पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के राज्यसभा के मनोनयन पर कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने भी कभी कहा था कि रिटायरमेंट के बाद जजों द्वारा कोई पद लेना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के विचार पर बदनुमा दाग़ है।
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि वह उच्च सदन की सदस्यता के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद राज्यसभा में मनोनयन स्वीकार करने के बारे में विस्तार से बोलेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि उन्होंने कभी कहा था कि रिटायरमेंट के बाद जजों द्वारा कोई पद लेना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के विचार पर बदनुमा दाग़ है। यह बात उन्होंने 2018 में एक मामले की सुनवाई के दौरान पांच जजों की पीठ के मुखिया के तौर पर कही थी। कांग्रेस नेताओं ने भी इसे लेकर गोगोई पर तंज कसा है और सवाल उठाए हैं।