NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली सरकारी स्कूल: सैकड़ों छात्र लचर व्यवस्था के कारण दाखिला नहीं ले पा रहे
सैकड़ों छात्रों को दिल्ली सरकार के स्कूलों ने बिना किसी ठोस आधार के दाखिले से इनकार कर दिया गया है। इसी पर उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से 9 जुलाई तक जबाब माँगाI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Jul 2018
दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था
Image Courtesy: Hindustan Times

विशाल दिल्ली के मॉडल टाऊन में रहते हैं उन्होंने बताय की उन्होंने 10वीं राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग) से किया है | अब वो 11वीं में दिल्ली के सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहतें हैं परन्तु उन्हें कोई स्कूल दाखिला देने को तैयार नहीं है |

इसी प्रकार रागनी वर्मा ने भी 10 वीं राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग) से किया है | अब वो 11वीं में दिल्ली के स्कूल में दाखिला लेना चाहती हैं परन्तु उसे कोई स्कूल दाखिला देने को तैयार नहीं है| जिससे वो बेहद निराश हैं| वो पढ़ना चाहती है,लेकिन दाखिला नहीं मिल रहा|

दिल्ली में इन्हीं की तरह और भी सैकड़ो बच्चे है जो ऐसी ही समस्याओं से जूझ रहे हैंI वो पढ़ना चाहते हैं लेकिन यह व्यवस्था पढने नहीं दे रही|

दिल्ली में 2009 में शिक्षा के अधिकार लागू हुआI दिल्ली की मौजूदा केजरीवाल सरकार का दावा है कि दिल्ली शिक्षा व्यवस्था में उनके क्रन्तिकारी सुधार से शहर की शिक्षा व्यवस्था का काया-पलट हो गयी है| परन्तु कटु सत्य यह है कि इस व्यवस्था के करण ही दिल्ली के लाखों बच्चे अब भी स्कूली शिक्षा से दूर है|  

दिल्ली में सरकार ने अपने शिक्षा बजट तो बढ़ाया है परन्तु शिक्षा को समावेशी बनाना होगा| दिल्ली कई ऐसे बच्चे है जिनका दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं हो रहा है| इनमें अधिकतर गरीब और अति पिछड़े वर्ग बच्चे है जिनका सरकारी स्कूल छोड कोई और सहार नहीं होता है | वो भी उन्हें अलग–अलग कारण बता कर प्रवेश नहीं देते हैं जैसे कभी बच्चों को आधार कार्ड न होने, जन्म प्रमाण पत्र न होने, आवास प्रमाण पत्र न होने या उम्र अधिक होने के कारण दाखिले देने से मना कर देते हैं| तब ये गंभीर प्रश्न उठता है कि ये बच्चे कहाँ जायें?

यह उनके शिक्षा के अधिकार का सीधा–सीधा उल्लंघन है जो सविधान उन्हें देता है और सरकार की ये संवैधानिक ज़िम्मेदारी है कि वो सभी बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने का समान वा उचित अवसर दे|

इसी समस्या को लेकर आल इण्डिया पैरंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ट वकील अशोक अग्रवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जिसमें उन्होंने वो सारी दिक्कतें बतायीं जो छात्रों को दाखिल के दौरान उठानी पड़ती हैं|

आज इसी मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय में अशोक अग्रवाल ने एक पत्र पेश किया, जो उन्होंने दिल्ली सरकार को लिखा था| जिसमें उन 176 बच्चों का ब्यौरा है जिन्हें विभिन्न स्कूलों ने अलग-अलग कारणों से दाखिला करने से मना कर दिया|

अग्रवाल ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने इस पर सुनवाई करते हुए सकरात्मक रुख दिखाया है| मुख्य न्यायाधीश के बेंच (गीता मित्तल एसीजे और सी० हरि शंकर जे) ने आज केजरीवाल सरकार को सोमवार 9 जुलाई 2018 को सोशल जूरिस्ट की याचिका में उल्लिखित छात्रों के 5 मामलों और 176 मामलों के बारे में बताते हुए कार्यवाही की रिपोर्ट (action taken report ) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई की अगली तारीख 9 जुलाई 2018 है।

शिक्षा का अधिकार
शिक्षा व्यवस्था
दिल्ली के सरकारी स्कूल
दिल्ली सरकार
आधार कार्ड

Related Stories

शर्मा को पता है कि वे आधार की चुनौती के सामने हार गये हैं

दिल्ली सरकारी स्कूल: छात्र अपने मनचाहे विषय में दाखिला ले सकेंगे!

दिल्ली में पानी संकट चरम पर, सरकार को समय पर कदम उठाने चाहिए

दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की माँग पर जनता की राय

दिल्ली में कक्षा 12वीं तक ईडब्ल्यूएस छात्र शिक्षा ले सकतें है?

क्या आधार एक डूबता जहाज़ है ?

श्रमिक अधिकार और इनके प्रति सरकारों का बर्ताव

कैग रिपोर्ट: दिल्ली सरकार ने लक्षित लोगो की मदद की जगह फिजूलखर्ची की

सरकारों के लिए न्यूनतम मज़दूरी बस कागज़ी बातें हैं

कैग रिपोर्ट पर दिल्ली सरकार ने सफाई दी और साथ ही उप राज्यपाल पर भी निशान साधा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License