NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
'बोर्ड परीक्षा की तैयारी हंसते-खेलते करें'
ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन ने परीक्षा तिथियों में बदलाव की मांग उठाई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने पिछले दिनों सीबीएसई से आग्रह किया था कि वह तिथियों के मामले में विद्यार्थियों की समस्या का संज्ञान ले।
शिखा त्रिपाठी, आईएएनएस
31 Dec 2018
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: indianexpress.com

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा के तिथियों की घोषणा कर दी। परीक्षा कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही विद्यार्थियों के दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं, और वे तनाव में हैं। उनकी तनाव की वजह परीक्षा का थोड़ा पहले होना भी है। लेकिन विशेषज्ञ बच्चों को तनावमुक्त होकर हंसते-खेलते पढ़ाई करने का सुझाव दे रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण इस बार परीक्षा थोड़ा पहले हो रही है।

सीबीएसई की तरफ से 23 दिसंबर को जारी डेटशीट के अनुसार, 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होकर तीन अप्रैल तक चलेगी। वहीं 10वीं की परीक्षा 21 फरवरी से लेकर 29 मार्च तक होगी। 12वीं की परीक्षा के लिए 13 लाख विद्यार्थियों ने नामांकन किया है।

विद्यार्थियों का कहना है कि महत्वपूर्ण विषयों के प्रश्नपत्र लगातार होने से उसकी तैयारी के लिए समय नहीं मिल रहा है।

दिल्ली के अशोक बिहार स्थित मॉन्टफोर्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की छात्रा विहा मिश्रा इससे काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा, "स्कूल में प्रीबोर्ड शुरू हो गए हैं। हमें प्री बोर्ड देने हैं और डेटशीट भी आ गई है, तो हमारे पास परीक्षा की तैयारी करने का समय ही नहीं है। अकाउंट और दूसरे विषयों में आए बदलाव के कारण सिलेबस पूरा नहीं कर पाए, सेल्फ स्टडी का भी बिल्कुल टाइम नहीं रहा और स्कूल में भी जल्दी बोर्ड हो रहे हैं।"

ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन ने परीक्षा तिथियों में बदलाव की मांग उठाई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने पिछले दिनों सीबीएसई से आग्रह किया था कि वह तिथियों के मामले में विद्यार्थियों की समस्या का संज्ञान ले।

हालांकि मनोविज्ञानी डॉ. समीर पारेख परीक्षा तिथियों के थोड़ा आगे-पीछे होने को महत्व नहीं देते। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि बोर्ड एग्जाम कब हो रहे हैं, इस बात को महत्व नहीं देना चाहिए, क्योंकि एग्जाम हर साल आते हैं। 10 दिन पहले आएं, 10 दिन बाद आएं, इससे फर्क नहीं पड़ता है। बच्चों को डेट्स के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।"

यहां फोर्टिस हेल्थकेयर में मेंटल हेल्थ केयर एंड बिहेवियरल साइंसेस के निदेशक डॉ. पारेख ने कहा, "एग्जाम कब होते हैं, एग्जाम में क्या सवाल पूछे जाते हैं, एग्जाम देने के बाद क्या रिजल्ट आता है, ये तीनों चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं, जो चीज हमारे नियंत्रण में न हो, हमें उस बारे में नहीं सोचना चाहिए। आपने साल भर जो मेहनत की है, उसके साथ आत्मविश्वास जगाएं, अभी भी परीक्षा में काफी समय है।"

दिल्ली के उत्तम नगर स्थित राजकीय सह शिक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की विज्ञान की छात्रा कृतिका शुक्ला हालांकि परीक्षा को सकारात्मकता से लेती हैं।

वह कहती हैं, "साइंस वालों की परीक्षा इन्हीं दिनों होती है, थोड़ी डेट चेंज हुई है, पर सिलेबस पूरा है, बस सेल्फ स्टडी करनी है, जो चल रही है। पेपर को लेकर टेंशन तो होती है। जल्दी हो या कुछ टाइम बाद, क्या फर्क पड़ता है। पढ़ना तो उतना ही है।"

बिंदापुर स्थित सैनिक पब्लिक स्कूल की शिक्षिका मीनाक्षी ने आईएएनएस से कहा, "बच्चों का सिलेबस पूरा हो चुका है। रिविजन चल रहा है। उन्हें सारी चीजें दोबारा समझा रहे हैं, जिस बच्चे को जो समस्या है, वे उसे पूछ रहे हैं और पढ़ाई में जुटे हुए हैं। प्रीबोर्ड से उन्हें काफी लाभ मिलता है, इससे उन्हें आइडिया लग जाता है कि पेपर कैसे आता है।"

कुछ भी हो परीक्षा को लेकर बच्चों में तनाव आ ही जाता है। आखिर बच्चे कैसे तनावमुक्त होकर तैयारी करें?

डॉ. पारेख कहते हैं, "हंसते-खेलते पढ़ाई करें और हंसते-खेलते एग्जाम दें, क्योंकि जब हम तनाव कम रखते हैं, तो मार्क्‍स ज्यादा आते हैं। पढ़ाई के दिनों में खेल-खेलने से भी अच्छे मार्क्‍स आते हैं, क्योंकि आप रिलेक्स होते हैं। इस तरह की चीजों को बच्चों को महत्व देना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "जीवनशैली अच्छी करें, आउटडोर एक्टीविटी करें, दूसरों से तुलना न करें, सेल्फ टेस्ट लेने से मानसिक तनाव दूर होता है। तनाव महसूस कर रहे हैं तो पैरेंट्स से बात करें, रिलेक्स रहें।"

परीक्षा के दौरान माता-पिता की भूमिका के बारे में डॉ. समीर ने कहा, "पैरेंट्स को सकारात्मक रहना चाहिए। बच्चों का साथ दें, पढ़ाई में उनकी मदद करें, रोक-टोक नहीं करनी चाहिए। ध्यान रखें कि बच्चा परेशान न हो। अगर तनाव में है तो तनाव कम करने में मदद करें, आत्मविश्वास दिलाएं।"

CBSE
CBSE EXAMS
CBSE EXAMS 2019
10th class exams
12th class exams

Related Stories

PM मोदी का बनारस दौरा, CBSE के प्रश्नपत्र पर विवाद और अन्य ख़बरें

सीबीएसई ने दसवीं के इंग्लिश पेपर में पूछे भद्दे, स्त्री विरोधी सवाल, विवाद के बाद मांगी माफ़ी

तिरछी नज़र: प्रश्न पूछो, पर ज़रा ढंग से तो पूछो

डीयू के छात्रों का केरल के अंडरग्रेजुएट के ख़िलाफ़ प्रोफ़ेसर की टिप्पणी पर विरोध

सीबीएसई और दिल्ली सरकार की बेरुखी से छात्रों के भविष्य पर सवालिया निशान

सीबीएसई की 10वीं कक्षा के परिणाम घोषित, 99.04 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई को आठ सप्ताह में छात्रों की परीक्षा फीस लौटाने पर विचार करने के लिये कहा

राहत और बेचैनी दोनों साथ लेकर आया है बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव

सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द, 12वीं की परीक्षा स्थगित, कई विपक्षी नेताओं ने उठाई थी मांग

भोपाल के एक मिशनरी स्कूल ने छात्रों के पढ़ने की इच्छा के बावजूद उर्दू को सिलेबस से हटाया


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License