुख में इस बदलाव से संकेत मिला है कि कर्ज सस्ता करने के लिए केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में और कटौती कर सकता है। पिछले पंच महीनों में उधारी दर यानी रेपो दर में यह तीसरी कटौती है। इससे बैंकों के धन की लागत कम होने और उनकी ओर से मकान, कारोबार और वाहनों के कर्ज पर मासिक किस्त (ईएमआई) कम किए जाने की संभावना है। साथ ही कंपनियों पर कर्ज लौटाने का बोझ कम होगा। 

आरबीआई फरवरी से लेकर अब तक कुल मिलाकर अपनी नीतिगत दर प्रधान उधारी दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। रेपो दर में उम्मीद के मुताबिक 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद यह 5.7 प्रतिशत पर आ गयी है। रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी तत्काल जरूरत के लिए एक दिन के लिए धन उधार देता है। इससे पहले, जुलाई 2010 में रेपो दर 5.75 प्रतिशत थी।

इस कटौती के साथ रिवर्स रेपो दर 5.50 प्रतिशत पर आ गयी है। वहीं उधार की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) पर ब्याज दर और बैंक दर 6.0 प्रतिशत हो गयी है।

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चालू वित्त वर्ष के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के पूर्व के 7.2 प्रतिशत के अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही के लिये मुद्रास्फीति के अनुमान को मामूली रूप से बढ़ाकर 3 से 3.1 प्रतिशत कर दिया है। यह सरकार द्वारा निर्धारित 2 से 6 प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में है।

मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर में कटौती और नीतिगत रुख में बदलाव के निर्णय पर शक्तिकांत दास (गवर्नर) और सदस्यों डा चेतन घाटे, डा पामी दुआ, डा रविंद्र एच ढोलकिया, डा माइकल देवब्रत पात्रा तथा डा विरल वी आचार्य (डिप्टी गवर्नर) के बीच पूरी सहमति रही। 

समीक्षा में कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) इस बात पर गौर करती है कि आर्थिक वृद्धि का आवेग उल्लेखनीय रूप से कमजोर पड़ा है...निवेश गतिविधियों में तीव्र गिरावट के साथ निजी खपत वृद्धि में नरमी चिंता की बात है।’

चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा गया है, ‘नीतिगत दर में पिछली दो बार की कटौती का असर फैलने के की संभावनाओं को ध्यान में रखने के बावजूद मुख्य मुद्रास्फीति वृद्धि एमपीसी को दिये गये लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। इसीलिए एमपीसी के पास मुद्रास्फीति को एक दायरे में बांधे रखने के अपने लचीले लक्ष्य को बनाए रखने के साथ साथ सकल मांग को गति देने के प्रयासों को समर्थन देने , खासकर निजी निवेश में तेजी लाने के साथ वृद्धि को गति देने के लिये कदम उठाने की गुंजाइश है।’
  
केंद्रीय बैंक ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता, उच्च क्षमता उपयोग, शेयर बाजारों में तेजी तथा दूसरी तिमाही में व्यापार उम्मीदों में सुधार तथा वित्तीय प्रवाह वृद्धि के लिहाज से सकारात्मक है।

एमपीसी ने नीतिगत दर में कटौती का समर्थन करने के साथ आरबीआई के नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ से ‘नरम’ करने का निर्णय किया। नरमी रुख का मतलब है कि केंद्रीय बैंक आने वाले समय में नीतिगत दर में और कटौती कर सकता है। 

रिजर्व बैंक ने कहा, ‘ये निर्णय आर्थिक वृद्धि को गति देते हुए मध्यम अवधि लक्ष्य के अनुसार दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्यों के अनुरूप है।’

उल्लेखनीय है कि जीडीपी वृद्धि दर 2018-19 में 6.8 प्रतिशत रही जो पांच साल का न्यूनतम स्तर है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत थी।

मौद्रिक नीति घोषणा में इस बात पर अफसोस जताया गया है कि बैंकों के लिए नीतिगत दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक अभी नहीं पहुंचाया गया है। इसमें कहा गया है कि नीतबगत दरों में पहले 0.50 प्रतिशत की कमी की गयी पर बैंकों ने कर्ज पर ब्याज दर में औसतन केवल 0.21 प्रतिशत की कमी की है। पुराने कर्जों पर उल्टे ब्याज औसतन 0.04 प्रतिशत बढ़ गया है

RBI
RBI REPORT
repo rate
indian economy
power sector and rbi
rbi and government tussle

Related Stories

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?

मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर

लंबे समय के बाद RBI द्वारा की गई रेपो रेट में बढ़ोतरी का क्या मतलब है?

आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!

क्या भारत महामारी के बाद के रोज़गार संकट का सामना कर रहा है?

क्या एफटीए की मौजूदा होड़ दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था परिपक्व हो चली है?

महंगाई के कुचक्र में पिसती आम जनता


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका में सत्ता बदल के बिना जनता नहीं रुकेगीः डॉ. सिवा प्रज्ञासम
    12 May 2022
    स्पेशल इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बात की, श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता-ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता डॉ. सिवा प्रज्ञासम से और जानने की कोशिश की कि किस दिशा में बढ़ रहा है आंदोलन।
  •  delimitation report
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू कश्मीर की Delimitation की रिपोर्ट क्या कहती है?
    12 May 2022
    जम्मू कश्मीर से जुड़ा परिसीमन की रिपोर्ट क्या कहती है? भाजपा इस रिपोर्ट पर खुश क्यों हैं और भाजपा के अलावा दूसरी पार्टियां खफा क्यों है? क्या निष्पक्ष ढंग से परिसीमन किया गया? जम्मू कश्मीर के परिसीमन…
  • दमयन्ती धर
    खंभात दंगों की निष्पक्ष जाँच की मांग करते हुए मुस्लिमों ने गुजरात उच्च न्यायालय का किया रुख
    12 May 2022
    याचिका के मुताबिक पुलिस कथित तौर पर हिंदुओं और मुस्लिमों के द्वारा दायर की गई प्राथमिकियों पर जानबूझकर अलग-अलग तरीके से और दुर्भावनापूर्ण तरीके से जांच कर रही है।
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !
    12 May 2022
    बोल के लब के आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं खरगोन में मुस्लिम महिलाओं के रैली की जिसमे निर्दोष लोगो को रिहा करने की मांग की गई हैं।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी 2.0 का पहला बड़ा फैसला: लाभार्थियों को नहीं मिला 3 महीने से मुफ़्त राशन 
    12 May 2022
    पीएमजीकेएवाई ने भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में मदद की थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License