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  • हिंदी की दुनिया से विचारों और रोजगारों की गैर - मौजूदगी के क्या मायने हैं?
    अजय कुमार
    हिंदी की दुनिया से विचारों और रोजगारों की गैर - मौजूदगी के क्या मायने हैं?
    14 Sep 2021
    भूमंडलीकरण के इस मीडियामय वक्त में हिंदी बढ़ रही है, लेकिन यह भी सच है कि ऊपर बढ़ती हुई हिंदी भी भीतर से रोज मर रही है। भाषा के बढ़ने और होने के लिए जितना जरूरी भाषा का प्रसार है, उतना ही जरूरी भाषा…
  • हिंदी
    अजय कुमार
    हिंदी में नए विचार नहीं आ रहे हैं तो इसे बढ़ावा कैसे मिलेगा?
    14 Sep 2020
    भूमंडलीकरण के इस मीडियामय वक्त में हिंदी बढ़ रही है, लेकिन यह भी सच है कि ऊपर बढ़ती हुई हिंदी भी भीतर से रोज मर रही है। भाषा के बढ़ने और होने के लिए जितना जरूरी भाषा का प्रसार है, उतना ही जरूरी भाषा…
  • भारतीय भाषा
    अनिल जैन
    हिंदी की इस रात की सुबह कब होगी?
    14 Sep 2020
    दरअसल, सवाल सिर्फ हिंदी का नहीं, बल्कि समूची भारतीय भाषाओं के स्वाभिमान और सम्मान का है। साथ ही यह संविधान के सम्मान से जुड़ा मसला भी। संविधान की जितनी अनदेखी और अवमानना भारत में होती है, उतनी दुनिया…
  • हिंदी
    अरुण कुमार त्रिपाठी
    संस्कृत के मोह में रुक गया हिंदी का विकास
    14 Sep 2020
    महात्मा गांधी ने हमेशा हिंदी और उर्दू के बीच एक रिश्ता जोड़ते हुए हिंदुस्तानी को राष्ट्रभाषा बनाने की पैरवी की, लेकिन...। हिंदी दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी का विशेष आलेख।
  • भाषा का सवाल
    श्याम कुलपत
    भाषा का सवाल: मैं और मेरा कन्नड़ भाषी 'यात्री-मित्र'
    09 Aug 2020
    “बड़े भाई साहब मत बनो, बड़प्पन दिखाओ!  विचार करो, जो हिन्दी पहला फ्रीडम की लड़ाई का वॉयस बना आज तक नेशनली लिंक लैंग्वेज क्यों नहीं बन पाया। ब्लैक इंग्लिशमैन इण्डिया क्यों बनाना चाहते हो। सेवन कलर…
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License