कुछ दिन पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' में असहयोग आंदोलन का जिक्र कियाI इसी का सन्दर्भ देते हुए उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात भी कीI
असहयोग आंदोलन, जनता के विरोध का एक बड़ा प्रतीक रहा है, पर क्या प्रधानमंत्री मोदी और उनकी राजनीति जनता के विरोध को सही मानते हैं? 'इतिहास के पन्ने' के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय असहयोग आंदोलन की राजनीति और वर्तमान भारत में इसकी प्रासंगिकता पर बात कर रहे हैंI