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भारत
राजनीति
बीजेपी ने कहा कि नागाओं को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं करना चाहिए !
बीजेपी की ये अपील बहुत खोखली नज़र आती है क्योंकि इससे पहले जिन भी राज्यों में चुनाव हुआ है (जैसे उत्तर प्रदेश , कर्नाटक, हरियाणा और महाराष्ट्र) वहाँ बीजेपी ने खुले तौर पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति अपनायी है I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Feb 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
नागालैंड

अपनी पार्टी की कार्य शैली से अलग हटकर 12 फरवरी को बीजेपी की नागालैंड इकाई ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि नागालैंड में कुछ लोगों सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को  राजनीतिक रणनीति की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं I उन्होंने साफ़ किया कि वो नागा बैपटिस्ट चर्च काउंसिल को इसका ज़िम्मेदार नहीं ठहरा रहे बल्कि, चर्च के कुछ नेताओं की बात कर रहे हैं जो लोगों को “गुमराह” कर रहे हैं I इस बयान में ये भी कहा गया है कि बीजेपी एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और अगर कोई पार्टी सत्ता में बहुत बड़े बहुमत से आ भी जाती है , तो भी वह संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को नहीं बदल सकती I बीजेपी की ये अपील बहुत खोखली नज़र आती है क्योंकि इससे पहले जिन भी राज्यों में चुनाव हुआ है (जैसे उत्तर प्रदेश , कर्नाटक, हरियाणा और महाराष्ट्र) वहाँ बीजेपी ने खुले तौर पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति अपनायी है I

बीजेपी का ये बयान तब आ रहा है जब NBCC के महासचिव ने 9 फरवरी को सभी राजनीतिक पार्टियों को एक ख़त लिखा जिसमें कहा गया था कि पार्टियों को कुछ “पैसे और विकास” के नाम पर अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए I ख़त में लिखा हुआ था कि ईसाइयत के खिलाफ काम कर रही ताक़तें नागालैंड में अपनी जगह बनाने की कोशिशों में लगी हुई हैं I उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बैपटिस्ट चर्च के काफी लोगों को भारत में आने के लिए वीज़ा नहीं मिल रहा और उन्हें भारत आने से रोका जा रहा है I ख़त में आगे कहा गया है कि ये हालात केंद्र सरकार की वजह से नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार को तो नागाओं से वैसे भी कोई मतलब नहीं है, इसीलिए वह जो कुछ भी बोलें पर लोगों को मना नहीं पाएंगे I

11 फरवरी को नागा पीपलस मूवमेंट ने भी इसी तरह के आरोप लगाये थे पर उन्होंने ये और भी खुले तौर पर कहा I किसी पार्टी का नाम लेने के बजाये NPMHR ने कहा कि भारत ने नागा समुदाय को धोखा दिया है और अपने ही मूल्यों से वह मुकर गया है I NPMHR के हिसाब से इस स्तिथी का समाधान यही हो सकता है कि भारत को नागालैंड के इसिहास को अलग मानकर ये मान लेना चाहिए कि भारतीय और नागा समुदाय अलग अलग हैं, यही शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए इकलौता तरीका है I

वैसे तो NBCC ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया पर उन्होंने इशारों में ये साफ़ कर दिया कि वह किसकी बात कर रहे हैं I हाल के समय में नागालैंड में बीजेपी का उभार देखा गया है , NDPP के मुख्य मंत्री के उम्मीदवार निपफीयू रिओ जो कि बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं , उत्तर अंगामी II चुनाव क्षेत्र से बिना मतदान हुए ही जीत गए हैं I उनके मुख्य प्रतिद्वंदी चुप्फुओ अंगामी जो कि सत्ताधारी पार्टी NPF से जुड़े हुए हैं ,आखरी समय में अपनी उम्मीदवारी से पीछे हट गए थे , इस निर्णय ने उनकी पार्टी को भी हैरान कर दिया था I बीजेपी ने इन चुनावों में शांति और विकास के मुद्दे पर लड़ने की बात की है I वहीँ NPF बाहरी और स्थानीय का मुद्दा उठा रही है I विडम्बना ये है कि चुनावों से पहले NPF , NDA और बीजेपी के साथ गठबंधन में थी I NDPP के बनने के बाद ही बीजेपी ने पाला बदला है , और अब वह रिओ के साथ नज़र आ रही है I

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