NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोविड-19 : महामारी के दौर में भी सफ़ाईकर्मियों के साथ होता भेदभाव
जब प्रधानमंत्री जी ने कोरोना संकट में हमारी सेवा में लगे लोगों के सम्मान में ताली और थाली बजवाई थी तब भी लोगों ने डॉक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियो, मीडियाकर्मियो का तो ज़िक्र किया लेकिन सफ़ाई कर्मचारी  का नाम उनकी ज़ुबान पर नहीं आया।
राज वाल्मीकि
04 Apr 2020
कोविड-19
Image courtesy: Outlook India

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से घर की बालकनी में 9 मिनट के लिए दीये जलाने को कहा। निराशा के अंधेरे से प्रकाश में आने को कहा पर उनका क्या जिनकी मूलभूत आवश्यकता पेट भरने की ही पूरी न हो पा रही हो। इसमें दिहाड़ी मज़दूर तो हैं ही, लेकिन अपनी जान जोखिम में डालकर हमें बीमारियों से बचाने वाले सफ़ाई कर्मचारी भी हैं।  

इसमें तो कोई दो राय नहीं कि देश कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौर से गुज़र रहा है। इसमें डॉक्टर, नर्स और सफ़ाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डाल कर हमारी सेवा कर रहे हैं। निस्संदेह उनका ये कार्य सराहनीय है। पर जहाँ सरकार डॉक्टरों और नर्सों के लिए पीपीई या कोरोना सुरक्षा ड्रेस प्रदान कर रही है वहीं सफ़ाई कर्मचारियों के प्रति उपेक्षा दिखा रही है। ग़ौरतलब है कि जब प्रधानमंत्री जी ने कोरोना संकट में हमारी सेवा में लगे लोगों के सम्मान में ताली और थाली बजवाई थी तब भी लोगों ने डॉक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियो, मीडियाकर्मियो का तो ज़िक्र किया लेकिन सफ़ाई कर्मचारी  का नाम उनकी ज़ुबान पर नहीं आया। जबकि सफ़ाई कर्मचारियों द्वारा संक्रमित कूड़े को अपने हाथों से साफ़ किया जाता है। उन्हें सेनीटाईज़र, दस्ताने, साबुन और मास्क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। वे अपनी जान जोखिम में डाल कर सफ़ाई करने को विवश हैं। वे लोगों का कूड़ा उठा रहे हैं, झाड़ू लगा रहे हैं, उन्हें बीमारी से बचा रहे हैं।

"हमें कोरोना से नहीं भूख से डर लगता है साहब"

इस संदर्भ में जब सफ़ाई कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया, "हमारा वेतन हमारे खाते में नहीं डाला गया है। फिर भी हम बिलानागा सफ़ाई कर रहे हैं। शहर को स्वच्छ रख रहे हैं। हमारे भी बीवी-बच्चे हैं साहब। हम उनके पेट कैसे भरें – जब हमारे पास पैसा नहीं है। हमें कोरोना से डर नहीं लगता, भूख से डर लगता है। सरकार हमारे बारे में क्यों नहीं सोचती?"

हाल ही में एक सफ़ाई कर्मचारी की सेनेटाईज़ करने के दौरान मृत्यु हो गई। उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जनपद के हथगांव के 32 वर्षीय निवासी संदीप कुमार की कोरोना वायरस से बचाव के लिए सेनेटाईज़ की दवाई का छिड़काव करते हुए 23 मार्च को मौत हो गई। सोमवार को ड्यूटी के दौरान अचानक हालात बिगड़ जाने के बाद ग्रामीणों और ईओ मनीष कुमार ने आनन फानन में संदीप को अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने हालात को गंभीर देखते हुए संदीप को ज़िला अस्पताल रेफर कर दिया जहां उसकी मौत हो गई। संदीप पंचायत सिराथू में संविदा कर्मचारी थे।

घटना पर भारतीय स्वच्छकार समाज मुक्ति मिशन के प्रदेश अध्यक्ष राजतिलक ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था, 

"संदीप अपने परिवार के भरण-पोषण करने के लिए कौशाम्बी के सिराथू नगर पंचायत में ठेकेदारी में सफ़ाईकर्मी था। कल 23 मार्च को उसकी मौत हो गई। दवाई का छिड़काव करने के दौरान दवा की गैस संदीप के सांस और नाक के ज़रिये उसके शरीर में घुस गई। जिसके बाद संदीप बेहोश हो गया। तभी साथ के लोग उसे उठाकर अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।  राजतिलक आगे कहते है सरकार की तरफ़ से संदीप के परिवार को अभी किसी तरह की मदद की पेशकश नहीं की गई है। अगर वह सैनिक होता और शहीद होता तो करोड़ो रुपए की सहायता राशि के साथ उसके आश्रित को नौकरी मिलती और राजकीय सम्मान से उसका अंतिम संस्कार किया जाता लेकिन संदीप के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि वो भंगी था। दो-चार सिपाहियों ने ज़रूर उनकी चिता के समय सैलूट किया था।"

इतना ही नहीं सफ़ाई कर्मचारियों की मौत कई बार ख़बर भी नहीं बनती। हाल ही में मुंबई के धारावी में एक व्यापारी की कोरोना से  मौत हुई तो उसकी न्यूज़ बन गई वहीं एक 45 वर्षीय सफ़ाई कर्मचारी की भी कोरोना संक्रमण में मौत हुई पर कोई ख़बर नहीं बनी।

सरकार से एक अपील

मैनुअल स्केवेंजर्स अधिकार कार्यकर्ता विनेश सनवाल सरकार से अपील करते हुए कहते हैं :

देश मे कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ अपनी जान पर खेलकर सफ़ाई कार्य कर रहे, वाल्मीकि सफ़ाई कर्मचारियों चाहे स्थायी/अस्थायी/प्राईवेट हों, उनके लिए सरकार सैनेटाईज़र व अन्य विसंक्रामक सुरक्षित दवा  लोशन व सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाये।

सभी स्थायी/अस्थायी/ठेका सफ़ाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए उनका सरकार 50-50 लाख का बीमा  करवाए।

इस दौरान किसी भी कर्मचारी की कार्य करते हुऐ जान जाने पर उसके आश्रित परिवार को सरकारी स्थायी नौकरी व 50 लाख मुआवज़ा दिया जाए।

अविलंब सभी स्थायी/अस्थायी/ठेका/प्राईवेट सफ़ाई कर्मचारियों को अपने परिवार के भरण पोषण के लिए आटा, चावल, दाल गैस सिलेंडर पर्याप्त मात्र  मे निशुल्क उपलब्ध करवाया जाए।

हमारे दलित वाल्मीकि सफ़ाई कर्मचारी देश के लिए सैनिकों की तरह ही अपनी सेवा दे कर देश को कोरोना व अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने मे लगे हैं उनकी मृत्यु पर उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए।

नरेंद्र मोदी की सरकार कोरोना महामारी के दौरान घरों में रहने वाली जनता के बारे में संदेश लगातार पहुँचा रही है, लेकिन सड़कों पर कोरोना से लड़ाई लड़ रहे सफ़ाई कर्मचारियों का यही सवाल है, कि क्या सरकार उनकी अपील पर अविलम्ब ध्यान देगी?

राज वाल्मीकि सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन से जुड़े हैं। व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं।

COVID-19
Coronavirus
Corona Crisis
Sweeper
Discrimination with Sweeper
Manual Scavengers
Narendra modi
India Lockdown

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License