NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बिगड़ते आर्थिक हालात’ के खिलाफ वामदल करेंगे देशव्यापी साझा प्रदर्शन
माकपा, भाकपा, भाकपा माले, फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी की ओर से सोमवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तय करने के लिए चारों दलों की 20 सितंबर को संयुक्त बैठक आहूत की गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Sep 2019
left
Image courtesy:DNA

नई दिल्ली: देश की आर्थिक स्थिति गंभीर होने का दावा करते हुए माकपा और भाकपा सहित सभी वामदलों ने मोदी सरकार की कथित गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

माकपा, भाकपा, भाकपा माले, फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी की ओर से सोमवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तय करने के लिये चारों दलों की 20 सितंबर को संयुक्त बैठक आहूत की गयी है। इस दौरान देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।

बैठक में माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव डी राजा सहित सभी वामदलों के नेता शिरकत करेंगे। वामदलों ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित 70 हजार करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज के बारे में कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को कोई राहत नहीं मिलेगी।

वाम दलों ने सभी लोकतांत्रिक दलों और नागरिक समूहों से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील भी की है जिससे मौजूदा स्थिति के कारण परेशानियों का सामना कर रहे गरीबों की आवाज को मजबूती से उठाया जा सके।

गौरतलब है कि देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लेकर वामनेता लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं।

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया था कि अगर निर्यात और आयात दोनों घट रहे हैं तो इसका मतलब अर्थव्यवस्था की गतिविधि का कम होना है। भारतीय अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व संकट से जूझ रही है।

गौरतलब है कि आंकड़ों के मुताबिक देश का निर्यात कारोबार अगस्त माह में 6.05 प्रतिशत घटकर 26.13 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान आयात भी एक साल पहले के इसी माह के मुकाबले 13.45 प्रतिशत घटकर 39.58 अरब डॉलर रहा।
 

...It doesn't take an Einstein to know that those responsible for this are sitting in the government. https://t.co/NmOQ4fvoUs

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 13, 2019

येचुरी ने गुरुत्वाकर्षण की खोज में वैज्ञानिक अल्बर्ट आंइस्टीन को गणित की मदद नहीं मिलने संबंधी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की चर्चित टिप्पणी पर तंज कसते हुये कहा कि उन्हें (गोयल को) दूरस्थ सपनों के बजाय जमीनी हकीकत पर ध्यान देना चाहिये।

येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘सरकार को अपने सिर पर सेब के गिरने का इंतजार नहीं करना चाहिये, इसके पहले कि उसे अर्थव्यवस्था का गणित गड़बड़ हो जाने का अहसास हो। इसका अहसास कराने के लिये हमें आंइस्टीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।’ येचुरी ने गोयल को नसीहत दी कि उन्हें दूरस्थ सपनों के बजाय जमीनी हकीकत पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये।

आपको बता दें कि बिगड़ती अर्थव्यवस्था और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर तमाम दूसरे संगठन भी प्रदर्शन की चेतावनी दिए हुए हैं। 20 सितंबर को बैंक कर्मचारियों का बैंकों के विलय के खिलाफ एक दिन का विरोध प्रदर्शन है। इसके बाद बैंक ऑफिसर एसोशिएसन ने बैंकों के विलय के खिलाफ 25-26 सिंतबर को दो दिनों की हड़ताल का आह्वान किया है।

तो दूसरी ओर कोयला खनन क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई के विरोध मे 24 सिंतबर को देशभर के कोयला खनन के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में डीटीसी कर्मचारी 25-26 सितंबर को भूख हड़ताल करने जा रही है। तो यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले करीब 40 संगठनों ने 19 सितंबर को दिल्ली में चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। 

Left Parties Protest.
Left politics
Sitaram yechury
D.Raja
economic crises
modi sarkar

Related Stories

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

पश्चिम बंगाल: वामपंथी पार्टियों ने मनाया नवंबर क्रांति दिवस

आंदोलन: 27 सितंबर का भारत-बंद ऐतिहासिक होगा, राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस ने दिखाई झलक

युवाओं ने दिल्ली सरकार पर बोला हल्ला, पूछा- 'कहां है हमारा रोज़गार?'

त्रिपुरा में भाजपा द्वारा वाम मोर्चे और मीडिया संस्थानों पर बर्बर हिंसा के ख़िलाफ़ दिल्ली में माकपा का रोष प्रदर्शन

किसान आंदोलन को सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन की स्पिरिट से प्रेरणा, परन्तु उसके नकारात्मक अनुभवों से सीख लेनी होगी

देशभर में किसान मज़दूर मना रहे ‘काला दिवस’, जगह जगह फूंके जा रहे हैं मोदी सरकार के पुतले

विशेष: जब भगत सिंह ने किया किसानों को संगठित करने का प्रयास


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License