गड्ढों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में मौतों (5 साल में 15,000) की संख्या आतंकी हमलों में होने वाली मौतों (961) से कहीं ज़्यादा है।
मानसून जो कभी आनंद और रोमांच का समाचार हुआ करता था वो आजकल टीवी पर अब हादसों के अशुभ समाचार की खबर बनता जा रहा हैI जब भी बारिश होती है तब पूरे देश में सड़को में गड्ढ़ों के कारण होने वाली मौतों की खबरें सामने आती हैं| भारत में इस तरह की मौतें सामान्य बात हो गई है|
बारिश के मौसम में दिल्ली और मुंबई की सड़कों का हाल देख सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले में संज्ञान लिया है| 20 जुलाई को ऐसे ही एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सड़कों पर गड्ढ़ों के कारण हो रहे हादसों में होने वाली मौतों पर चिंता व्यक्त की है।
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि सड़कों में गड्ढ़ों के कारण दुर्घटना में मारे जाने वाले लोगों के परिजन को मुआवज़े का हक होना चाहिए। क्योंकि ऐसे मामलो में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती|
हाल में कुछ ही मिनटों की बारिश के बाद ही दिल्ली में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें मिंटो रोड पर एक बस पानी में डूबी नजर आ रही थी| कोर्ट ने कहा कि थोड़ी सी बारिश होने के बाद ये हाल हो गया है अगर ज़्यादा बारिश होगी तो क्या हाल होगा?
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इस स्थिति को भयावह बताते हुए पीठ ने कहा कि यह मामला किसी व्यक्ति की जिंदगी और मौत से जुड़े गहरे सवाल उठता है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा पर समीति गठित की गई है और सड़क सुरक्षा पर दो हप्ते में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहाI
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खंडपीठ ने कहा कि सड़कों के गड्ढों के कारण बड़ी संख्या में देश में मौतें हो रही हैं। एक रिपोर्ट का हवाला देते हए कहा कि गड्ढ़ों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या आतंकी हमलों में होने वाली मौंतों से कहीं ज्यादा है।
इस रिपोर्ट के अनुसार जो आँकड़ें सामने आए हैं वो सही में चौंकाने वाले, भयावह और चिंताजनक हैं| 2017 में ही 3,597 मौतें इन गढ्डो से हुई| इसी दौरान आतंकी घटनाओं में 40 लोगों की मौत हुई|
वर्ष
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2013
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2014
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2015
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2016
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2017
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कुल
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आतंकी घटनाओं में हुई मौतें
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303
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407
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181
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30
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40
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961
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सड़क गड्ढ़ों के कारण हुई मौतें
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2614
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3039
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3416
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2324
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3597
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14,990
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गड्ढों से मौत पर राज्य द्वारा केंद्र को 2017 में भेजे गए आकड़ों के अनुसार यूपी का नम्बर अव्वल है –
राज्य
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मौत
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1.उत्तर प्रदेश
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987
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2.महाराष्ट्रा
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726
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3.हरियाणा
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522
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4 गुजरात
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228
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इस सूचि को ध्यान से देखें तो पाएँगे कि टॉप चार राज्यों में चारों राज्य भाजपा शासित है | सबसे चौकाने वाली बात है कि यूपी में भाजपा की सरकार का नारा था कि यूपी अब गड्ढा मुक्त होगा लेकीन वास्तविकता इससे कोसो दूर है |
कोर्ट ने ऐसी घटनाओं पर निराशा जताई और कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है| इस मसले से सबंधित सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को समन जारी किया है | पुलिस ने कहा कि उन्हें अतिक्रमण हटाने में दो वर्ष लगेगा ,कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा कि सड़कों पर अवैध अतिक्रमण को हटाने में 2 साल का समय क्यों लगेगा ? इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिनों बाद होगी।
सड़कों पर अवैध अतिक्रमण और यातायात असुविधाओं को लेकर स्पेशल टास्क फोर्स ने फरवरी 2017 में एक रिपोर्ट सौंपी थी | उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कहा कि दिल्ली की जनता के लिए वे इस सवाल का जवाब दें कि अब तक ये काम क्यों नहीं हुआ |
इस मसले पर पुलिस की ओर से कहा गया कि सड़कों पर अवैध अतिक्रमण के लिए पुलिस कमिश्नर ज़िम्मेदार नही है | इस पर कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर आप चाहते हैं तो कोर्ट में दिल्ली के उप राज्यपाल समेत उन क्लर्को को भी यहाँ बुला सकतें हैं जो फाइलों को एक मेज़ से दूसरी मेज़ तक ले जाते हैं | कोर्ट की ये चिंताए उचित हैं लेकिन हमारी सरकारें इन अति महत्वपूर्ण मसलों को लेकर कितनी गंभीर है ये बड़ा सवाल है ? क्योंकि इनको ठीक करने की ज़िम्मेदारी कार्यपालिका की है |