NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र-समर्थक शक्तियों पर कार्रवाई जारी
स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र-समर्थक दलों ने राजा मस्वाती की सेना द्वारा किए गए अत्याचारों को नज़रअंदाज़ करने के लिए साउदर्न अफ़्रीका डेवलपमेंट कम्युनिटी के प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की है।
पीपल्स डिस्पैच
06 Jul 2021
स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र-समर्थक शक्तियों पर कार्रवाई जारी

फरार राजा मस्वाती की सेना की कार्रवाई को सहन कर रहे स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र समर्थक शक्तियों ने प्रदर्शनकारियों की मांगों की वैधता को स्वीकार करने में विफल रहने और पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों द्वारा उनके खिलाफ किए गए अत्याचारों पर चुप रहने को लेकर साउदर्न अफ्रीकन डेवलपमेंट कम्युनिटी (एसएडीसी) की निंदा की है।

रविवार 4 जुलाई को एसएडीसी का एक प्रतिनिधिमंडल स्वाज़ीलैंड की अपनी यात्रा पर सरकार से मिला लेकिन विपक्षी दलों को सुनने में विफल रहा जिन पर 1973 से सम्राट ने प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बोत्सवाना के राष्ट्रपति और एसएडीसी के ऑर्गन ऑन पॉलिटिक्स, डिफेंस एंड सिक्योरिटी के अध्यक्ष मॉकग्वीट्सी मैसिसी ने किया।

दो दिन पहले 2 जुलाई को मैसिसी ने एक बयान जारी कर कहा था कि सुरक्षा बलों द्वारा एक प्रदर्शनकारी को मार दिया गया था। इस पूरी ख़ामोशी ने कई राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों को नाराज कर दिया है।

जिस दिन मैसिसी ने यह बयान जारी किया उसी दिन पांच राजनीतिक दलों के गठबंधन पॉलिटिकल पार्टीज असेंबली (पीपीए) ने घोषणा की थी कि उसने लोकतंत्र-समर्थक विरोध प्रदर्शनों में मारे गए कम से कम 43 प्रदर्शनकारियों के नाम और पते का दस्तावेज तैयार किया था।

कथित तौर पर सेना को सम्राट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को कुचलने का आदेश देने के बाद अफ्रीका के अंतिम निरंकुश सम्राट राजा मस्वाती सोमवार 28 जून को देश से भाग गए जिसके बाद सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया जो पहली बार ग्रामीण स्वाज़ीलैंड में फैल गया। पीपीए के अनुसार, करीब एक हजार लोग घायल हुए हैं जिनमें से बड़ी संख्या घायल लोगों को गोलियां लगी हैं।

अधिकांश हत्याएं 29 जून को उस समय हुईं जब सेना ने उन सैकड़ों युवाओं पर गोलियां चला दीं जिन्होंने राजा के स्वामित्व वाली संपत्तियों और व्यवसायों पर हमला करना शुरू कर दिया था। लोकतांत्रिक सुधारों की मांग करने वाली मांगों की याचिकाओं को देने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा देश भर में एक अभूतपूर्व शांतिपूर्ण मार्च पर पुलिस द्वारा हिंसक कार्रवाई के बाद सम्राट के खिलाफ विरोध आंदोलन आक्रामक रुप ले लिया जो स्वाज़ीलैंड की अर्थव्यवस्था के अधिकांश हिस्से के मालिक है।

हालांकि बुधवार 30 जून को भी विरोध प्रदर्शन और गोलीबारी की खबरें आई थीं। इस दिन तक देश के अधिकांश इलाकों को सेना के नियंत्रण में ले लिया गया था। सेना कथित तौर पर लोगों के घरों में घुस रही है और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के संदेह में लोगों पर हमला कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है। पीपीए का अनुमान है कि करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

Communist Party of Swaziland
Congress of South African Trade Unions
COSATU
People's United Democratic Movement
PUDEMO
Police repression
South Africa

Related Stories

गुटनिरपेक्षता आर्थिक रूप से कम विकसित देशों की एक फ़ौरी ज़रूरत

स्वाज़ीलैंड : वेतन के ऊपर जारी विवाद के बीच, पुलिस ने शिक्षक संघ के अध्यक्ष के खिलाफ़ कार्रवाई फिर से शुरू की

श्रमिक संघों ने दक्षिण अफ्रीकी डेयरी दिग्गज पर पेट्रोल बम हमले करवाने और धमकाने के आरोप लगाये

कोविड-19 : दक्षिण अफ़्रीका ने बनाया अपना कोरोना वायरस टीका

COP-26 में जिस एकमात्र व्यक्ति पर गिरफ़्तारी के बाद धाराएं लगाई गईं, वह कम्यूनिस्ट था

ट्रिप्स छूट प्रस्ताव: पेटेंट एकाधिकार पर चर्चा से कन्नी काटते बिग फार्मा

दक्षिण अफ़्रीका के ट्रेड यूनियनिस्ट के हत्यारों की अब तक नहीं हुई गिरफ़्तारी

दक्षिण अफ़्रीका ने इज़रायल को पर्यवेक्षक का दर्जा देने वाले अफ़्रीकी संघ की आलोचना की

स्वाज़ीलैंड में अभूतपूर्व लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों से अफ़्रीका के अंतिम सम्राट परेशान

दक्षिण अफ़्रीकी अदालत ने सऊदी अरब और यूएई को हथियारों के निर्यात के परमिट की न्यायिक समीक्षा का आदेश दिया


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License