NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यूरोप
अमेरिका
बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव
एनआईटी ऑप-एड में अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों का उदास स्वर, उनकी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के ठीक विपरीत है।
एम. के. भद्रकुमार
02 Jun 2022
Translated by महेश कुमार
Ukraine
1 जून, 2022 को रूसी सामरिक रॉकेट बलों ने इवानोवो क्षेत्र, मास्को के उत्तर-पूर्व में यार्स आईसीबीएम लांचरों के साथ अभ्यास में भाग लिया।

यूक्रेन युद्ध पर, मंगलवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का ऑप-एड एक झांसे के साथ शुरू होता है। जिसमें उनका कहना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोचा था कि रूस का विशेष अभियान केवल कुछ दिनों तक चलेगा। आखिर इस तरह के अनुमान पर बाइडेन कैसे पहुंचे यह स्पष्ट नहीं है। युद्ध पर अमेरिकी कहानी की तरह, यह भी काफी हद तक एक अनुमान ही है।

रूसी जड़ें भीतर तक हैं - और अच्छी तरह से स्थापित हैं – रूसी विश्वास के अनुसार यूक्रेन एक अमेरिकी उपनिवेश बन गया है और कीव में नेता उसकी केवल कठपुतली भर हैं। पुतिन और उनके क्रेमलिन सलाहकारों ने यह अनुमान कैसे लगाया होगा कि विशेष अभियान आसान होगा? रूसी विशेष अभियान के मुख्य उद्देश्य कुछ ये हैं - यूक्रेन की तटस्थ स्थिति की पुष्टि करने वाली एक संधि का होना और डोनबास गणराज्यों को स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता देना और रूस के अभिन्न अंग के रूप में क्रीमिया को मान्यता देना शामिल है – पिछले ऑपरेशन के ज़रिए "पिछले दिनों" रूस यह सब सुरक्षित नहीं करा पाया था। 

मास्को इस बात को बेहतर जानता था कि यूक्रेन में नाटो के विस्तार से, रूस की वैध सुरक्षा चिंताओं को समझने का अमेरिका का बिल्कुल कोई इरादा नहीं था, जिसे औपचारिक रूप से दिसंबर में लिखित रूप में पेश किया गया था।

यही मुख्य कारण है कि रूसियों के पास अपने विशेष अभियान की कोई समयरेखा नहीं है। वे  जल्द से जल्द इस उद्देश्य को पाना पसंद करेंगे लेकिन जानते हैं कि यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्रों - ज़ोपोरोझिया, खेरसॉन, मायकोलाइव - का एकीकरण - जो कि क्रीमिया की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और यूक्रेन के ब्लैक सी पोर्ट्स पर दबदबा जमाना कोई बच्चों का खेल नहीं होने वाला था और इसलिए अभियान/लड़ाई लंबी चल सकती है। 

विशेष अभियान के केवल चौथे महीने में ही, पुतिन दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन, ज़ोपोरोझिया क्षेत्रों में आवेदकों से रूसी नागरिकता की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का आदेश दे सकते थे। 

दक्षिणी यूक्रेन में ज़ापोरोज़े क्षेत्र ने, रूस को मेलिटोपोल में एक सैन्य हवाई क्षेत्र और आज़ोव के सागर के तट पर बर्दियांस्क में एक नौसैनिक अड्डे की पेशकश की है। खेरसॉन क्षेत्र, रूस की शिक्षा प्रणाली में मिलने की योजना बना रहा है। कारें रूसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रही हैं, और रूसी सिम कार्ड इंटरनेट और फोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह कहना काफी होगा कि अब जूता दूसरे पैर में आ गया है।

यह बाइडेन ही थे जिन्होंने सोचा था कि रूस को शतरंज की बिसात के टुकड़े की तरह फेंका जा सकता है, लेकिन देर से ही सही उन्हे जीवन वास्तविकता का पता तो चला। बाइडेन ने रूसी मुद्रा रूबल को मलबे में बदलने और रूसी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की धमकी दी थी। एक पेशेवर राजनेता होने के नाते बाइडेन कभी नहीं समझ पाए कि रूसी लोगों में लचीलापन, धैर्य और साहस या उनकी ऐतिहासिक चेतना और मानस लोगों को पुतिन के पीछे लामबंद कर देगा। 

न्यू यॉर्क टाइम्स ऑप-एड में, बाइडेन ऐसा दिखाते हैं जैसे कि वे पुतिन से व्यक्तिगत तौर पर  वादा कर रहे हैं कि वे "मास्को में पुतिन को सत्ता से उखाड़ने की कोशिश नहीं करेंगे।" फिर भी, पुतिन की रेटिंग उनके देश में लगभग 80 प्रतिशत है, जबकि बाइडेन की रेटिंग आधे से भी कम है – यानि मात्र 36 प्रतिशत!

इसमें बाइडेन प्रशासन की दुर्दशा निहित है। स्पष्ट है कि, अमेरिका यूक्रेन में रूसी इरादों के बारे में अंधेरे में तीर चला रहा है। यह सामने आती वास्तविकताओं से निपटने के लिए अपने विचार में सुधार करता रहता है जो वास्तविकताएँ भयानक आश्चर्य के रूप में सामने आती रहती हैं। 

यह न केवल सैन्य मामले के बारे में है बल्कि रूस के राजनीतिक रोडमैप के बारे में भी है। वाशिंगटन की नीति में एकमात्र स्थिरता यूक्रेन को "उन्नत" हथियार प्रदान करने के बारे में है - लेकिन फिर, यह या तो विदेशों में युद्धों को बढ़ावा देकर अपने सैन्य-औद्योगिक व्यापार के लिए आकर्षक व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के बारे में है, या नाटो सहयोगियों के नुकसान को पूरा करने के लिए है ताकि वे सोवियत-युग के अपने बेमानी हथियारों के भंडार को यूक्रेन को सौंप सके। 

फिर भी, बाइडेन ने अपने ऑप-एड में घोषणा की है कि वे "वे डटे रहेंगे" और यूक्रेन को भारी सहायता "आने वाले महीनों में" भी जारी रहेगी। इसका मतलब, बाइडेन ऑप-एड में एक बारीक प्रस्तुति पेश करते हैं, जहां वे, सामान्य जिरह की पुनरावृत्ति के अलावा - "एक लोकतांत्रिक, स्वतंत्र, संप्रभु और समृद्ध यूक्रेन" के बारे में; संबद्ध एकता; अकारण रूसी आक्रमण; "नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था", आदि पर - एक नए चरण के बड़े युद्ध के रूप में मास्को को कुछ इशारा या संदेश भी भेज रहे हैं। 

शुरुआत के लिए ही सही, वे अब रूसियों को साइबेरिया में भजने के लिए कोई झूठे वादे नहीं करते हैं। बाइडेन विजेता या हारने वालों के बारे में अब कोई भविष्यवाणी नहीं करते हैं। इसके विपरीत, वे यह स्वीकार करते हैं कि इस युद्ध का केवल एक कूटनीतिक समाधान हो सकता है। वह विनम्रता से संकेत देते हैं, कि इतने बड़े पैमाने पर अमेरिकी सैन्य सहायता कीव को "बातचीत की मेज पर सबसे मजबूत स्थिति में" डाल सकती है। ये काफी ध्यान से तैयार किए गए शब्द हैं।

अन्यत्र, बाइडेन का अनुमान है कि वार्ता शुरू होने से पहले रूसी ऑपरेशन का लक्ष्य जितना हो सके, "यूक्रेन पर नियंत्रण" का है। इसमें यहां यह अहसास निहित है कि रूसियों ने युद्ध का रुख मोड़ दिया है और भाग्य के उलटने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

यह इस तरह के तर्कसंगत दृष्टिकोण के कारण ही है कि बाइडेन की रूस (या व्यक्तिगत रूप से पुतिन) के प्रति निंदनीय और जुझारू बयानबाजी की अस्वाभाविक आनाकानी को समझने की जरूरत है। जो साफ तौर इस बात की पुष्टि करते हैं: "जब तक संयुक्त राज्य अमेरिका या हमारे सहयोगियों पर हमला नहीं किया जाता है, हम सीधे इस युद्ध/संघर्ष में शामिल नहीं होंगे, न तो यूक्रेन में लड़ने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजेंगे और न ही रूसी सेना पर हमला करेंगे। हम यूक्रेन को उसकी सीमाओं के बाहर हमला करने के लिए न तो प्रोत्साहित कर रहे हैं और न ही उन्हे सक्षम बना रहे हैं। हम केवल रूस को दर्द देने पहुंचाने के लिए युद्ध को लंबा नहीं करना चाहते हैं।"

बेशक, वाशिंगटन प्रतिबंधों के संबंध में सहयोगियों के साथ "सहयोग करना" जारी रखेगा - "एक प्रमुख अर्थव्यवस्था पर अब तक का सबसे कठिन प्रतिबंध" - लेकिन बाइडेन इसकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन नहीं करेंगे। वे "खुद के सहयोगियों और भागीदारों के साथ वैश्विक खाद्य संकट को दूर करने के लिए काम करने का वादा करते हैं कि रूस की आक्रामकता बिगड़ रही है," लेकिन अब यह आरोप नहीं लगाएंगे कि विश्व खाद्य कमी या उत्पन्न संकट रूस की देन है। वह यूरोपीय सहयोगियों और अन्य लोगों को "रूसी जीवाश्म ईंधन पर उनकी निर्भरता को कम करने" में मदद करेगा, लेकिन इसे "स्वच्छ ऊर्जा भविष्य के संक्रमण को गति" से भी जोड़ता है। इसलिए इसमें कटुता का कोई पुट नहीं है।

सुरक्षा मुद्दों के संबंध में, बाइडेन ने कहा कि "नाटो को पूर्वी हिस्से में मज़बूती देना और क्षमताओं को मजबूत करना" जारी रहेगा, और इसके प्रति अमेरिकी नीति को दोहराया है और नाटो में शामिल होने के लिए फिनलैंड और स्वीडन के आवेदनों का स्वागत किया है - "एक ऐसा कदम जो दो लोकतांत्रिक देशों को मिलाकर समग्र यू.एस. और ट्रांस-अटलांटिक सुरक्षा को मजबूत करेगा जो उन्हे और अत्यधिक सक्षम सैन्य साझेदार बनाएगा" - लेकिन वे इनमें से किसी को भी सीधे रूसी आक्रमण से जोड़ने से परहेज करते हैं। 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाइडेन सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स के नाटकीय पूर्वानुमान के कारण पीछे हट गए हैं, कि सैन्य दबाव में, पुतिन यूक्रेन में सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं।

बाइडेन का उदास स्वर उनकी अपनी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के विपरीत है। "बड़े मर्दाना सख्त आदमी" की छवि का यह परित्याग बताता है कि अमेरिकी आधिकारिक कथा में कुछ हद तक यथार्थवाद दिखाई दे रहा है। लेकिन, दूसरी ओर, बाइडेन ने अपने ऑप-एड में यह भी खुलासा किया है कि अमेरिका यूक्रेनियन को "अधिक उन्नत रॉकेट सिस्टम और युद्ध सामग्री प्रदान करेगा जो उन्हें यूक्रेन में युद्ध के मैदान पर अधिक सटीक रूप से महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर प्रहार करने में सक्षम बनाएगा।"

इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सब मास्को को एक उपयुक्त संकेत देता है। लेकिन क्रेमलिन में अटलांटिकवादी झुकाव को पुनर्जीवित करना आसान नहीं है। पिछले 25 सालों में नाटो के विस्तार की क्रूर नीतिगत टालमटोल की वजह से रूस को जान और माल का खासा नुकसान उठाना पड़ा है। यह मूर्खता है या भोलापन – हर किसी के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है - उसे दोहराया जाना नहीं चाहिए।

फिर से, इस बिंदु पर विशेष अभियान की गति को रोकना अत्यधिक जोखिम भरा होगा। मार्च में कीव के बाहरी इलाके में "स्टॉप-एंड-गो" दृष्टिकोण के कारण ऑपरेशन ने लगभग गति खो दी थी।

मूल रूप से, यूक्रेन संकट के साथ या उसके बिना, रूस को स्थायी रूप से कमजोर करने के उद्देश्य से, पश्चिमी प्रतिबंधों की कुछ अनिवार्यता रही है। कम्पास अब सेट हो गया है। इसलिए, बाइडेन के ऑप-एड में जानबूझकर बरते गए संयम से अब कोई फर्क नहीं पड़ता है, न ही कुछ बड़ी तस्वीर की कामना की जा सकती है।

दरअसल, बाइडेन के ऑप-एड छ्पने के एक दिन बाद, रूसी सामरिक रॉकेट बलों ने मॉस्को के उत्तर-पूर्व में इवानोवो क्षेत्र में अभ्यास किया है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कुछ 1,000 सैनिकों ने सौ से अधिक वाहनों का इस्तेमाल  करके अभ्यास में भाग लिया, जिसमें यार्स इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर भी शामिल हैं, जो एमआईआरवी-सक्षम (एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित रीएंट्री वाहन) थर्मोन्यूक्लियर आरएस -24 यार्स को लॉन्च करने की क्षमता रखते हैं और जो 12,000 किमी की मारक क्षमता वाली इंटरकॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल है जो 10 वारहेड तक ले जा सकती है और 24,500 किमी प्रति घंटे की गति से क्रूज कर सकती है।

इस लेख को मूल अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें:

Biden Tweaks Ukraine Narrative

ukraine
Joe Biden
United States
Ukraine’s Black Sea Ports
NATO
Russian defence ministry

Related Stories

पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

गुटनिरपेक्षता आर्थिक रूप से कम विकसित देशों की एक फ़ौरी ज़रूरत


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License