NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
राजनीति
COVID-19 : डब्ल्यूएचओ और चीन के संयुक्त मिशन ने माना कि महामारी से निपटने के लिए चीन की नीतियाँ अभूतपूर्व हैं
इस मिशन का मानना है कि दुनिया में अन्य प्रभावित देशों को भी इसी तरह अपनी तैयारियों के स्तर को बढ़ाने में लग जाना चाहिए। इस महामारी से कैसे निपटा जाए, इसके लिए हमें चीन के उदाहरण से सीखना चाहिए।
संदीपन तालुकदार
28 Feb 2020
WHO joins china
चित्र सौजन्य: सिन्हुआ.नेट

एक ऐसे समय में जब बड़ी तेजी से कई नए देशों में नवीनतम कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है और दुनियाभर के लोग दहशत में हैं, ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और चीन के संयुक्त मिशन की ओर से पेश की गई समीक्षा एक नई आशा के किरण की तरह है। संयुक्त मिशन ने चीन की अपनी नौ दिवसीय यात्रा के समापन पर 24 फरवरी को बीजिंग में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया के समक्ष अपनी समीक्षा पेश की। 

25 सदस्यीय इस दल का नेतृत्व कर रहे डॉ. ब्रूस आयलवर्ड ने बताया है कि इस वायरस से लड़ने के लिए जिस दवा या वैक्सीन की जरूरत थी, उसकी अनुपलब्धता के बावजूद चीन ने जिस प्रकार से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मानक स्वास्थ्य साधनों का सहारा लिया है, जैसे कि केस खोजने और संपर्क करने में जिस प्रकार की दृढ़ता और का तरीका कठोरता और नवीनतम तौर-तरीकों को अपनाया है और उसे “जिस व्यापक स्तर पर लागू किया, उसे आजतक इतिहास में नहीं देखा गया है।"

हुबेई प्रांत और विशेषकर इसके शहर वुहान, जो इस बीमारी के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा था। लेकिन दूसरे प्रांतों में इस प्रकोप के फैलने के दौरान यह रोग विभिन्न मार्गों से होकर वहाँ पहुँचा। चीन की केन्द्रीय सरकार ने जहाँ पूरे देश के लिए नियम निर्धारित कर दिए थे, वहीँ प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के पास इस स्थिति से निपटने के लिए ज़रूरी लचीलेपन की स्वतंत्रता भी उपलब्ध थी।

संयुक्त-मिशन टीम ने उन तौर-तरीकों का भी अवलोकन किया, जिनको अपनाकर चीन इस प्रकोप से निपट सका।  इसमें सरकारी मशीनरी को बिलकुल नए उद्देश्य के लिए तैयार करना, भारी भरकम डाटा उपकरण और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना शामिल था। उदाहरण के लिए इसका इस्तेमाल भारी संख्या में उपलब्ध डाटा के जंजाल के बीच संपर्क साधने के रूप में इस्तेमाल किये जाने में पाया गया। 

इसके साथ ही डॉक्टर आयलवर्ड ने यह भी बताया है कि चीनी प्रतिक्रिया बेहद चुस्त-दुरुस्त और वैज्ञानिक थी। पता चला है कि इस दौरान जब रिपोर्ट के संकलन का काम किया जा रहा था, तब तक चीनी सरकार ने रोग के बारे में अपने मार्गदर्शन को छह बार अपडेट कर लिया था, क्योंकि इस बीच वायरस और बीमारी के बारे में नई-नई खोजें सामने आ रही थीं।

डॉ. आयलवर्ड के अनुसार कड़े उपायों को अपनाया गया, जैसे कि शहरों से आवाजाही को पूरी तरह से सील कर देना, और लोगों को अपने घरों में रहने के आदेश जैसे उपायों के ज़रिये इस विभीषिका की दिशा को मोड़ने में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि जैसी की उम्मीद थी, उससे कहीं जल्दी इसमें कमी आ रही है।

इस गिरावट के आकलन के लिए टीम के सदस्यों की ओर से कई तरीके अपनाए गए थे।  जैसे कि वुहान में इस विभीषिका से लड़ रहे डॉक्टरों से उनके विचार जानने का प्रयास किये गए, और उनसे जो जानकारी मिली है उसमें पता चला है कि बुखार क्लीनिकों में जाँच के लिए प्रतीक्षा लाइनों में लगने के समय को शून्य करा दिया गया था, और अस्पतालों में भर्ती होते ही बिस्तर की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया है। चीनी शोधकर्ताओं ने दवा उपचार परीक्षणों में रोगियों के अपेक्षित नामांकन की तुलना में कम रोगियों के नामांकन कराने को चिन्हित किया है।

डॉ आयलवर्ड ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि दुनिया अभी तक इस महामारी से निपटने के लिए खुद को तैयार नहीं कर सकी है, लेकिन चीन ने जो मॉडल अपने यहाँ तैयार कर लिया है, उसके ज़रिये इस प्रक्रिया को तेज़ किया जा सकता है। महामारी की कगार पर खड़े देशों से उन्होंने अनुरोध किया है कि वे अपने यहाँ तत्काल कठोर और आक्रामक कार्यक्रमों को अपनाएं, जिसमें उन्होंने भारी संख्या में अस्पतालों की उपलब्धता, जिनमें वेंटिलेटर जैसे साँस सम्बन्धी उपकरणों की उपलब्धता के साथ ऐसे रोगियों से तत्काल संपर्क साधने के लिए भारी मात्रा में कर्मचारियों की तैनाती जैसे उपाय गिनाए हैं।

मुख्य चिंताओं में से सबसे प्रमुख चिंता इस बात को लेकर है कि ढेर सारे केस ऐसे होते हैं जो पकड़ में ही नहीं आ पाते। इस दल ने पाया कि चीन के मामले में यह संख्या काफी अधिक नहीं रही है। चीन ने दो नए सीरोलॉजी (सीरम) परीक्षणों को भी मंजूरी दी है, जो इस मामले के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होंगे। 

डब्ल्यूएचओ और चीन के इस संयुक्त मिशन का मानना है कि सभी देशों को इस मामले में अपनी मुस्तैदी को बढ़ाना आज बेहद अहम है, क्योंकि इससे प्रभावित होने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यदि मीडिया में आ रही रिपोर्टों को देखें तो संख्या के मामले में यूरोप में इटली सबसे आगे है, जहाँ पर इसके 300 मामले प्रकाश में आये हैं और पहले ही दस लोगों की मौत हो चुकी है। ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया और स्विट्जरलैंड ऐसे देश हैं, जहाँ पर नए मामले देखने को आ रहे हैं। इसी प्रकार दक्षिण कोरिया में इस संक्रमण के 100 मामले हैं और दस से अधिक मौत हो चुकी हैं, जबकि ईरान में इस प्रकार के मामलों के आँकड़े 100 के पार जा चुके हैं।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

COVID-19: WHO-China Joint Mission Says China’s Handling of the Disease is Historic

COVID-19
WHO-China Joint Mission on COVID-19
China Model of Fighting Coronavirus
Coronavirus China
methods to tackle coronavirus

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License