असम स्थित मीडिया आउटलेट DY365, असम लाइव24 और नॉर्थ ईस्ट नाउ ने रिपोर्ट किया कि गुवाहाटी में 26 रोहिंग्या मुसलमानों को फ़र्ज़ी आधार कार्ड के साथ गिरफ़्तार किया गया. नॉर्थ ईस्ट नाउ ने लिखा, “वे दिल्ली जाने की योजना बना रहे थे.”



ऐंकर नंदन प्रतिम शर्मा बोरदोलोई के 40 हज़ार से अधिक फ़ॉलोवर्स हैं. उन्होंने दावा किया कि 26 रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार से अवैध रूप से असम में प्रवेश करने के बाद गुवाहाटी में पलटनबाज़ार से पुलिस ने गिरफ़्तार किया.
ये दावा DY365 के संपादक अतनु भुयन, असम स्थित मीडिया प्रोफ़ेशनल शैलेंद्र पांडे और विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर हरिओम ने भी किया.



फ़ैक्ट-चेक
गूगल पर एक कीवर्ड सर्च करने से हमें उस घटना से संबंधित कई रिपोर्टें मिलीं. 12 सितंबर को गुवाहाटी में म्यांमार के 26 नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि इनमें से कोई भी रोहिंग्या समुदाय से नहीं था. इसे असम ट्रिब्यून, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द शिलॉन्ग टाइम्स और द सेंटिनल रिपोर्ट किया था. असम ट्रिब्यून और द सेंटिनल ने सभी 26 के नाम सूचीबद्ध किए हैं.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 महिलाओं सहित 26 म्यांमार नागरिकों को भारतीय दंड संहिता 468 (जालसाजी), विदेशी अधिनियम से संबंधित, 1946 की धाराओं, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम 1950 के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
स्थानीय पुलिस की सूचना के बाद इस ग्रुप को गुवाहाटी के रेहबारी इलाके में कामरूप लॉज से पकड़ा गया था. पुलिस के अनुसार, ये सभी सुबह करीब 7 बजे दो एसयूवी गाड़ियों में मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से निकले थे.
TOI की रिपोर्ट में असम पुलिस का बयान छपा है जिसके मुताबिक, “पूछताछ करने पर पाया गया कि वे म्यांमार के चिन प्रांत [फलाम ज़िले] के नागरिक हैं और बाइबिल (धर्मशास्त्र) की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली जा रहे थे. हमने उनके पास से जाली भारतीय दस्तावेज जैसे आधार और वोटर कार्ड बरामद किए जो मिज़ोरम में बनाए गए थे.”
ऑल्ट न्यूज़ ने पान बाजार पुलिस स्टेशन (कामरूप लॉज से 1.5 किलोमीटर दूर) के ACP से बात की. उन्होंने कहा, “मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि 26 सदस्यों में से एक भी व्यक्ति रोहिंग्या समुदाय से नहीं है. हमने उनमें से हर व्यक्ति से अलग-अलग पूछताछ की. मालूम पड़ा कि वे ईसाई धर्म का पालन करते हैं. हम अधिक जानकारी के लिए म्यांमार के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं.”
इसके अलावा, हमने गुवाहाटी सेंट्रल पुलिस स्टेशन के DCP राजवीर सिंह से भी बात की. उन्होंने बताया, “अंग्रेज़ी के अलावा, कुछ लोग मिज़ो में पारंगत हैं. वे पूर्वी दिल्ली में बाइबल कॉलेज जा रहे थे.” यहां तक कि राजवीर सिंह ने भी इस ग्रुप के रोहिंग्या समुदाय से संबंधित होने के दावे से इनकार किया.
पाठक ध्यान दें कि बोरदोलोई ने त्रिपुरा में गिरफ़्तार रोहिंग्याओं की 2017 की एक तस्वीर पोस्ट की थी.

कुल मिलाकर, असम स्थित मीडिया आउटलेट्स और पत्रकारों ने झूठी रिपोर्ट दी कि 26 रोहिंग्या मुसलमानों को 12 सितंबर को गुवाहाटी पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.
साभार : ऑल्ट न्यूज़