NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
डच मेटल वर्कर्स के आंदोलन के बाद नया समझौता हुआ तैयार
कई महीनों के विरोध प्रदर्शन और ट्रेड यूनियनों और नियोक्ताओं के बीच सौदेबाजी के बाद नया कॉलेक्टिव लेबर अग्रीमेंट (सामूहिक श्रम समझौता) आख़िरकार नतीजे पर पहुंचा। इसने लगभग 8% के चरणबद्ध वेतन वृद्धि को प्रस्ताव मंज़ूर किया है।
पीपल्स डिस्पैच
19 Sep 2019
dutch metal worker

महीनों के लगातार विरोध-प्रदर्शन और बातचीत के बाद डच मेटल वर्कर्स आख़िरकार 5 सितंबर को एक निष्पक्ष कॉलेक्टिव लेबर अग्रीमेंट (सामूहिक श्रम समझौते) हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इस नए श्रम समझौते में लगभग 8% की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव है, जिसे 28 महीनों में तीन चरणों में बढ़ाया जाना है।

एफएनवी मेटल ट्रेड ट्रेड यूनियन ने बताया है कि इस वेतन वृद्धि को तीन किश्तों में विभाजित किया गया है। 1 दिसंबर 2019 तक 3.5% की पहली वृद्धि होनी निर्धारित है जबकि 1 जुलाई 2020 को अगला 3.5% और 1 मार्च 2021 को 0.93% वृद्धि होना निर्धारित है। फरवरी 2021 में ईयूआर 306 का अंतिम एकमुश्त नाममात्र का भुगतान भी किया जाएगा। इसके अलावा नियोक्ताओं ने कम से कम 5,000 फ्लेक्सिबल वर्कर्स को स्थायी अनुबंध देने का वादा किया है।

युवा श्रमिकों के लिए वेतन वृद्धि को लेकर भी एक समझौता किया गया है। वेतन में वृद्धि की गई है और उसे समायोजित कर दिया गया है खासकर उन लोगों के लिए जो 21 वर्ष की आयु वर्ग में आते हैं। इसी समय जनरेशन पैक्ट ने सुनिश्चित किया है कि पुराने कर्मचारियों के पास रिटायरमेंट की उम्र तक कम काम करके अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने का विकल्प है। उनके अनुसार उनका वेतन समायोजित किया जा रहा है। 60 वर्ष की आयु से कर्मचारी 90% मजदूरी और 100% पेंशन के साथ भिन्न रुपों में 80% काम करने के लिए भाग लेने के हक़दार हैं। इससे युवाओं को कार्यबल में शामिल होने का अवसर मिलेगा।

डच मेटल सेक्टर में लगभग 300,000 कर्मचारी कार्यरत हैं जो मुख्य रूप से इंस्टॉलेशन, इंसुलेशन, मशीनिंग, बॉडीवर्क, गोल्ड और सिल्वर इंडस्ट्री में हैं। कई अन्य छोटी मेटालर्जिकल कंपनियों द्वारा भर्ती किए जाने के अलावा वे बड़ी कंपनियों जैसे इंजी (Engie), एसपीआईई (SPIE), स्ट्रकटन (Strukton), टीएमएस (TMS) द्वारा भर्ती किए जाते हैं।

सॉलिडेयर ने रिपोर्ट किया है कि मार्च 2018 में दो मुख्य धातु श्रमिकों की ट्रेड यूनियनों, एफएनवी मेटाल और सीएनवी प्रोफेशनल्स ने अपने सदस्यों का सर्वे किया था और कुछ सामूहिक मांगों को सामने रखा था। इनमें 1 जून तक 5% की मज़दूरी बढ़ोतरी, मामूली युवा मज़दूरी को हटाने, 60 साल की उम्र के लोगों से कम काम कराने का अधिकार और "फ्लेक्स वर्कर्स" के लिए निश्चित अनुबंध शामिल थें। शुरु में नियोक्ताओं की तरफ से मिले उदासीन प्रतिक्रियाओं से गुस्सा होकर इन मेटल श्रमिकों ने जून और सितंबर में हड़ताल करने की धमकी दी थी।

एफएनवी मेटाल के निदेशक जैकी वान स्टिग्ट ने कहा कि, “मेटल एंड टेक्नोलॉजी में हड़ताल करने वालों का शुक्रिया, अब लगभग 8% की अच्छी वेतन वृद्धि के साथ एक संतोषजनक सीएलए है। केवल अभियानों के दबाव के ज़रिए से मेटल नियोक्ताओं को एहसास हुआ कि उन्हें बेहतर समझौते करने होंगे। सेवानिवृत्ति तक काम करते रहने में सक्षम होने के लिए जेनेरेशनल पैक्ट का अधिकार बहुत महत्वपूर्ण है। 5,000 फ्लेक्स वर्कर्स को मिलने वाले स्थायी अनुबंध की प्रतिबद्धता से मैं भी बहुत खुश हूं। इस पैकेज ने इस क्षेत्र को श्रमिकों के लिए और अधिक आकर्षक बना दिया है, और तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी के इस समय में इसकी सख्त ज़रूरत है।"

Collective Labor Agreement
CLA
FNV Metaal
FNV Onderwijs en Onderzoek
r Workers' Rights
Labour Right

Related Stories

माघ मेला: संगम में मेला बसाने वाले जादूगर हाथों का पुरसाहाल कोई नहीं

समाज बदलने की बात करो, या चुप रहो

''मजदूरों का संवैधानिक अधिकार छीनना उन्हें आधुनिक गुलाम बनाने जैसा है''

आर्थिक मंदी की आड़ में श्रमिकों के खिलाफ साज़िश!

श्रम कानूनों में बदलाव के ख़िलाफ़ मज़दूर एकजुट, देशभर में प्रतिरोध

क्या आपको मालूम है श्रम क़ानूनों में बदलाव का क्यों हो रहा है विरोध?

उत्तराखंड : माइक्रोमैक्स के मज़दूरों का संघर्ष लाया रंग, कोर्ट ने लगाई शिफ्टिंग पर रोक

चांद पर पहुंचता भारत और सीवर में मरते सफाईकर्मी

7 महीने से आंदोलनरत मज़दूरों की प्रतिरोध सभा, एकजुटता का आह्वान

दिल्ली : फैक्ट्रियों में हो रहे आग हादसों के खिलाफ मज़दूरों का प्रदर्शन  


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License