NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
अपराध
उत्पीड़न
भारत
बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग
जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।
महेश कुमार
11 May 2022
Buldozer

बागपत: बीती 7 मई को बागपत जिले के भड़ल गाँव में दलितों के पुश्तैनी कार्य चर्म शोधन की इकाइयों को बागपत प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के धराशायी कर दिया था। जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।

उपरोक्त घटना का संज्ञान लेते हुए शोषित क्रांति दल ने प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है और न्याय की गुहार लगाई है। शोषित क्रांति दल के अध्यक्ष रवीकान्त ने उक्त मुद्दे पर बागपत में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने तफ़्सील से बताया कि “पिछले वर्षों में प्रदेश में दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि भड़ल गाँव के दलित सैकड़ों वर्षों से अपना पुश्तैनी चर्म शोधन का काम कर रहे थे जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से जमीन खरीद कर इकाइयों का निर्माण किया था, और हाल ही तक चर्म शोधन का कार्य कर अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रहे थे।

शोषित क्रान्ति दल का मानना है कि प्रशासन की कार्रवाई में करीब 100 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं और विरोध करने पर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम;सुमिता उर्फ छोटी, अनीता, कविता उर्फ प्रिया, रविन्द्र,प्रवेन्द्र, विनोद और मुन्ना हैं। प्राथमिकी भी उक्त लोगों के खिलाफ दर्ज़ की गई है। पुलिस द्वारा किए लाठी-चार्ज में करीब 22 लोगों के घायल होने की खबर भी है। गिरफ्तार किए गए सात लोग जिनमें नाबालिग बच्चे भी थे, को न्यायालय ने सोमवार शाम को जमानत पर रिहा कर दिया। 

 ज्ञात रहे कि सन 2018 में एनजीटी ने कोई एक पक्षीय आदेश दिया था कि चर्म शोधन का कार्य बंद किया जाए, जिस पर दलितों का कहना था कि वे गांव में काम बंद करने को तैयार हैं बशर्ते, उनके लिए कहीं और जरूरी सुविधाओं के साथ इकाइयां बना कर दी जाएं, जिसके लिए उन्होंने शोषित क्रांति दल के नेतृत्व में कई बार आंदोलन किये और जिला प्रशासन को ज्ञापन दिए हैं।  परंतु प्रशासन ने दलितों की कोई सुनवाई नहीं की और लगातार उन पर काम बंद करने का अनेकों प्रकार से दबाव बनाता रहे।

नातीजतन, दलित समुदाय की मांगों को दरकिनार करते हुए 7 मई को बागपत प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के समस्त चर्म शोधन इकाइयों को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया, विरोध करने पर पुलिस ने दलित बच्चों महिलाओं पुरुषों पर जमकर लाठीचार्ज किया और कई लोगों को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया।

 कहा जा रहा है कि ये दलितों के खून पसीने की कमाई से बनाई हुई निजी संपत्ति थी। जिसे गिराने का अधिकार किसी के पास नहीं है। रविकान्त ने न्यूज़क्लिक को बताया कि “बुलडोज़र चलाए जाने की सूचना मिलने पर शोषित क्रांति दल ने जिला अधिकारी राज कमल यादव को कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने या तो फोन नहीं उठाया या फिर फोन उठाने वाले ने जरूरी मीटिंग का हवाला देते हुए बात कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने मेरठ के मंडल आयुक्त सुरेंद्र सिंह को फोन कर पूरे प्रकरण से अवगत कराया। बावजूद इसके देर शाम तक बुलडोजर दलितों की इकाइयों पर चलता रहा और प्रशासन की तरफ से इसे रोकने की कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

दिसंबर 2021 में सरकार ने संसद को बताया था कि 2018 और 2020 के बीच विभिन्न राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराध के तहत लगभग 139,045 मामले दर्ज किए गए हैं,जिसमें पिछले साल अकेले 50,291 ऐसे अपराध दर्ज किए गए थे।

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने उक्त तीन वर्षों में अनुसूचित जातियों (एससी) के खिलाफ अपराध के अधिकतम 36,467 मामले दर्ज किए हैं। जो अपने आप में इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ़ उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हुई है। (सौजन्य: इक्नोमिक्स टाइम्स ऑफ इंडिया 01 दिसंबर 2001)

रविकांत ने आगे बताया कि,“गांव में पुलिस का पहरा है और लोग डरे हुए हैं और कुछ तो गांव छोड़कर चले गए हैं। इस घटना से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दलितों के यहां प्रवास पर थे और उनके साथ खुद की तस्वीरें जनता के साथ शेयर कर रहे थे, लेकिन धरातल पर उन का ही बागपत प्रशासन दलितों पर जमकर दमन कर रहा था। अधिकारियों पर सामंतवादी सोच इस कदर हावी थी कि उन्होंने जोश-जोश में कई लोगों के घर भी गिरा दिए, जिसका घर गिराया गया है उसे परिवार सहित जेल भेज दिया है, जो कि घोर निंदनीय है, इसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है।”

शोषित क्रांति दल ने मांग की है कि “बिना किसी आदेश के और पूर्व सूचना के बुलडोजर चलाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाई,दलितों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और दलितों की तोड़ी गई निजी संपत्ति का उचित मुआवजा दिया जाए तथा जेल में बंद सभी लोगों को बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए और मुकदमे वापसी लिए जाएं।”

साथ ही चर्म शोधन से जुड़े सभी लोगों को वैकल्पिक इकाइयों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए,वित्तीय सहता प्रदान की जाए और आर्थिक मुआवजा दिया जाए।

शोषित क्रांति दल ने चेतावनी दी है कि यदि 3 दिनों के भीतर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो संगठन बड़े स्तर का आंदोलन छेड़ने को मजबूर होगा।

law on buldozer
Dalits

Related Stories

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मेरे लेखन का उद्देश्य मूलरूप से दलित और स्त्री विमर्श है: सुशीला टाकभौरे

गुजरात: मेहसाणा कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवानी और 11 अन्य लोगों को 2017 में ग़ैर-क़ानूनी सभा करने का दोषी ठहराया

मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
    19 May 2022
    पीआरटीसी के संविदा कर्मचारी अप्रैल का बकाया वेतन जारी करने और नियमित नौकरी की मांग को लेकर लुधियाना में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप
    19 May 2022
    नए पाठ्यक्रम में कई लेखकों के पाठ को सिलेबस से हटा दिया गया है तो वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को शामिल किया गया है, जो कर्नाटक में विवाद का नया केंद्र बन गया…
  • sikligar samaj
    न्यूज़क्लिक टीम
    कभी सिख गुरुओं के लिए औज़ार बनाने वाला सिकलीगर समाज आज अपराधियों का जीवन जीने को मजबूर है
    19 May 2022
    मध्य प्रदेश के दक्षिण में महाराष्ट्र से सटे 6 जिले बड़वानी, खरगोन, धार, बुरहानपुर, खंडवा और इंदौर में सिखों की उपजाति "सिकलीगर" समुदाय के 40 हज़ार से ज़्यादा लोग रहते हैं।  इस समुदाय के लोगों को ताले…
  • श्रीधर राममूर्ति
    कोयले की कमी? भारत के पास मौजूद हैं 300 अरब टन के अनुमानित भंडार
    19 May 2022
    भारत को कोयला खदानों के लिए गहन योजना बनाने और प्रभावी प्रबंधन की ज़रूरत है।
  • बी. सिवरामन
    मज़दूर वर्ग को सनस्ट्रोक से बचाएं
    19 May 2022
    सरकारों और श्रम विभागों को नियम बनाना चाहिए कि जहां बाहर काम किया जाता है, वहां एक अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लिनिक की व्यवस्था अवश्य हो जहां सनस्ट्रोक वाले कुछ रोगियों को आपातकालीन उपचार प्रदान किया…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License