आज 5 अगस्त है। पिछले साल आज ही के दिन केंद्र की मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था और जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म कर उसे दो केंद्र-शासित क्षेत्रों— जम्मू-कश्मीर व लद्दाख— में बांट दिया। इसे एक तरह का लॉकडाउन ही कहा जाएगा। बेहद सख़्त लॉकडाउन, जो लगभग कर्फ़्यू ही है।
वरिष्ठ लेखक विजय प्रसाद अपने लेख में कहते हैं कि- मोहम्मद युसुफ तारिगामी ने चार अगस्त को मुझसे कहा, 'जम्मू कश्मीर के लोग अब भी सदमे में हैं।' 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लोग धोखे का दिन बताते हैं।
तारिगामी, जम्मू और कश्मीर में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के नेता हैं। जब विधानसभा का विघटन नहीं किया गया था, उसके पहले वे विधानसभा के एक चुने हुए सदस्य थे। तारिगामी कहते हैं कि "हम किसी तरह अपने आप को थामे हुए हैं। लोग हर तरफ से परेशानी में हैं। राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। सरकार चिथड़ों में बंटी हुई है और सुरक्षा स्थितियां बदतर हुई जा रही हैं।"
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