NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
बिहार : कॉस्टेबल स्नेहा को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में, 6 जुलाई को पूरे राज्य में प्रदर्शन
मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग लेकर परिवार 25 जून से भूख हड़ताल पर था। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनकी भूख हड़ताल भी जबरन तुड़वा दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Jul 2019
Munger

बिहार में लगातार कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है। महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं लगातार आ रही है। ज़्यादातर मामलों में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे  में रहती है। इस बार तो एक महिला पुलिसकर्मी की तलाश को लेकर ही पुलिस गैरज़िम्मेदारना रवैया अपना रही है।

मामला है कॉस्टेबल स्नेहा का। स्नेहा काफी समय से लापता है। लेकिन पुलिस के मुतबिक उसकी मौत हो गई है। पुलिस ने एक लाश भी उसके परिवार को देने की कोशिश की। लेकिन परिवार के मुताबिक वो लाश स्नेहा की नहीं थी इसलिए उन्होंने उसे लेने से मना किया। उसके बाद पुलिस ने उनके साथ मारपीट भी की। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग लेकर परिवार और अन्य लोग 25 जून से भूख हड़ताल पर थे। इस बीच विपक्षी दल के नेता भी उनके समर्थन में आए। लेकिन आरोप है कि 30जून को पुलिस प्रशासन ने इन लोगों का अनशन जबरन खत्म करा दिया। 

अनशनकारियों का कहना है कि वो अपने लोकतंत्रिक अधिकार के तहत शांतिपूर्ण ढंग से अनशन कर रहे थे। लेकिन सरकार अब हमारे इस अधिकार को भी छीनना में लगी हुई है। 

30 जून को भाकपा-माले विधायक सत्यदेव राम, राज्य कमेटी के सदस्य उमेश सिंह व ऐपवा की नेता संगीता सिंह की तीन सदस्यों की टीम  मुंगेर गई और आंदोलनरत लोगों से मुलाकात की व उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। माले विधायक सत्यदेव राम ने न्याय की मांग कर रहे अनशनकारियों व अन्य आंदोलनकारियों पर झूठे मुकदमे थोपने की कड़ी निंदा की और उसे अविलंब वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस सवाल को विधानसभा के अंदर भी मजबूती से उठाया जाएगा।  

इस जांच दल के मुतबिक कि सिवान में तैनात आरक्षी (कॉस्टेबल) स्नेहा कांड के संबंध में जो घटनाक्रम उभरकर सामने आया है उससे प्रतीत होता है कि स्नेहा का लंबे समय से यौन शोषण किया जा रहा था और फिर उसकी हत्या कर दी गई। मामले को रफा-दफा करने के लिए उसके लाश को भी गायब कर दिया गया। इसमें पुलिस के उच्च अधिकारी तक शामिल हैं। जब इस कांड की सीबीआई जांच की मांग उठी तो आनन-फानन में उसे खारिज कर दिया गया और सीआईडी जांच बैठा दी गई। 

कॉस्टेबल स्नेहा के पिता मुंगेर निवासी विवेकानंद मंडल बताते हैं कि सिवान पुलिस को क्लीन चिट दिया जाना उच्च अधिकारियों को बचाने की कवायद है। यदि मामले की सही से जांच हो तो सिवान पुलिस के उच्च अधिकारी की सहभागिता स्पष्ट हो जाएगी।

29 मई को विवेकानंद मंडल को स्थानीय चौकीदार के माध्यम से पता चला कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है। वे सिवान अपनी बेटी को देखने पहुंचे लेकिन उन्हें अपनी बेटी से मिलने नहीं दिया गया। कहा गया कि हॉस्पीटल में भर्ती है। सिवान पुलिस इधर-उधर की बात करते रही। फिर बताया गया कि उनकी बेटी की मौत हो गई। उसके बाद भी बेटी की लाश विवेकानंद मंडल को नहीं दिखलाई गई। सिवान में पोस्टमार्टम की बजाय स्नेहा का पोस्टमार्टम पीएमसीएच, पटना में कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिवान के डॉक्टरों ने जब गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने से इंकार कर दिया, तो सिवान पुलिस ने उनकी जमकर पिटाई भी कर दी।

पीपीएमसीएच में बिना शव को दिखाए उसके पिता विवेकानंद मंडल का सुपुर्द किया गया और शव को घर ले जाने के लिए मजबूर किया गया। विवेकानंद मंडल का कहना है कि शव उनकी बेटी का था ही नहीं, उसकी जगह 20-25 दिनों का सड़ा-गला लाश उन्हें सुपुर्द किया गया। जब लाश लेने से परिजनों ने इंकार कर दिया तब मुंगेर एसपी गौरव मंगला और एसडीओ खगेशचंद झा के द्वारा नौवागढ़ी के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी गई। पुलिस प्रशासन ने अपनी मौजूदगी में उस लाश का अंतिम संस्कार करवाया। इसके खिलाफ 2 जून को आक्रोशित समुदाय ने सड़क जाम किया तो प्रशासन ने सबके ऊपर मुकदमा दायर कर दिया गया।

इस बर्बर घटना के खिलाफ मुंगेर में 24 जून से धरना व 25 जून से  अनशन चल रहा था लेकिन अब यह खत्म हो गया है। इस दौरान स्नेहा के पिता विवेकांनद की हालत बेहद खराब हो गई थी और वे अस्पताल में भर्ती हैं। 

जांच दल ने कहा है कि इस सवाल को प्रमुखता से विधानसभा में उठाया जाएगा। इसके 6 जुलाई को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया जाएगा। हमारी मांग है कि बिहार सरकार दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करे और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराये। इसके पहले भी पटना में महिला आरक्षियों के आक्रोश का विस्फोट हम सब देख चुके हैं। यह बेहद शर्मिंदगी की बात है कि पुलिस विभाग में महिला आरक्षियों का यौन शोषण हो रहा है। महिला सशक्तिकरण का दावा करने वाली भाजपा-जदयू सरकार का असली महिला विरोधी चेहरा हर दिन बेनकाब हो रहा है।

woman constable
constable sneha
Bihar
CPI(ML)
CBI
Nitish Kumar

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

बिहार शेल्टर होम कांड-2: युवती ने अधीक्षिका पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- होता है गंदा काम

बिहारः पांच वर्ष की दलित बच्ची के साथ रेप, अस्पताल में भर्ती

नौसेना लीक मामला: सीबीआई ने नौसेना के दो कमांडर के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया

बिहारः बंधक बनाकर नाबालिग लड़की से गोरखपुर में 1 महीने तक किया गैंगरेप


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License