NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बेतुके बयान:मुद्दों से भटकाने की रणनीति तो नहीं ?
जब हम इस तरह के बयानों पर बहस करते हैं तो कहीं न कहीं उनकी रणनीति में फंस जाते हैं,क्योंकि वो भी यही चाहते हैं कि लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाया जा सके |
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Apr 2018
बिप्लव देव
Image Courtesy: indianexpress.com

आज कल भारतीय राजनीती में बेतुकी बयानबाज़ी का नया दौर शुरू हुआ है,जिसमें सत्ताधारी दल भाजपा के नेता सबसे अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं | इनके कई मुख्यमंत्रीयों और केन्द्रीय मंत्रीयों के बीच में बेतुकी,आधारहीन और तथ्यविहीन वयानाबाज़ी की प्रतिस्पर्धा को जीतने की होड़ लगी है | एक से बढ़कर एक बेतुके बयान दिए जा रहे हैं | ऐसे में सबसे आसन होगा  कि इनको पागलपन या बेफखुफाना बयान समझा जाए और इसे हंसी में उड़ा दिया जाए | परन्तु ये सब इतना सीधा नहीं है,जब हम इन नेताओ के बयानों को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकने के लिए इन्हें दिया जा रहा है  | इनके बेतुके बयानों की सूचि देखें तो बहुत बड़ी है I

परन्तु हाल ही में त्रिपुरा के नये नवले मुख्यमंत्री और मोदी जी के  हीरे  श्रीमान बिप्लव देव जी  फिलहाल इस प्रतिस्पर्धा को जीतते हुए दिख रहे हैं | उनके कुछ दिनों के बयान काफी हास्यापद हैं और उनकी मानसिकता को दर्शाते हैं | जैसे उन्होंने कुछ दिन पहले कहा कि महाभारत के समय इंटरनेट जैसी तकनीक थी , फिर उन्होंने एक बयान में  डायना हेडेन के 1997 में विश्व सुंदरी बनने पर भी सवाल उठाया | इसके बाद मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेकेनिकल इंजीनियरों को सिविल सेवा में नहीं जाना चाहिए,बल्कि सिविल इंजीनियरों को जाना चाहिए | उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए राजनीतिक दलों के चक्कर काटने के बदले पान की दुकान खोलनी चाहिए | उन्होंने युवाओं को डेयरी में करियर बनाने और गाय पालने के लिए भी कहा है | 

इस पूरी प्रतिस्पर्धा में भाजपा के ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के नेता कैसे पीछे रहते |  गुजरात के  मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने नया बयान दिया है | उन्होंने  पौराणिक कथाओ के पात्र नारद की तुलना सर्च इंजन गूगल से की और कहा कि संत नारद को पूरी दुनिया के बारे में जानकारी होती थी , ठीक वैसे ही जैसे आज गूगल सर्च इंजन लोगों को प्रदान करता है। सिर्फ इतना ही नहीं दूसरी तरफ गुजरात विधानसभा के स्पीकर ने एक और बिना सिर-पैर की बात की और कहा की आंबेडकर ब्राहमण थे | जबकी पूरी दुनिया जानती है कि वो सदा ही जाति और वर्ण के खिलाफ लड़ते रहे | लेकिन जब पूरे देश में एक प्रतिस्पर्धा चल रही हो तो फिर इस तरह के बयानों का आना कोई अचंभा नहीं है |

इस तरह के बयानों की फेरहिस्त बहुत ही लंम्बी है,कई सामाजिक कार्यकर्ताओ के अनुसार ये इनकी रणनीति है | उनका मानना है कि जब हम इस तरह के बयानों पर बहस करते हैं तो कही न कही हम उनकी रणनीति में फंस जाते हैं | क्योंकि वो भी तो यही चाहते हैं कि लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा सके |

त्रिपुरा के चुनाव में भाजपा ने पूरे अभियान में राज्य में विकास और तकनीक के विकास की बात की थी I परन्तु आज उनके मुख्यमंत्री तकनीक को लेकर जो बयानबाज़ी कर रहे हैं वो उन बातों से पूरी तरह से भिन्न है | जहाँ चुनाव में वो त्रिपुरा के सभी परिवारों को नौकरी देने की बात कर रहे थे , वहीं आज वो कह रहे हैं कि पढ़े लिखे नौजवान नौकरी के लिए सरकार के पीछे न दौड़ें बल्कि पान बेचें या फिर गाय पालें | जहाँ राज्य का पूरा चुनाव बेरोज़गारी के मुद्दे पर जीता गया वहाँ अब वो अपने इस वादे को पूरा करने के बजाए युवाओं को पान बेचने की सलहा दे रहे हैं | ये प्रधनमंत्री के चाय और पकोड़े के बयान से भिन्न नहीं है I

 हम अगर आज मुख्यधारा की मिडिया की बहसों को देखते हैं तो ये लगता है कि मुद्दों से  भटकाने की अपनी रणनीति में वह सफल होते दिख रहे हैं | जो देश के मुख्य मुद्दे हैं जैसे बेरोज़गारी ,महिला सुरक्षा ,बढती महंगाई, पेट्रोल-डीज़ल के दाम, इनसे ध्यान हटाकर बड़े ही शातिर ढंग से देश का को गुमराह किया जा रहा है | सारी बहस की दिशा ही मोड़ दी जा रही है  और इस तरह बिना मतलब बेतुके बयानों की बहस में हमे उलझाया जा रहा है  |   

बिप्लव देव
भाजपा
त्रिपुरा
त्रिपुरा मुख्यमंत्री
गुजरात मुख्यमंत्री
भारत

Related Stories

“हवा में रहेगी मेरे ख़्याल की बिजली...”

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

“हवा में रहेगी मेरे ख़्याल की बिजली...”

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License