NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार: सामूहिक बलत्कार के मामले में पुलिस के रैवये पर गंभीर सवाल उठे!
लोगों का कहना है कि वो जाँच में पुलिस और प्रशासन के साथ है| लेकिन, जाँच के नाम पर ज़्यादती को कैसे जायज़ ठहराया जा सकता?
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Jun 2018
नितीश कुमार

बिहार में बीते दिनों हुए समूहिक बलात्कार के मामले पुलिस मुख्य आरोपीयों को पकड़ने की बजाये आम ग्रामीणों को प्रताड़ित कर रही है| इस क्रम में एक 6 वर्ष के मासूम और 70 वर्ष की वृद्ध महिलाओं को हिरासत में लिया गया है|

यह मामला बिहार में एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी से सामूहिक बलात्कार का हैI बिहार के गया ज़िले में एक बहुत ही भयावह घटना हुई | जब एक डॉक्टर अपनी पत्नी और अपनी बेटी के साथ बाइक से जा रहे थे तो रास्ते में 10 से 12 लोगों ने उनका रास्ता रोका | डॉक्टर के हाथ पाँव बाँध दिया और थोड़े ही दूर पर उनकी पत्नी और बेटी के साथ दुष्कर्म किया | इसके बाद उनकी पत्नी और बेटी के भी हाथ पाँव बाँध दिए फिर उनका मोबाइल और पैसे भी छीन लिए और तीनों के साथ मारपीट भी की |

जाँच के नाम पर आम लोगो को परेशान करने आरोप है

जानकारी के मुताबिक पुलिस प्रशासन द्वारा कमलदह गाँव के लगभग 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है | स्थानीय वामपंथी राजनीतिक कार्यकर्त्ता ने बताया कि “रात में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों ने पूरे गाँव को घेर लिया। कई घरों में छापेमारी की गई। लगभग 30 ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया। ग्रामीणों की मानें तो जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट भी की गई। पकड़े गये लोगो में बच्चे और वृद्ध महिलाओ को भी हिरासत में लिया गया है उनके साथ बदसलूकी भी की गई | हिरासत में लिए गये लोगों को स्थानीय थानों में ले जाया गया”|

उन्होंने आगे बताया कि “सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हिरासत में लिए गये लोगो में से अधिकतर लोग दलित और पिछड़ी जाति के लोग हैं| ये जो कमलदह गाँव है वहाँ पासवान जाति के लोग रहते हैं और उन्हीं को उठाया जा रहा है”|

इसके बाद उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “वर्तमान नीतीश और भाजपा सरकार जानबूझकर दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े समाज के लोग परेशान कर रही| ये सब भाजपा और संघ के हिंदुत्व के अजेंडे को लागू करना चाहती है”|

नीतीश सरकार पर यह आरोप पहली बार नहीं लगा| अभी कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि शराबबंदी कानून के तहत अधिकतर उपेक्षेती वर्गों को ही सज़ा हुई है|

इस तरह की घटनाएँ सरकार और प्रशासन के ऊपर बहुत बड़ा सवाल लगता है| दरअसल, सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना की जाँच को लेकर पुलिस पर भारी दबाव है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक की पुलिस कार्यवाही, एकत्रित साक्ष्य, एफआईआर सहित अन्य दस्तावेज़ को जल्द से जल्द कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना है। सभी का कहना है की वो जाँच में पुलिस और प्रशासन के साथ है| लेकिन, जाँच  के नाम पर ज़्यादती को किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।

 

बिहार
gaya rape case
बिहार पुलिस
भाजपा
दलित उत्पीड़न
समूहिक बलात्कार
jdu-bjp

Related Stories

बिहार मांग रहा है 19 लाख रोज़गार: युवाओं ने निकाली शिक्षा–रोज़गार यात्रा 

बिहार चुनाव: आख़िर कितना लागू हुआ 2015 चुनाव का पीएम पैकेज!

बिहार में 87 फीसदी कोरोना रिकवरी का दावा कितना सच, कितना चुनावी स्टंट!

क्यों अपने आवास में हाइटेक अस्पताल बनवा रहे थे सीएम नीतीश कुमार?

मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचे नीतीश के ख़िलाफ़ फूटा लोगों का गुस्सा, दिल्ली में भी प्रदर्शन

पटना में लड़की की ख़रीद-फ़रोख़्त : महिला संगठनों का नीतीश सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम

चुनाव 2019 : क्या इस बार रोज़गार और पलायन जैसे मुद्दे तय करेंगे बिहार का भविष्य

बिहार : प्रशासन और भूमाफिया के गठजोड़ ने ले ली महादलित बिन्दा की जान?

‘रुन्नीसैदपुर चलो’ : महादलितों को ज़मीन से बेदख़ल करने के ख़िलाफ़ सीपीएम का आह्वान

बिहार में हड़ताल और बंद असरदार, जगह-जगह ट्रेनें रुकीं, हज़ारों बंद समर्थक गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • अभिलाषा, संघर्ष आप्टे
    महाराष्ट्र सरकार का एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम को लेकर नया प्रस्ताव : असमंजस में ज़मीनी कार्यकर्ता
    04 Apr 2022
    “हम इस बात की सराहना करते हैं कि सरकार जांच में देरी को लेकर चिंतित है, लेकिन केवल जांच के ढांचे में निचले रैंक के अधिकारियों को शामिल करने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता”।
  • रवि शंकर दुबे
    भगवा ओढ़ने को तैयार हैं शिवपाल यादव? मोदी, योगी को ट्विटर पर फॉलो करने के क्या हैं मायने?
    04 Apr 2022
    ऐसा मालूम होता है कि शिवपाल यादव को अपनी राजनीतिक विरासत ख़तरे में दिख रही है। यही कारण है कि वो धीरे-धीरे ही सही लेकिन भाजपा की ओर नरम पड़ते नज़र आ रहे हैं। आने वाले वक़्त में वो सत्ता खेमे में जाते…
  • विजय विनीत
    पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव
    04 Apr 2022
    पत्रकारों की रिहाई के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा का गठन किया है। जुलूस-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आंचलिक पत्रकार भी शामिल हुए। ख़ासतौर पर वे पत्रकार जिनसे अख़बार…
  • सोनिया यादव
    बीएचयू : सेंट्रल हिंदू स्कूल के दाख़िले में लॉटरी सिस्टम के ख़िलाफ़ छात्र, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
    04 Apr 2022
    बीएचयू में प्रशासन और छात्र एक बार फिर आमने-सामने हैं। सीएचएस में प्रवेश परीक्षा के बजाए लॉटरी सिस्टम के विरोध में अभिभावकों के बाद अब छात्रों और छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है।
  • टिकेंदर सिंह पंवार
    बेहतर नगरीय प्रशासन के लिए नई स्थानीय निकाय सूची का बनना ज़रूरी
    04 Apr 2022
    74वां संविधान संशोधन पूरे भारत में स्थानीय नगरीय निकायों को मज़बूत करने में नाकाम रहा है। आज जब शहरों की प्रवृत्तियां बदल रही हैं, तब हमें इस संशोधन से परे देखने की ज़रूरत है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License