NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
चुनाव 2019 : आम इतरा रहा है और मुद्दा मुंह सुजाये खड़ा है!
जैसे-जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ा मुद्दा लगातार डिप्रेशन का शिकार होता गया। और अराजनैतिक इंटरव्यू के दिन तो मुद्दे ने आत्महत्या तक करने की कोशिश की।
राज कुमार
05 May 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy : clipart.email

मुद्दे का आत्मालाप : एक व्यंग्य आलेख

समय चुनाव का है। प्रचार इतना चरम पर है कि शर्म के दायरे से निकलकर बेहूदगी की सीमाएं भी पार कर गया है। लेकिन, इंटरव्यू अराजनैतिक हो रहे हैं। एवैं कुछ भी ऐसा-वैसा मतलब टिक-टॉक जैसा नहीं। बल्कि, देश के प्रधानमंत्री का अराजनैतिक इंटरव्यू। वो भी चुनाव के समय। इस तरह के करिश्मे तभी संभव हो पाते हैं जब झूठ और कुटिलता का स्वर्ण युग चल रहा हो। तो अंततः भारतवर्ष कपट युग में प्रवेश करता है।

इस बार के इलेक्शन में आम इतरा रहा है और मुद्दा मुंह सुजाये खड़ा है। मुद्दे को जब बहस और चर्चाओं से निकाला गया तो वो दुखी हुआ लेकिन निराश नहीं हुआ। उसके बाद संसद से निकाला गया। मुद्दा मंद-मंद मुस्कुराकर देखता रहा क्योंकि उसे पता था कि एक वक्त ऐसा आएगा जब सबको मेरी शरण में आना ही पड़ेगा। और वो दिन भी आखिर आ ही गया। 11 मार्च सन् 2019, जब चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा की। उस दिन मुद्दे की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। उसने कहा अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे। अब क्या करोगे बच्चू। लेकिन मुद्दा भूल गया था कि उसका मुकाबला छल-कपट में माहिर शातिर खिलाड़ियों से हैं। तो जैसे-जैसे प्रचार आगे बढ़ा मुद्दा लगातार डिप्रेशन का शिकार होता गया। और अराजनैतिक इंटरव्यू के दिन तो मुद्दे ने आत्महत्या तक करने की कोशिश की।

मुद्दे के दिमाग में रह-रह कर ये ख्याल आता कि मैं, जिसके दम पर राष्ट्र और राजनीति का भूत वर्तमान और भविष्य टिका होता था। क्या आज मेरी औकात आम से भी गई-गुजरी हो गई। खैर खाने में यूं तो आम मुझे भी बहुत पसंद है। मैं आम का मुरीद रहा हूं। लेकिन...

पुरानी यादें ताजा करते हुए मुद्दे ने कहा, हालंकि बीजेपी के साथ हमेशा से मेरा 36 का आंकड़ा रहा है। मुझे याद है जब 21 अक्तुबर 1997 को बीजेपी के विधायक ने उत्तर प्रदेश की संसद में बेंच पर चढ़कर विपक्षियों पर माइक फेंक कर मारा था। उस वक्त भी मुझे लगा था कि अच्छा होता अगर उनकी तरफ कोई मुद्दा उछालते। लेकिन इस पहलवान ने वो माइक ही उखाड़ दिया जिससे मुझमें अनूगूंज पैदा होती थी।

बात सिर्फ यहीं तक होती तो भी देखा जाता। यहां तो मुद्दे की जबरदस्त फज़ीहत हो रही थी। बड़े से बड़े नेता, विद्वान जिस मुद्दे का संदर्भ दिया करते थे। पूरी बहस मोड़ दिया करते थे। दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया करते थे। आज उसे लोग जुमला कहकर पुकार रहे हैं। मुद्दे को चक्कर आने लगे, दिमाग में सन्नाटा छा गया। उसने किसी तरह खुद को संभाला। गहरी सांस लेते हुए खुद से कहा कि असल में मैं कभी बीजेपी का था ही नहीं। उसने पास ही प्लेट में रखा चौसा आम उठाया और किसी तरह दिमाग को शांत और आत्मा को तृप्त किया।

Satire
Political satire
modi akshay interview satire
aam
mango
2019 आम चुनाव
General elections2019
2019 Lok Sabha elections
Narendra modi

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..

ख़बरों के आगे-पीछे: राष्ट्रीय पार्टी के दर्ज़े के पास पहुँची आप पार्टी से लेकर मोदी की ‘भगवा टोपी’ तक

कश्मीर फाइल्स: आपके आंसू सेलेक्टिव हैं संघी महाराज, कभी बहते हैं, और अक्सर नहीं बहते

ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस से लेकर पंजाब के नए राजनीतिक युग तक

उत्तर प्रदेशः हम क्यों नहीं देख पा रहे हैं जनमत के अपहरण को!


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License