भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि मंगलवार को ‘चंद्रयान-2’ को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करते समय ‘‘हमारे दिल की धड़कनें लगभग थम सी गई थीं।’’
सिवन ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने जब ‘चंद्रयान-2’ को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की तब ‘‘हमारी धड़कनें तेज हो गई थीं।’’
इसरो ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ‘चंद्रयान-2’ को चंद्रमा की कक्षा में मंगलवार को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ करीब 30 मिनट तक ‘‘हमारे दिल की धड़कनें लगभग थम सी गई थीं।’’
‘चंद्रयान-2’ को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने के लिए ‘लूनर ऑर्बिट इन्सर्शन’ (एलओआई) प्रक्रिया सुबह नौ बजकर दो मिनट पर सफलतापूर्वक पूरी हुई। प्रणोदन प्रणाली के जरिए इसे संपन्न किया गया।
सिवन ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की प्रक्रिया के दौरान स्थिति काफी अलग और तनाव भरी होगी क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ अभी तनाव बढ़ा है, कम नहीं हुआ है।’’