NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्रों और अध्यापकों ने "रोहित एक्ट" लागू करने की माँग की
"रोहित एक्ट" विश्वविद्यालयों में पिछड़े तबकों से आने वाले छात्रों के हितों की रक्षा के लिए कारगार हो सकता है I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Jan 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
rohit vemula

सरकार से “रोहित एक्ट” लागू करने और पिछड़े वर्गों से आने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप देने की माँग करते हुए देश भर के सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद रोहित वेमुला को याद करने के लिए इकठ्ठा हुए I मौजूदा घोर जातिवादी तंत्र ने ही हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित शोधार्थी रोहित वेमुला को 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया था I

रोहित की इस आत्महत्या या कहें संस्थागत हत्या ने देश भर के शिक्षा संस्थानों में जातिगत भेदभाव को उजागार किया था I रोहित की मौत के बाद पैदा हुए छात्र विरोध ने ये खुलासा किया कि किस तरह उच्च शिक्षा संस्थान में भेदभाव और शोषण कितना भयावह रूप ले चूका है जबकि इनका मकसद चेतना का विस्तार करना होना चाहिए  I

बुधवार, 17 जनवरी को रोहित वेमुला की दूसरी पुण्यतिथि पर छात्रों ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में मूक रैली  निकाली I इस रैली का नेतृत्व रोहित की माँ राधिका वेमुला, अम्बेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडकर और सामाजिक कार्यकर्ता कांचा इलैया ने किया I

दिल्ली विश्वविद्यालय में जनवादी छात्र और शिक्षक संगठनों जैसे SFI, AISA, DTF, CTF ने सामाजिक न्याय को बचने  के लिए जन-सभाएँ आयोजित कीं I

रोहित वेमुला के बारे में बोलते हुए दयाल सिंह कॉलेज के अध्यापक एन. सचिन ने कहा “जब हम रोहित वेमुला की विरासत का जश्न मानते हैं तो उस आत्मविश्वास, उम्मीद और जज़्बे को सलाम करते हैं जिसकी ज़रुरत उन सबको है जो कि राजनीतिक संघर्षों से जुड़े हुए हैंI”

 “रोहित एक्ट” की माँग करते हुए हिन्दू कॉलेज के अध्यापक रतन लाल ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों में लोकतान्त्रिक संवाद करने की जगह कम होती जा रही है I जिन विश्वविद्यालयों में विभिन्न विचारधाराओं की बात होनी चाहिए वो अब व्यावसायिक जगहें बनती जा रही हैं I

काफी समय से छात्रों की “रोहित एक्ट” लागू किये जाने की माँग एक बार फिर से गूंजी I रोहित एक्ट जो कि विश्वविद्यालयों में पिछड़े तबकों से आने वाले छात्रों के हितों की रक्षा के लिए कारगार हो सकता है, छात्रों की एक मुख्य माँग रही है I पर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस पर अभी तक ध्यान नहीं दिया I

social justice
Rohith Vemula
HCU
Delhi University
Rohit Act
caste oppression

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

राष्ट्रीय युवा नीति या युवाओं से धोखा: मसौदे में एक भी जगह बेरोज़गारी का ज़िक्र नहीं

सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी

भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार

मंडल राजनीति को मृत घोषित करने से पहले, सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान अंबेडकर की तस्वीरों को याद करें 


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License