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  • सम्मान समारोह
    राज वाल्मीकि
    देवी शंकर अवस्थी सम्मान समारोह: ‘लेखक, पाठक और प्रकाशक आज तीनों उपभोक्ता हो गए हैं’
    06 Apr 2022
    27वें देवी शंकर अवस्थी सम्मान से नवाज़े गए कवि आलोचक अच्युतानंद मिश्र। “कोलाहल में कविता की आवाज़” पुस्तक के लिए मिला पुरस्कार।
  • राज वाल्मीकि
    अब साहित्य का दक्षिण टोला बनाने की एक कोशिश हो रही है: जयप्रकाश कर्दम
    13 Feb 2022
    इतवार विशेष: दलित साहित्य और दलित लेखकों के साथ भेदभाव हो रहा है जैसे गांव में होता है न, दलित बस्ती दक्षिण टोला। दलित साहित्य को भी यह मान लीजिए कि यह एक दक्षिण टोला है। इस तरह वे लोग दलित साहित्य…
  • shaukat azmi
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे
    24 Nov 2019
    बेहतरीन कलाकार, कैफ़ी आज़मी की हमसफ़र और शबाना आज़मी की मां शौक़त कैफ़ी आज़मी को याद करते हुए ‘इतवार की कविता’  में आज पढ़ते हैं कैफ़ी आज़मी की नज़्म ‘औरत ’।
  • प्रदीप सिंह
    गिरिजा कुमार माथुर ने आधुनिकता को उचित संदर्भ में परिभाषित किया
    16 Oct 2019
    कवि, नाटककार और समालोचक गिरिजा कुमार माथुर का जन्मशतवार्षिकी देश भर में विश्वविद्यालयों और साहित्यिक संस्थानों में मनाया जा रहा है। इस कड़ी में दिल्ली में साहित्य अकादमी ने ‘गिरिजा कुमार माथुर :…
  • गोरख पाण्डेय
    अनिल अंशुमन
    गोरख पाण्डेय : रौशनी के औजारों के जीवंत शिल्पी
    02 Feb 2019
    ऐसा अक्सर नहीं होता है कि किसी कवि की रचनाएँ जेएनयू कैंपस जैसे उच्च शिक्षा संस्थान से लेकर सुदूर गांवों के टोले-चौपालों में एक ही मन मिज़ाज़ से सुनी और सुनाई जाती हों।
  • Krishna Sobti
    मुकुल सरल
    "हमारी मनुष्यता को समृद्ध कर चली गईं कृष्णा सोबती"
    25 Jan 2019
    “आख़िरी सलाम, कृष्णा सोबती। एक बड़ी लेखक और उतनी ही बड़ी इंसान... तीसरी दुनिया के सच्चे लेखक को ऐसा ही होना चाहिए था।”
  • Krishna Sobti
    सौजन्य: इंडियन कल्चरल फोरम
    आज़ादी हमारा पैदाइशी हक़ है : कृष्णा सोबती
    25 Jan 2019
    “ लेखकों के विरोध को ‘गैंग’ कहने वालों का अग्रणी कौन है और यह भाषा किसकी है?” आइए सुनते हैं कृष्णा सोबती की बेबाक बयानी। इसे इंडियन कल्चरल फोरम (आईसीएफ) से साभार लिया गया है।
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License