NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अयोध्या विवाद : सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन की सुनवाई शुरू, निर्मोही अखाड़ा ने कहा- जमीन पर हमारा हक़
अयोध्या विवाद में मध्यस्थता की कोशिश असफल होने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में 5 सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Aug 2019
ayodhya issue

नई दिल्ली: राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या स्थित राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हिंदू पक्षकार ने दावा किया कि 1934 से इस विवादित ढांचे में किसी भी मुस्लिम को प्रवेश की इजाजत नहीं थी और यह पूरी तरह से निर्मोही अखाड़े के अधिकार में था।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष अयोध्या प्रकरण में निर्मोही अखाड़े की ओर से बहस शुरू करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील जैन ने यह ढांचा पूरी तरह से उसके अधिकार में ही है और वे इस क्षेत्र का प्रबंधन और इस पर अधिकार चाहते हैं।

इस विवाद का मध्यस्थता के माध्यम से समाधान खोजने का प्रयास विफल होने के बाद संविधान पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर मंगलवार से सुनवाई शुरू की है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। 

संविधान पीठ ने दैनिक सुनवाई शुरू करते हुए अयोध्या प्रकरण की कार्यवाही की रिकार्डिंग करने के लिये राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पूर्व विचारक के एन गोविन्दाचार्य का आवेदन अस्वीकार कर दिया।

सुशील जैन ने संविधान पीठ से कहा कि निर्मोही अखाड़े का वाद मूलत: इस पर अधिपत्य और इसके प्रबंधन के अधिकार के लिये है। उन्होने कहा, ‘मैं एक पंजीकृत संस्था हूं। मेरा वाद मूल रूप से वस्तुओं, अधिपत्य और प्रबंधन के अधिकार के लिये है।’

उन्होंने कहा कि इस ढांचे का भीतरी बरामदा और राम जन्मस्थान सैकड़ों साल से निर्मोही अखाड़े के पास है।

जैन से कहा, ‘भीतरी बरामदा और राम जन्मस्थान सैकड़ों साल से हमारे पास है। इसके बाहरी बरामदे में स्थित ‘सीता रसोई’, ‘चबूतरा’, ‘भण्डार गृह’ हमारे पास है और यह कभी भी किसी मामले में विवाद का हिस्सा नहीं था।’

इन अपीलों पर चल रही सुनवाई के दौरान पीठ के सदस्यों और एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई।

पीठ ने निर्मोही अखाड़े के अधिवक्ता से कहा कि वह अपनी दलीलें दीवानी विवाद तक ही सीमित रखें और कुछ लिखित दस्तावेजों को पढ़ना छोड़ दें, इस पर धवन ने हस्तक्षेप किया और कहा कि संभवत: दलीलों में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी तरह से सुनवाई या बहस में कटौती नहीं की जायेगी और इस बारे में किसी के भी मन में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए। धवन ने दोबारा कहा कि यही तो हम भी कह रहे थे।

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘डॉ धवन, न्यायालय की गरिमा बनाकर रखिये।’ धवन ने इस पर कहा कि उन्होंने तो कुछ सवालों के सिर्फ जवाब ही दिये थे।

पीठ ने उनसे कहा, ‘कृपया यह ध्यान रखिये कि आप न्यायालय के एक अधिकारी हैं और हम सिर्फ यही कह रहे हैं कि हम किसी की भी दलीलों को छोटा नहीं करने जा रहे हैं।’

सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़े की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि के 2.77 एकड़ विवादित हिस्से पर अपना दावा किया और कहा कि यह आदि काल से उसके ही पास है और इस स्थल पर राम लला की पूजा हो रही है।
 
इस पर पीठ ने कहा, ‘वैसे भी, उच्च न्यायालय की प्रारंभिक डिक्री में आपको विवादित क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा दिया गया है।’

शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही हैं। उच्च न्यायालय ने बहुमत के फैसले में कहा था कि विवादित 2.77 एकड़ भूमि तीनों पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांट दिया जाये।

यह विवादित ढांचा छह दिसंबर, 1992 को कार सेवकों ने ध्वस्त कर दिया था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुये अयोध्या में विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था।

Ayodhya Case
Ram Mandir
babri masjid
hindu-muslim
UP
BJP
Indira jaising
Supreme Court

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License