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  • तिरछी नज़र: 'शाखाओं’, पे उल्लू बैठे हैं, अंजामे गुलिस्तां...
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 'शाखाओं’, पे उल्लू बैठे हैं, अंजामे गुलिस्तां...
    23 May 2021
    उल्लू की हर किस्म के उजाले से दुश्मनी होती है। ज्ञान के उजाले से भी और तर्क के उजाले से भी। यहाँ तक कि वह आंकड़ों के उजाले से भी डरता है और आंकड़ों को भी अंधेरे में ही रखना चाहता है, आंकड़े भले ही…
  • Bertrand Russel
    सुधांशु मोहंती
    महामारी प्रभावित भारत के लिए बर्ट्रेंड रसेल आख़िर प्रासंगिक क्यों हैं
    19 May 2021
    डेढ़ सदी पहले रसेल ने चेतावनी दी थी कि जो राजनीति बेबुनियाद ख़ौफ़ और नफ़रत का सहारा लेती है, वह नेताओं को ज़िम्मेदारी और निंदा से बचने में मदद करती है।
  • कोरोना
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    'आज कौन?' 'आज कितने?'
    16 May 2021
    'आज कौन?' 'आज कितने?', कोरोना काल में अब यह रोज़ का सवाल हो गया है। हर नई सुबह नए सदमे लेकर आ रही है...लेकिन फिर भी “हम लड़ते रहेंगे कि/ मिले हर किसी को/ उसके हक़ की ख़ुशहाल ज़िंदगी/ और उसके हिस्से की…
  • तिरछी नज़र: कोरोना की लहर में चुनावी गणित
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: कोरोना की लहर में चुनावी गणित
    16 May 2021
    दूसरी लहर से देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि सब कुछ चरमरा गया है, सिर्फ़ सरकार को छोड़ कर। वह तो उसी मज़बूती से बैठी हुई है। थोड़ा उठती, काम करती तो संभव है, डगमगा सकती थी, इसीलिए बैठी ही रही।
  • वायरस
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: कोरोना का वायरस बहुत ही खुश है!
    09 May 2021
    उस बड़े वायरस में अमर होने की बहुत ही अधिक अभिलाषा है। उसे पता है कि अमर होना है तो नये बने संसद भवन के शिलालेख पर नाम होना चाहिये, राम मंदिर की पट्टिका पर नाम होना चाहिये।
  • कार्ल मार्क्स
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    “हम आकांक्षा, आक्रोश, आवेग और अभिमान से जियेंगे”
    05 May 2021
    आज महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार और वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स की जयंती है। उनका जन्म 5 मई सन् 1818 को ट्रायर, जर्मनी में हुआ था। उनकी मृत्यु 14 मार्च…
  • मज़ूर
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : मज़ूर
    02 May 2021
    अभी कल मई दिवस बीता है। मई दिवस यानी मज़दूरों का दिन। ' इतवार की कविता ' में आइए पढ़ते हैं कवि और संस्कृतिकर्मी शोभा सिंह की इसी मौके के लिए ख़ास लिखी गई कविता 'मज़ूर' ।
  • कोरोना काल: कठिन प्रश्नों के सरल जवाब
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    कोरोना काल: कठिन प्रश्नों के सरल जवाब
    02 May 2021
    कोरोना कहाँ जा कर रुकेगा, यह आज का यक्ष प्रश्न है। यह एक कठिन प्रश्न है। पर उत्तर बहुत ही आसान है। जहाँ सरकार चाहेगी, कोरोना को वहीं रुकना पड़ेगा। 
  • इतवार की कविता : मिलते रहा करो!
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : मिलते रहा करो!
    25 Apr 2021
    ‘इतवार की कविता’ में आज पढ़ते हैं एक ऐसी कविता जो आज इस महामारी के दौर में बेहद मौज़ूं है। हालांकि ये कविता कहती है कि ‘मिलते रहा करो’, जबकि कोरोना नाम की ये बीमारी एक दूसरे को अलग करती है, आइसोलेशन…
  • कोरोना
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: क्या से क्या हो गया, बेवफ़ा तेरे प्यार में 
    25 Apr 2021
    महबूबा उसी श्मशान के सामने, जो उससे उसके उसी महबूब ने नारे लगवा कर बनवाये थे, शव वाहनों में लेटी लाश के रूप में अपनी बारी का इंतजार कर रही है। और उसका महबूब लाशों का उत्सव मना रहा है।
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License